भागलपुर : सरकारी राशि की धोखाधड़ी मामले में घंटाघर स्थित बैंक ऑफ बड़ौदा के पूर्व शाखा प्रबंधक अरुण कुमार सिंह को रविवार को जेल भेज दिया गया. उन्हें शनिवार को ही गिरफ्तार किया गया था. उन पर आरोप है कि उनके प्रबंधक रहते चेक द्वारा 150 करोड़ रुपये सृजन के खाते में ट्रांसफर किये गये. पूर्व मैनेजर ने कहा कि उन्होंने भू-अर्जन विभाग को बड़ी राशि की निकासी के बारे में पत्र लिख कर पूछा था पर वहां से कोई जवाब नहीं आया.
चौंकाने वाली बात यह है कि तत्कालीन मैनेजर एके सिंह ने चेक निकासी को लेकर भू-अर्जन विभाग को जो दो पत्र भेजे थे. वह दोनों पत्र अमित कुमार के कार्यालय से पुलिस ने बरामद किया है. यानी बैंक से निकला पत्र भू-अर्जन विभाग की जगह सृजन के कार्यालय में पहुंच गया. पूर्व मैनेजर से जब पूछा गया कि उनके पत्र का जवाब भू-अर्जन विभाग से नहीं आया, तो उन्होंने वहां के अधिकारी से फोन पर क्यों नहीं बात की या उन्हें कार्यालय बुलाकर बात क्यों नहीं की.
इस सवाल का उनके पास कोई जवाब नहीं था. रविवार को एसएसपी आवास से उन्हें कोर्ट भेजा गया और वहां से जेल. कोर्ट में पत्रकारों से बात करते हुए पूर्व मैनेजर ने कहा कि चेक के द्वारा सृजन के खाता में पैसे ट्रांसफर किये जाने में उनकी कोई गलती नहीं है. उनके समय में ही सीनियर ऑपरेशन मैनेजर वरुण कुमार सिन्हा ने सारे चेक पास किये थे. पूर्व मैनेजर ने कहा कि अगर उनकी गलती निकल जाये, तो घंटाघर में खड़ा कर उन्हें गोली मार दी जाये.
बैंक ऑफ बड़ौदा के पूर्व मैनेजर एके सिंह की शनिवार को गिरफ्तारी के बाद रविवार की सुबह पुलिस और आर्थिक अपराध इकाई की टीम ने उनके घर की तलाशी ली. सुबह कई घंटाें तक तलाशी लेने के बाद शाम में फिर से टीम ने उनके घर की तलाशी ली. घंटों की तलाशी में पुलिस की टीम को उनके घर से कई महत्वपूर्ण कागजात मिलने की सूचना है. हालांकि तलाशी में मिले कागजात के बारे में पुलिस ने कुछ नहीं बताया है.
आधा दर्जन व्यवसायी पूछताछ के लिए नहीं आये, अब जायेगा नोटिस
एसएसपी मनोज कुमार ने रविवार को इओयू के एसपी राशिद जमा, कहलगांव डीएसपी रामानंद कौशल, लॉ एंड ऑर्डर डीएसपी राजेश सिंह प्रभाकर, सिटी डीएसपी शहरयार अख्तर, आर्थिक अपराध इकाई के अन्य अधिकारी और केस के आइओ के साथ अभी तक हुए सभी केस की समीक्षा की. उन्होंने कहा कि पूछताछ के लिए कई लोगों को बुलाया गया है पर लगभग आधा दर्जन लोग पूछताछ में सहयोग के लिए उपस्थित नहीं हुए हैं. उन्होंने कहा कि जो लोग पूछताछ में सहयोग नहीं कर रहे उन्हें नोटिस भेजा जायेगा और उसके बाद भी उपस्थित नहीं होंगे तो उनके खिलाफ कार्रवाई की जायेगी. उन्होंने कहा कि जिन लोगों को पूछताछ के लिए बुलाया गया है उनमें व्यवसायी भी शामिल हैं. एसएसपी मनोज कुमार ने कहा कि केस के आइओ और अन्य अधिकारियों से केस की जांच में तेजी लाने को कहा गया है. जो लोग शहर से फरार हैं उनकी गिरफ्तारी के लिए टीम भेजने की बात भी उन्होंने कही.
विनोद से पूछताछ जारी, बीओबी के अधिकारी से हुई पूछताछ : शुक्रवार को जेल भेजे गये इंडियन बैंक कर्मी अजय पांडेय के वाहन चालक विनोद से रविवार को भी पूछताछ जारी रही. सूत्रों की मानें तो विनोद ने पुलिस के समक्ष कई राज उगले हैं. विनोद मनोरमा देवी का भी वाहन चलाया करता था. उसने बताया है कि बैंक से चेक बुक लेकर वही मनोरमा देवी के पास जाता था. अभी तक की पूछताछ में उसने कई अन्य लोगों के भी नाम बताये हैं जिनका संबंध सृजन से था और जो इस धोखाधड़ी में शामिल हैं. रविवार को बैंक ऑफ बड़ौदा के बीएम नवीन कुमार साह से फिर से पूछताछ हुई.
जो निर्दोष हैं, उन्हें डरने की जरूरत नहीं : एसएसपी ने कहा कि जिन लोगों को पूछताछ के लिए बुलाया गया है उन्हें सहयोग करना चाहिए. उजो निर्दोष हैं उन्हें डरने की जरूरत नहीं. जांच के दौरान जिन लोगों के नाम सामने आ रहे उन्हें पूछताछ के लिए बुलाया जा रहा है, ताकि पुलिस को आगे कार्रवाई में आसानी हो. एसएसपी ने कहा कि सरकारी राशि की धोखाधड़ी का मामला सामने आने के बाद से ही आर्थिक अपराध इकाई का पूरा सहयोग पुलिस को मिलने की बात एसएसपी ने कही.
जीटीएम में नहीं लगा है सृजन का पैसा : कपूर
भागलपुर में बन रहे जीटीएम माॅल के प्रबंधन ने कहा है कि उसके निर्माण में सृजन संस्था का पैसा नहीं लगा है. जीटीएम के डायरेक्टर नितिन कपूर ने रविवार को बयान जारी कर कहा कि यह एक प्राइवेट डेवलपर का प्रोजेक्ट है. इसमें न तो सृजन और न ही किसी और की हिस्सेदारी है. उन्होंने कहा कि यह माॅल जरूर सांसद निशिकांत दूबे की जमीन पर बन रहा है, लेकिन इसके बनाने की सारी जिम्मेवारी जीटीएम बिल्डर्स की है. उन्होंने यह भी कहा कि यह माॅल 2008 से बन रहा है, जब निशिकांत दूबे सांसद भी नहीं थे. कपूर ने कहा कि सृजन के मामले में कोई भी एजेंसी हमसे कुछ भी जानकारी मांगेगी, तो जीटीएम पूर्ण सहयोग करेगी.