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विवादित भूमि का कैसे हुआ निबंधन

भागलपुर: कांग्रेस नेता दिवेश सिंह हत्याकांड में निबंधन विभाग की भूमिका की जांच होगी. जिस जमीन के लिए दिवेश सिंह की हत्या हुई, उस जमीन का निबंधन गलत तरीके से हुआ है. अगर पुलिस ने मामले की बारिकी से जांच की तो विभाग के तत्कालीन अफसरों की गरदन फंस सकती है. कांड की समीक्षा के […]

भागलपुर: कांग्रेस नेता दिवेश सिंह हत्याकांड में निबंधन विभाग की भूमिका की जांच होगी. जिस जमीन के लिए दिवेश सिंह की हत्या हुई, उस जमीन का निबंधन गलत तरीके से हुआ है.

अगर पुलिस ने मामले की बारिकी से जांच की तो विभाग के तत्कालीन अफसरों की गरदन फंस सकती है. कांड की समीक्षा के दौरान डीआइजी संजय सिंह ने यह निर्देश जारी किया है. पूर्व में आइजी ने भी इस बिंदु पर जांच का निर्देश एसएसपी को दिया था, लेकिन एसएसपी की ओर से इसमें दिलचस्पी नहीं दिखायी गयी. डीआइजी ने अपनी समीक्षा रिपोर्ट में कहा है कि भागलपुर के लिए यह कांड अत्यंत ही संवेदनशील और महत्वपूर्ण है, इसलिए कोतवाली के वर्तमान इंस्पेक्टर सह थानाध्यक्ष कन्हैया लाल कांड का प्रभार स्वयं ग्रहण करें. डीआइजी ने कहा कि एसएसपी स्तर से अब तक उक्त बिंदु का अनुपालन नहीं किया गया है. इसलिए उक्त बिंदु का अनुपालन अतिशीघ्र पूरा करते हुए एक सप्ताह के भीतर रिपोर्ट दें.

डीआइजी का क्या है निर्देश : डीआइजी संजय सिंह ने कहा है कि जिस जमीन को लेकर दिवेश सिंह की हत्या हुई उस जमीन का निबंधन 19 नवंबर 2006 और 26 फरवरी 2007 को शिव शंकर भगत, कलावती देवी व बसंती देवी के द्वारा दीपक भुवानिया के पक्ष में किया गया. इन तिथियों को उक्त भूमि पर टाइटिल सूट नंबर-182/99 चल रहा था. इस प्रकार यह विवादित जमीन हो जाती है. तब किस प्रकार इस विवादित भूमि का निबंधन एक पक्ष ने दूसरे को कर दिया? इस निबंधन में विभाग ने निर्धारित नियम/प्रक्रिया व विधि के प्रावधानों का उल्लंघन किया है. तब उनके विरुद्ध संबंधित पदाधिकारियों को लिखा जाना चाहिए.

इंस्पेक्टर ने एसआइ को सौंप दिया था कांड

पूर्व में इस हत्याकांड के आइओ (अनुसंधानकर्ता) कोतवाली इंस्पेक्टर सह थानाध्यक्ष अमरनाथ तिवारी थे. उनके दुर्घटनाग्रस्त हो जाने के बाद 25 नवंबर 2013 को कांड का प्रभार कोतवाली इंस्पेक्टर सह थानाध्यक्ष जगदानंद ठाकुर को सौंपा गया. लगभग ढ़ाई माह तक जगदानंद ठाकुर इस कांड के आइओ रहे और इनके द्वारा किये गये अनुसंधान के संबंध में कांड दैनिकी समर्पित की गयी. जब जगदानंद का स्थानांतरण जिला से बाहर हो गया तो उन्होंने 15 फरवरी 2014 को कांड का प्रभार नये थानाध्यक्ष सह इंस्पेक्टर कन्हैया लाल को सौंप दिया. लेकिन कन्हैया लाल ने कांड का अनुसंधान स्वयं न करते हुए इसे कोतवाली के एसआइ हृदय मोहन कुंवर को 21 फरवरी 2014 को सौंपा. लेकिन डीआइजी ने इस कांड का प्रभार कोतवाली इंस्पेक्टर को ग्रहण करने का निर्देश दिया है.

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