भागलपुर : करोड़ों के सृजन घोटाले की जांच में प्रशासन ने तो आरोपी इंडियन बैंक और बैंक ऑफ बड़ौदा की मुख्य शाखा को दोषी मान लिया है. केवल अब चेक पर हुए हस्ताक्षर की एफएसएल जांच रिपोर्ट आना बाकी है. अगर हस्ताक्षर फर्जी हुआ, तो बैंक पूरी तरह दोषी होगा. इधर, प्रशासनिक जांच रिपोर्ट के अनुसार बैंक ऑफ बड़ौदा,
भागलपुर के द्वारा खाता संख्या 10010100005215 से 23 फरवरी 2007 से सात अगस्त 2017 तक उपलब्ध बैंक डिटेल के आधार पर शेष राशि 50 लाख 61 हजार 652 रुपये 61 पैसे पाया गया. जबकि चेक पंजी में तीन अगस्त 2017 तक अंत में शेष राशि 18 करोड़ 80 लाख 38 हजार 296 रुपये 43 पैसे का अंतर आ रहा है. इसकी जांच बैंक आॅफ बड़ौदा द्वारा उपलब्ध करायी गयी बैंक डिटेल के आधार पर की गयी है. जांचोपरांत कई त्रुटियां पायी गयी है, जिसमें पांच अक्तूबर 2009 को चेक संख्या 5921 द्वारा बैंक ऑफ बड़ौदा खाते से पांच करोड़ की
निकासी की गयी. कार्यालय रिकॉर्ड के आधार पर जिला नजारत शाखा चेक संख्या 5921 द्वारा उक्त राशि की निकासी नहीं की गयी है. बैंक द्वारा अवैध निकासी का मामला बनता है. वहीं पांच अक्तूबर को चेक संख्या 5922 द्वारा बैंक ऑफ बड़ौदा खाते से पांच करोड़ रुपये की निकासी बैंक डिटेल में अंकित है. चेक पंजी को दखेने से प्रमाणित होता है कि जिला नजारत शाखा द्वारा चेक संख्या 5922 द्वारा राशि की निकासी नहीं हुई है. आठ अक्तूबर 2009 को चेक संख्या 5923 के द्वारा पांच करोड़ की अवैध निकासी हुई है. इस तरह से 15 करोड़ बैंक ऑफ बड़ौदा के खाता 10010100005215 से अवैध निकासी की गयी है. साथ ही जिला नजारत शाखा द्वारा भुगतान के लिए जब भी चेक निर्गत किया जाता था, तो उसके पहले बैंक में अज्ञात स्त्रोतों से खाते में राशि जमा कर दी जाती थी. इस आधार पर प्रशासन ने प्रमाणित किया है कि बैंक सरकारी धनराशि का दुरुपयोग धोखाधड़ी व गलत मंशा से प्रेरित है.