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आरोपित मुकेश सिन्हा को हाइकोर्ट से मिली जमानत

भागलपुर: बागबाड़ी बाजार समिति में दुकान आवंटन में धांधली के मामले में आरोपित सदर अनुमंडल कार्यालय के रहे लिपिक मुकेश सिन्हा को हाइकोर्ट से राहत मिल गयी है. हाइकोर्ट के न्यायाधीश किशोर कुमार मंडल ने उनकी जमानत की याचिका को मंजूर कर लिया. निलंबित लिपिक मुकेश कुमार सिन्हा के खिलाफ चल रही विभागीय कार्रवाई भी […]

भागलपुर: बागबाड़ी बाजार समिति में दुकान आवंटन में धांधली के मामले में आरोपित सदर अनुमंडल कार्यालय के रहे लिपिक मुकेश सिन्हा को हाइकोर्ट से राहत मिल गयी है. हाइकोर्ट के न्यायाधीश किशोर कुमार मंडल ने उनकी जमानत की याचिका को मंजूर कर लिया. निलंबित लिपिक मुकेश कुमार सिन्हा के खिलाफ चल रही विभागीय कार्रवाई भी अंतिम चरण में है.

जल्द ही कार्रवाई के तहत प्रशासनिक निर्देश जारी होंगे. विजिलेंस की जांच में मुकेश सिन्हा ने कुमार अनुज के खिलाफ बयान दिये थे, जिसमें उन्होंने बाजार समिति में दुकान आवंटन को लेकर मिली राशि को तत्कालीन विशेष पदाधिकारी कुमार अनुज को देने की बात कही है.

प्रशासन के निर्देश पर दो और जांच शुरू. सामान्य प्रशासन से कुमार अनुज के खिलाफ दो और जांच शुरू हो गयी है. इसमें डॉ दानिश रिजवान की तरफ से दी शिकायत के आधार पर रिपोर्ट देनी है. डॉ दानिश ने आरोप लगाया कि तिलकामांझी चौक पर तत्कालीन एसडीओ कुमार अनुज ने मेडिकल कॉलेज के एक छात्र कुमार गौरव पर गलत केस किया था. इस मामले में कुमार गौरव ने कोर्ट में नालसीवाद भी दायर किया है. इसके अतिरिक्त उनके पटना स्थित क्वार्टर में चालक की मौत के मामले में भी शिकायत दी है. दोनों ही मामले में स्थानीय स्तर पर जांच शुरू हो गयी है.
आज कुमार अनुज के नीलाम पत्र वाद पर सुनवाई
कृषि उत्पादन बाजार समिति बागबाड़ी भागलपुर में विभिन्न गैर शैक्षणिक कार्य हेतु शिक्षकों को प्रतिनियुक्त करने के मामले में बक्सर के वरीय उपसमाहर्ता एवं भागलपुर के तत्कालीन सदर अनुमंडल पदाधिकारी कुमार अनुज के खिलाफ नीलाम पत्र वाद में आज (मंगलवार) सुनवाई होगी. नीलाम पत्र पदाधिकारी सह जिला आपूर्ति पदाधिकारी देवेंद्र कुमार दर्द के पास पिछली तारीख में कुमार अनुज की तरफ से अधिवक्ता अवधेश कुमार आचार्या ने सेक्शन-9 के तहत आपत्ति दर्ज की थी. अधिवक्ता ने कहा कि ‘ पब्लिक डिमांड रिकवरी ‘ के दायरे में बागबाड़ी में शिक्षक की प्रतिनियुक्ति का मामला नहीं आता है. पब्लिक डिमांड रिकवरी बैंकिंग लोन या फिर उधार की राशि को लेकर होता है. कुमार अनुज ने कोई लोन नहीं लिया था, जिसकी रिकवरी शिक्षा विभाग करना चाहता है. इस कारण शिक्षा विभाग का नीलाम पत्र वाद चलने योग्य नहीं है. नीलाम पत्र पदाधिकारी ने शिक्षा विभाग को सेक्शन-9 के तहत दर्ज आपत्ति का जवाब देने का निर्देश दिया था.

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