भागलपुर: फायरिंग में घायल एसएम कॉलेज की छात्रा फूल उर्फ प्रीती कुमारी को किसी ‘अपनों’ ने ही गोली मारी है. पुलिस की अब तक की छानबीन में इस बात का पता चला है. पुलिस सूत्रों ने बताया कि फायरिंग सड़क पर नहीं, बल्कि छात्रा के घर में हुई है. पिस्तौल की छीना-झपटी में गोली चली, जो छात्रा के हाथ और पेट में लग गयी. इस बात का पुलिस के पास कोई पुख्ता सबूत नहीं है, इस कारण पुलिस उस ‘अपनों’ पर हाथ डालने से कतरा रही है.
सच छिपा रहे हैं परिजन
घटना के बाद से ही पूरे मामले को छात्रा के परिजन दबाने का प्रयास कर रहे हैं. यही वजह है कि घटना के बाद पुलिस को किसी ने मामले की जानकारी नहीं दी. अस्पताल पहुंचने पर पुलिस के अपने सूत्र ने मामले की जानकारी आदमपुर थानाध्यक्ष को दी. पुलिस जब अस्पताल पहुंची तो परिजन किसी भी सवाल का सही तरीके से जबाव नहीं दे रहे थे. पूछने पर परिजन सोच कर सवालों का जबाव देते. पुलिस का कहना है कि परिजन कुछ न कुछ छिपा रहे हैं.
छात्र नेता मिले छात्रा से
उधर, एनएसयूआइ के कई छात्र नेता शनिवार को जेएलएनएमसीएच पहुंचे और जख्मी छात्र फूल कुमारी का कुशलक्षेम पूछा. छात्र से मिलने वालों में एनएसयूआइ के बांका जिला अध्यक्ष गौरव कुमार, प्रशांत बनर्जी, राकेश भाटिया, आदित्य झा, नीरज कुमार वर्मा, सुनील कुमार आदि शामिल हैं. नेताओं ने इस कांड के आरोपितों की शीघ्र गिरफ्तारी की मांग की.
विरोधाभासी बयानों से पुलिस को हुई शंका
इस घटना में जख्मी छात्र, घटना का चश्मदीद छात्रा का भाई मोंटी और अन्य परिजनों के विरोधाभाषी बयान से पुलिस को शंका हुई. छात्र के बताये गये घटनास्थल पर पुलिस को वैसी कोई बात जांच में हाथ नहीं लगी, जिससे गोली लगने की बात सच साबित हो. जख्मी छात्रा फूल की ओर से दर्ज की गयी प्राथमिकी में कहा गया है कि वह अपने भाई मोंटी के साथ आदमपुर चौक से सब्जी खरीद कर अपने घर कोयलाघाट जा रही थी. रास्ते में यूको बैंक लीची बगान के पास तीन युवक आपस में झगड़ा कर रहे थे. उसी में गोली चल गयी और फूल को गोली लग गयी. फूल ने बताया कि वह सड़क के बायी ओर थी. जबकि तीनों युवक सड़क के दायी ओर थे. लेकिन छात्र के बायें हाथ और पेट के बायें भाग में गोली कैसे लगी ? अगर गोली चली तो छात्रा के दाहिनी हाथ में गोली लगनी चाहिए थी न कि बायें हाथ में. घटना के चश्मदीद फूल कुमारी के भाई मोंटी ने रात में पुलिस को बताया था कि बाइक पर दो युवक पीछे से आये और उसकी बहन को गोली मार कर भाग निकले. अंधेरा रहने के कारण मोंटी न बाइक का नंबर देख सका और न ही उनका चेहरा. घटना के समय मोंटी आगे-आगे चल रहा था, जबकि उसकी बहन दो कदम पीछे थे. हालांकि छात्र का कहना है कि अपराधी की संख्या दो नहीं, तीन थी. मोंटी का भी कहना है कि अपराधी सड़क की दायी ओर से थे और गोली मार कर भाग निकले. ऐसे में यह सवाल उठता है कि दायी ओर से अगर गोली चली तो वह बायें हाथ में कैसे लग गयी?