सूत्रों के मुताबिक, उप विकास आयुक्त की जांच रिपोर्ट में कई दुकानदारों के नाम का उल्लेख है. बाजार में एक से अधिक दुकान भी अलॉट हुआ है और परती जमीन को भी दुकान बनाने के लिए किराया पर दिया गया है. दुकानदारों से लिये गये पैसे, उनके पास की रसीद तथा अप्रत्यक्ष रूप से आरोपित रिश्वत की राशि की भी पड़ताल होगी.
दुकानदार दुकान लेने के लिए किस तरह से समिति से संपर्क करते थे और दुकान व गोदाम को लेकर रिश्वत की राशि किसके माध्यम से दी गयी, यह भी जांच के दौरान पता लगाया जायेगा. सूत्र बताते हैं कि बाजार समिति के कर्मचारी मुकेश कुमार सिन्हा, राजेश जायसवाल ने अपने बयान में समिति के उस समय की कार्यप्रणाली को काफी हद तक स्पष्ट कर दिया है. उनके बयान को दुकानदारों के लगाये गये आरोप से मिलान करना है. जिससे घोटाले की रिपोर्ट में कड़ी से कड़ी जोड़ा जा सके. बाजार समिति की जांच में पुलिस की केस डायरी का भी सहयोग लिया जा रहा है.