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सृजन का फजीवाड़ा सृजन मामले में जल्दी ही मिल सकती बड़ी जानकारी

सीबीआइ जांच की प्रगति देख हो रही है चर्चा भागलपुर : सैकड़ों करोड़ रुपये के सृजन फर्जीवाड़े में सीबीआइ जांच प्रगति पर है. जल्दी ही इस पूरे मामले में कुछ बड़ी जानकारी मिल सकती है. अटकलों का बाजार गर्म है. कहा तो यहां तक जा रहा है कि सीबीआइ की टीम ने बेहद गोपनीय तरीके […]

सीबीआइ जांच की प्रगति देख हो रही है चर्चा

भागलपुर : सैकड़ों करोड़ रुपये के सृजन फर्जीवाड़े में सीबीआइ जांच प्रगति पर है. जल्दी ही इस पूरे मामले में कुछ बड़ी जानकारी मिल सकती है. अटकलों का बाजार गर्म है. कहा तो यहां तक जा रहा है कि सीबीआइ की टीम ने बेहद गोपनीय तरीके से सृजन मामले से जुड़े करीब 200 लोगों को नोटिस भेज कर तमाम जानकारियां मांगी है. सीबीआइ अपने स्तर से इस मामले में एक कॉमन प्रश्नावली भी तैयार कर रही है. संभवत: इस प्रश्नावली का उपयोग सृजन से जुड़े लोगों से पूछताछ में की जायेगी.
चर्चा तो यहां तक है कि सृजन महिला विकास समिति की सचिव रजनी प्रिया कुमार और उनके पति अमित कुमार एवं फर्जीवाड़े में प्रमुख भूमिका निभाने वाले कुछ अन्य प्रमुख लोग भी जल्दी ही सामने आ सकते हैं. कुछ लोग तो शहर में दिखने भी लगे हैं. करीब 1500 करोड़ के सृजन फर्जीवाड़े में पुलिस और एसआइटी की भूमिका भी अब करीब-करीब दर्शक की है. सूत्रों की मानें तो सीबीआइ के अधिकारी रात-दिन सूत्र जोड़ने में लगे हैं. इस बात का पूरा ध्यान रखा जा रहा है कि कोई भी जानकारी मीडिया में न आने पाये.
75 से अधिक बैंक खाते सील
सृजन फर्जीवाड़ा सामने आने के बाद से अब तक 75 से ज्यादा बैंक खातों के लेन-देन पर रोक लगायी जा चुकी है. इन खातों में से 30 तो केवल सृजन महिला विकास सहयोग समिति लिमिटेड के ही हैं. पुलिस एसआइटी के काम की देखरेख करने वाले एक आला अधिकारी के मुताबिक सीबीआइ इन खातों के लेनदेन की बारीकी से जांच कर रही है. इन्हीं खातों से सरकारी धन सृजन के खाते और वहां से रसूखदारों, बल्डिरों, शो-रूम मालिकों, अधिकारियों और उनकी पत्नी के नाम हस्तांतरित किये गये हैं. इनमें कुछ मीडिया से जुड़े लोगों के भी नाम हैं. जेल में बंद कल्याण विभाग के अधिकारी अरुण कुमार की पत्नी इंदु गुप्ता के भी खाते हैं.
तस्वीरें देख कर
सीबीआइ भी दंग
सृजन के सबौर स्थित कार्यालय में नेताओं, मंत्रियों और अधिकारियों खासकर ज़िलाधिकारियों के साथ दीवारों पर टंगी तस्वीरें पुलिस के जरिये सीबीआइ तक पहुंच चुकी हैं. इन पर भी गहन जांच चल रही है. इससे ये भी साबित होता है कि सृजन की संचालिका मनोरमा देवी और उनके बेटे अमित कुमार की पकड़ समाज के प्रभावशाली तबके के बीच शुरू से थी. हालांकि पुलिस अधिकारियों का कहना हैं कि आरोपियों के साथ बड़े लोगों की तस्‍वीरों से कुछ साबित नहीं होता.

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