घोटाला. अकाउंट पेयी चेक पर मनोरमा देवी के हस्ताक्षर से उठ रहे कई सवाल
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11 बजे खाता खोला, 12 बजे छह करोड़ जमा, पहुंच गया मनोरमा देवी के पास
घोटाला. अकाउंट पेयी चेक पर मनोरमा देवी के हस्ताक्षर से उठ रहे कई सवाल पंजाब नेशनल बैंक से छह करोड़ की राशि चेक के जरिये बैंक ऑफ बड़ौदा के जिला कल्याण कार्यालय के खाते में होनी थी जमा भागलपुर : करोड़ों के सृजन घोटाले में एक और चौंकाने वाला तथ्य सामने आया है. बैंक ऑफ […]
पंजाब नेशनल बैंक से छह करोड़ की राशि चेक के जरिये बैंक ऑफ बड़ौदा के जिला कल्याण कार्यालय के खाते में होनी थी जमा
भागलपुर : करोड़ों के सृजन घोटाले में एक और चौंकाने वाला तथ्य सामने आया है. बैंक ऑफ बड़ौदा की मुख्य शाखा में जिस दिन नया सरकारी खाता खोला गया, उसी दिन छह करोड़ का चेक जमा किया गया और इसके बाद सरकारी खाते में राशि जमा न होकर मनोरमा देवी को चली गयी. यानी, 11 बजे दिन में खाता खुला, दोपहर 12 बजे चेक जमा किया गया और सरकारी खाते में जमा होने के बजाय मनोरमा देवी के पास राशि पहुंच गयी. जीरो बैलेंस पर खुले खाते में छह करोड़ भेजे जाने के बावजूद बैलेंस जीरो ही रह गया.
मजे की बात यह है कि उस वक्त जब बैंक ने स्टेटमेंट उपलब्ध कराया, तो उसमें छह करोड़ क्रेडिट अंकित था. सृजन घोटाले का घड़ा फूटने के बाद 10 अगस्त 2017 को जब बैंक स्टेटमेंट निकलवाया, तो उस दिन जमा राशि छह करोड़ को शून्य पाया गया. यह जांच में उजागर हुआ है. उक्त तथ्यों के आधार पर बैंक ऑफ बड़ौदा द्वारा जिला कल्याण पदाधिकारी के पदनाम से निर्गत चेक को बैंक और सृजन के द्वारा जालसाजी कर मनाेरमा देवी के खाते में जमा करने का आरोप लगा है.
वर्तमान और तत्कालीन प्रबंधक के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज करायी जा चुकी है. जिला कल्याण कार्यालय, भागलपुर के बैंक खाता संख्या 1200002100000734 जो कि पंजाब नेशनल बैंक बरारी में 30 मार्च 1989 को खोला गया था, इससे छह करोड़ का चेक संख्या 333574 आठ नवंबर 2016 को जिला कल्याण पदाधिकारी, भागलपुर के पदनाम से निर्गत किया गया. बैंक ऑफ बड़ौदा में नया खाता संख्या 10010100016165 जो आठ नवंबर 2016 को ही खोला गया था.
चेक को उसी खाते में जमा करने के लिए आठ नवंबर 2016 को ही बैंक ऑफ बड़ौदा को प्राप्त कराया गया था. मगर, यह राशि बैंक ऑफ बड़ौदा के नया खाता 10010100016165 में जमा न होकर सीधे मनोरमा देवी के खाते में चली गयी.
यह कैसे संभव है ? जवाब बैंक के पास भी नहीं
आठ नवंबर 2016 को जिला कल्याण पदाधिकारी ने अपने ही पदनाम से छह करोड़ का जब चेक (333574) काटा, तो जाहिर है यह अकाउंट पेयी चेक ही होगा जो बैंक ऑफ बड़ौदा के नया खाता में ही जमा होना चाहिए था. मगर, चेक पर मनोरमा देवी का हस्ताक्षर है. यानी, राशि पानेवाली मनोरमा देवी ही है. ऐसे में सवाल उठता है कि यह कैसे संभव है कि अकाउंट पेयी चेक की राशि किसी दूसरे व्यक्ति के हाथ में चली जाये? सूत्रों के अनुसार इसका जवाब अभी तक बैंक भी नहीं दे सका है.
सूत्रों के अनुसार नया खाता खोलने के समय (आठ नवंबर 2016) में बैंक ऑफ बड़ौदा की मुख्य शाखा के मैनेजर नैय्यर आलम थे. 10 अगस्त 2017 को जब स्टेटमेंट निकलवाया गया, तो वहां के मैनेजर नवीन कुमार साहा है. तत्कालीन मैनेजर नैयर आलम का स्थानांतरण भागलपुर से पूर्णिया हुआ और इसके बाद यानी, 21 जुलाई 2017 को नवीन कुमार साहा ने योगदान दिया है और इसके ही कार्यकाल में निकलवाये गये स्टेटमेंट में उस वक्त की जमा राशि छह करोड़ शून्य मिली है.
बैंकों में घोटाले से जुड़े मामले की आंतरिक जांच जारी
सृजन घोटाले से जुड़े मामले की बैंक में आंतरिक जांच जारी है. यह अभी तक पूरी नहीं हुई है. सूत्रों के अनुसार जांच पूरी होगी, तो इसकी रिपोर्ट सीबीआइ के अलावा शासन-प्रशासन व बैंकों के हेडक्वार्टर को भी भेजी जायेगी. इंडियन बैंक में कोलकाता की जांच टीम एवं पटना की विजिलेंस जांच कर रही है. वहीं बैंक ऑफ बड़ौदा में हेडक्वार्टर स्तर की टीम जांच कर रही है.
फर्जी स्टेटमेंट में अंकित, मगर नये में राशि शून्य
आठ नवंबर 2016 को जब छह करोड़ का चेक जमा किया गया था, तो बैंक द्वारा उपलब्ध कराये गये स्टेटमेंट में 10 नवंबर 2016 की तिथि में अंकित है. मगर, 10 अगस्त को जब वर्तमान में मैनेजर नवीन कुमार साहा के कार्यकाल में स्टेटमेंट उपलब्ध कराया गया, तो इसमें आठ नवंबर से लेकर पांच दिसंबर 2016 तक कोई राशि जमा अंकित नहीं है. राशि शून्य है. छह दिसंबर 2016 को चेक संख्या 474677 का एक करोड़ 35 लाख 12 हजार 903 रुपये अंकित है और इस राशि के बाद से ही हर जमा -निकासी का जोड़-घटाव है.
वहीं फर्जी स्टेटमेंट में अंकित छह करोड़ जमा राशि के बाद का जमा-निकासी का जोड़-घटाव है. इस तरह से हर जमा-निकासी के बाद खाते का बैलेंस भी पुराने और नया अद्यतन स्टेंटमेंट में भिन्न है. यानी, खाता खुलने के बाद से लेकर 10 अगस्त 2016 से पहले तक जिला कल्याण विभाग को बैंक से फर्जी स्टेटमेंट मिलता रहा है.
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