भागलपुर : सृजन, बैंकों और अफसरों की मिलीभगत से घोटाले के चलते धन की कमी से विकास कार्यों में रुकावट आयेगी. इससे भागलपुर के 10 साल पीछे चला जायेगा. वर्तमान में ऐसी कई परियोजनाएं हैं, जिस पर आनेवाले समय में काम होना है. इसमें से एक मुंगेर से मिर्जाचौकी तक लगभग 125 किमी लंबी फोरलेन की परियोजना भी है.
भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण के प्रस्तावित फोरलेन का खाका बनकर लगभग तैयार है. नये सिरे से डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट (डीपीआर) बननी शुरू हो गयी है. भूमि अधिग्रहण पर लगभग 700 करोड़ रुपये खर्च होने हैं, जिसमें पहले चरण में लगभग 300 करोड़ राशि को स्वीकृति मिली है. मगर, राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग का करोड़ों की राशि सृजन के खाते में स्थानांतरण और उजागर घोटाले के चलते जमीन अधिग्रहण को लेकर चल रही तैयारियां अब खटाई में पड़ सकती हैं.
मालूम हो कि जमीन अधिग्रहण के लिए पहले चरण का कार्य पूरा हो गया है. दूसरे चरण में अब किसानों की भूमि चिह्नित की जानी है. इसके बाद तीसरे चरण में किसानों को मुआवजा मिलना है. यह तो एक उदाहरण है. विजय घाट पुल, अगुवानी घाट पुल सहित कई परियोजनाएं है जिसके लिए अभी जमीन अधिग्रहण होना है.
सेंट टेरेसा के पास बाइपास के लिए 155 मीटर जमीन अधिग्रहण नहीं हो सका है. नये सिरे से प्रस्ताव राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग सौंपा गया है. इसको स्वीकृति मिल गयी है. मगर, घोटाले के चलते जमीन अधिग्रहण को लेकर संशय की स्थिति बन गयी है. हालांकि, बाइपास के कार्य एजेंसी जीआर इंफ्रा प्रोजेक्ट लिमिटेड के पीआरओ राकेश कुमार श्रीवास्तव ने बताया कि सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय (एमओआरटीएच) फंड मिलता है.