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बीएयू ने आठ साल में लगायी सात छलांगें

भागलपुर : शिक्षा, शोध, प्रशिक्षण एवं प्रसार के क्षेत्र में सात छलांगें लगाने वाले बिहार कृषि विश्वविद्यालय (बीएयू) ने आठ साल पूरे कर लिये हैं. आठ साल के कम समय में बीएयू ने कीर्तिमान का परचम लहरा लिया है. आइएसओ 9001:2015 ने भी सर्टिफाइड कर दिया है. देश के 72 कृषि विश्वविद्यालयों में बीएयू को […]

भागलपुर : शिक्षा, शोध, प्रशिक्षण एवं प्रसार के क्षेत्र में सात छलांगें लगाने वाले बिहार कृषि विश्वविद्यालय (बीएयू) ने आठ साल पूरे कर लिये हैं. आठ साल के कम समय में बीएयू ने कीर्तिमान का परचम लहरा लिया है. आइएसओ 9001:2015 ने भी सर्टिफाइड कर दिया है. देश के 72 कृषि विश्वविद्यालयों में बीएयू को 24 वां स्थान मिला है. भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (आइसीएआर) द्वारा भी मान्यता दी जा चुकी है. सोशल मीडिया पर बीएयू के 25 लाख दर्शक हैं. बीएयू के अधीन आठ कॉलेज हैं. इसमें पांच एग्रीकल्चर, एक हार्टीकल्चर, एक वेटेनरी, एक डेयरी साइंस के अलावा 12 रिसर्च स्टेशन और तीन एग्रो इकोलॉजिकल जोन भी हैं. बीएयू अपने क्षेत्र में आते 25 में 20 जिलों में केवीकेएस (कृषि विज्ञान केंद्र) की भी स्थापना कर चुका है. बीएयू से 500 वैज्ञानिक और एक हजार कर्मचारी जुड़े हैं.

35 करोड़ से चल रही 243 परियोजनाएं : विश्वविद्यालय के विभिन्न विभागों में 35.68 करोड़ की 243 परियोजनाएं संचालित हो रही हैं. इसमें 38 राष्ट्रीय और 12 अंतरराष्ट्रीय हैं. बांकी राज्य पोषित योजनाएं हैं. विवि में कृषि अनुसंधान परिषद द्वारा वित्त पोषित 21 अखिल भारतीय परियोजनाएं भी चल रही हैं.
16 नयी प्रजातियां, 41 तकनीक विकसित : बीएयू द्वारा 16 नयी प्रजातियां के अलावा 41 नयी तकनीक भी विकसित की गयी है. बीएयू के चार सीड हब हैं. 38 एसडी फिल्में बनायी गयी हैं. हर जिले में सौ सौ एसडी कार्ड बांटे गये हैं. हर प्रखंड के 500 किसानों को एसडी कार्ड देने के लिए 1.92 करोड़ के प्रोजेक्ट हैं. 17 विषयों पर स्किल डेवलपमेंट ट्रेनिंग दी जा रही है.
7535.24 क्विटंल बीज का उत्पादन : बीएयू द्वारा 2015-16 में 7535.24 क्विटंल सीड का उत्पादन किया गया. इसमें करेला, दाल, आयल सीड व सब्जियों के सीड थे. बीएयू ने 12.5 लाख टिशू कल्चर, आम 24 लाख, अमरूद 1.5 लाख, लीची 30 हजार, 1.5 लाख अनोला का भी उत्पादन किया गया.
हेल्पलाइन नंबर : बीएयू ने किसान हेल्पलाइन नंबर (18003456455) व व्हाट्स एप्प नंबर (7004528893) नंबर भी लांच किया गया है. इसके माध्यम से किसानों की समस्याओं का समाधान किया जा रहा है.
आइएसओ की लगी मुहर
आइसीएआर से मिली मान्यता
सोशल मीडिया पर 25 लाख दर्शक
75 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से उड़ता है ड्रोन
कृषि अनुसंधान और प्रसार कार्यों के लिए मानव रहित विमान यानी ड्रोन के प्रयोग की भी शुरुआत की गयी है. यह ड्रोन 75 किमी प्रति घंटा की रफ्तार से उड़ता है. यह एक उड़ान में लगभग 0.7 किमी की दूरी तय करता है. इसमें सेंसर लगाये गये हैं जिससे किसी वस्तु से टकराने के पहले यह लौट आयेगा.
विजुएल सेंसर भी लगेगा
कृषि यंत्र परीक्षण केंद्र खोलने हेतु बीएयू को 2 करोड़ 84 लाख रुपये की परियोजना की स्वीकृति प्राप्त हुई है. हर शनिवार को गांवों में किसान चौपाल होती है. नीति आयोग ने भी इसकी प्रशंसा की है. दो किसान ज्ञान रथ भी हैं. बीएयू में विजुअल सेंसर भी लगेगा.

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