भागलपुर: तिलकामांझी भागलपुर विश्वविद्यालय ने छात्र संघ चुनाव के दिन व तारीख तो घोषित कर दिया है, लेकिन चुनाव पर ग्रहण लग सकता है. छात्र संगठन विभिन्न मांगों व चुनाव के विरोध में हाइकोर्ट की शरण में जा सकते हैं. छात्र संगठन अंदर ही अंदर इसकी तैयारी में जुट गये हैं. ऐसे में विवि चुनाव करा पायेगा, या नहीं यह तो आने वाला समय ही बतायेगा.
छात्र संघ चुनाव को लेकर विवि के एक अधिकारी ने बताया कि लिंगदोह कमेटी के अनुसार चुनाव से पूर्व विवि में स्टेटच्यूट कमेटी बनायी जाती है. सिंडिकेट व सीनेट से कमेटी को मंजूरी मिलने के बाद राजभवन से अंतिम मंजूरी मिलती है. इस कमेटी की निगरानी में चुनाव से संबंधित सारी प्रक्रिया पूरी करायी जाती है. राजभवन की सहमति के बिना विवि चुनाव नहीं करा सकता है.
चुनाव में होने वाले खर्च के लिए सरकार से अनुमति लेनी होती है, लेकिन विवि प्रशासन तमाम चीजों को दरकिनार कर चुनाव की तैयारी में जुट गया है. वर्ष 2003 से संबद्ध कॉलेजों को सरकार से अनुदान दिया जा रहा है. उन कॉलेजों के लगभग एक लाख छात्र-छात्राओं को इस चुनाव से वंचित किया जा रहा है. छात्र नेता सोमू राज, शिशिर रंजन सिंह व बमबम प्रीत ने कहा कि चुनाव को लेकर जो मापदंड विवि द्वारा अपनाया जा रहा है वह अमुख छात्र संगठन को लाभ पहुंचाने के लिए हो रहा है. परीक्षा, रिजल्ट व सत्र लेट होने से 50 हजार से अधिक छात्र-छात्राएं छात्र संघ चुनाव से वंचित हो जायेंगे. लिंगदोह कमेटी में विवि के लिए भी निर्देश है. उन निर्देश का पालन विवि प्रशासन क्यों नहीं कर रहा है. छात्र संगठन एक से दो दिनों में चुनाव के विरोध में हाइकोर्ट में याचिका दायर करेंगे.