फर्जी इंट्री व खाता विवरणी के कारण ऑडिट के पकड़ से मामला रहा दूर
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बैंकिंग तंत्र में एक समानांतर व्यवस्था हो गयी थी कायम : जांच कमेटी
फर्जी इंट्री व खाता विवरणी के कारण ऑडिट के पकड़ से मामला रहा दूर भागलपुर : जिला प्रशासन की जांच कमेटी ने नजारत के 14 करोड़ से अधिक की राशि के फर्जीवाड़ा के मामले में बैंक ऑफ बड़ौदा की कार्यप्रणाली को लेकर तल्ख टिप्पणी की. कमेटी ने कहा कि नजारत के खाता के संचालन में […]
भागलपुर : जिला प्रशासन की जांच कमेटी ने नजारत के 14 करोड़ से अधिक की राशि के फर्जीवाड़ा के मामले में बैंक ऑफ बड़ौदा की कार्यप्रणाली को लेकर तल्ख टिप्पणी की. कमेटी ने कहा कि नजारत के खाता के संचालन में गंभीर वित्तीय अनियमितता बरती गयी. यह पूरे बैंकिंग तंत्र में एक समानांतर व्यवस्था कायम करने जैसा था. यह सभी अनैतिक कार्य अपराधिक षडयंत्र के तहत किये गये. बैंक ने सरकारी राशि का दुरुपयोग किया है.
उप विकास आयुक्त अमित कुमार की अध्यक्षता में गठित टीम के अनुसार, बैंक ने अपने फर्जीवाड़े को ऑडिट टीम से भी छिपा लिया. इसके लिए फर्जी इंट्री व फर्जी खाता विवरणी का सहारा लिया. ऑडिट बैंक के दिये कागजात को पुख्ता मानते हुए दोबारा सत्यापित करना उचित नहीं समझा. टीम के अनुसार, जब भी नजारत शाखा से भुगतान का चेक भेजा जाता था, उतनी राशि बैंक द्वारा नजारत के खाता में डाल दी जाती. इस तरह चेक का भुगतान हो जाता और बैंक का फर्जीवाड़ा उजागर नहीं हो पाता था.
दंगा पेंशन व विद्यार्थी प्रोत्साहन राशि को भी डकार लिया
नजारत शाखा में एसबीआइ मुंगेर से 16 दिसंबर 2016 को चेक संख्या 782044 से 72 हजार रुपये दंगा पेंशन की राशि वापस की थी. एसबीआइ भागलपुर ने 19 दिसंबर 2016 को ड्राफ्ट संख्या 849682 से 79 हजार रुपये की राशि मंत्रिमंडल सचिवालय ने उर्दू भाषी विद्यार्थी प्रोत्साहन राशि को भेजा.
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