कार्यपालक अभियंता के खिलाफ उग्र हुए अधिकारी व कर्मी
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कर्मचारियों ने चेंबर में जड़ा ताला, प्रदर्शन
कार्यपालक अभियंता के खिलाफ उग्र हुए अधिकारी व कर्मी कार्यपालक अभियंता का घंटों किया घेराव विरोध कर रहे कर्मचारियों ने कहा, नेटवर्किंग बिजनेस से जबरदस्ती जोड़ने और काम करने का बनाया जाता है दबाव भागलपुर : एसबीपीडीसीएल के ग्रामीण विद्युत कार्यपालक अभियंता राजीव रंजन की कार्यशैली का उनके अधीनस्थ कर्मचारियों ने विरोध किया है. अधीनस्थ […]
कार्यपालक अभियंता का घंटों किया घेराव
विरोध कर रहे कर्मचारियों ने कहा, नेटवर्किंग बिजनेस से जबरदस्ती जोड़ने और काम करने का बनाया जाता है दबाव
भागलपुर : एसबीपीडीसीएल के ग्रामीण विद्युत कार्यपालक अभियंता राजीव रंजन की कार्यशैली का उनके अधीनस्थ कर्मचारियों ने विरोध किया है. अधीनस्थ कर्मचारियों व अधिकारियों ने गोलबंद होकर उनके खिलाफ बिगुल फूंक दिया. कार्यपालक अभियंता के विरोध में न केवल नारेबाजी की, बल्कि कार्य बहिष्कार कर चेंबर सहित सामान्य शाखा में ताला जड़ दिया. तालाबंदी के कुछ देर बाद जब ग्रामीण कार्यपालक अभियंता श्री रंजन पहुंचे, तो उन्हें दफ्तर जाने से रोक दिया गया.
उनकी घेराबंदी की गयी. आक्रोशित कर्मचारियों व अधिकारियों ने विद्युत कार्यपालक अभियंता को खूब खरीखोटी सुनायी. उन पर कई तरह के आरोप लगाते हुए सुधरने की चेतावनी दी गयी. कर्मचारियों व अधिकारियों के गुस्से के सामने उनकी बोलती बंद हो गयी. कार्यपालक अभियंता श्री रंजन ने कर्मचारियों और अधिकारियों से माफी मांगी और वादा किया कि आगे से उन्हें प्रताड़ित नहीं करेंगे. फिर चेंबर का ताला खोला और उन्हें जाने दिया गया. चेंबर में कार्यपालक अभियंता और अधीनस्थ कर्मचारियों व अधिकारियों के बीच लंबी वार्ता हुई, जिसमें कई बिंदुओं पर समझौता हुआ. इस मुद्दे पर शुक्रवार को यूनियन की बैठक होगी.
समर्थन में उतरे यूनियन : अधीनस्थ कर्मचारियों व अधिकारियों के समर्थन में बिहार बिजली मजदूर यूनियन, बिहार स्टेट इलेक्ट्रिक सप्लाई वकर्स यूनियन, बिहार स्टेट प्रोग्रेसिव वर्कर्स यूनियन भी उतरे. कर्मचारियों ने बताया कि यूनियन का समर्थन मिला और कार्य बहिष्कार करने का निर्णय लिया गया.
अधीनस्थ कर्मचारियों व अधिकारियों ने ग्रामीण कार्यपालक अभियंता के खिलाफ सुपरिटेंडेंट इंजीनियर व हेडक्वार्टर को लिखा है. उन पर कार्रवाई करने की मांग की गयी है.
क्या है मामला : निलंबित व नौकरी से निकालने की मिलती है धमकी
अधीनस्थ कर्मचारियों व अधिकारियों के अनुसार ग्रामीण कार्यपालक अभियंता द्वारा नेटवर्किंग बिजनेस (एमवे आदि) से जोड़ कर उन पर काम करने का दबाव बना रहे है. उन पर आरोप है कि काम नहीं करने वाले स्थायी कर्मचारी व अधिकारी को निलंबित करने अनुबंध वालों को नौकरी से निकालने की धमकी देते थे. इसके अलावा वैसे स्थायी कर्मचारी व अधिकारी जो बिजनेस में कमजोर होते, उनकी उपस्थिति काट दी जाती. अधीनस्थ कर्मचारियों व अधिकारियों के साथ गाली-गलौज किया जाता. यह रवैया पिछले डेढ़ साल से चल रहा था.
सहायक अभियंता (राजस्व) लाल मोहम्मद अंसारी ने बताया कि उन्हें नेटवर्किंग बिजनेस से जोड़ा गया है और विभागीय काम छोड़ यह काम जबरदस्ती कराया जा रहा है. पिछले डेढ़ साल के दरम्यान उन्होंने तनख्वाह से डेढ़ लाख रुपये पूंजी लगायी है. 50 हजार रुपये का सामान फंस गया है, जो अब सड़ने लगा है. कार्यपालक सहायक अपराजिता ने बताया कि उनके साथ गाली-गलौज किया जाता है. विरोध जताने पर उन्हें नौकरी से निकालने की धमकी दी जाती है. कार्यपालक सहायक रवींद्र कुमार ने बताया कि सामान्य शाखा, एकाउंट आदि सभी सेक्शन के लगभग स्टाफ को नेटवर्किंग से जोड़ा गया है और काम नहीं करने पर उन्हें प्रताड़ित किया जाता है. मानव बल (कस्टमर केयर) के प्रणव कुमार अतुल को एक माह पहले निकालने की कोशिश की गयी.
ये लगे हैं आरोप
नेटवर्किंग बिजनेस से कर्मचारियों व अधिकारियों को जोड़ने व काम करने का बनाया जाता दबाव
बिजनेस नहीं करने पर अनुबंध वाले को नौकरी से निकालने की मिलती धमकी
बिजनेस में कमजोर होने पर उपस्थिति काट दी जाती है.
कर्मचारियों व अधिकारियों के साथ किया जाता दुर्व्यवहार
हम खुद नेटवर्किंग बिजनेस नहीं करते हैं, तो दबाव क्या बनायेंगे. आरोप गलत है. केवल विभागीय कार्य के लिए दबाव बनाया जाता है. ऑफिस अवधि के बाद कोई क्या करता है, उनसे हमें कोई लेनादेना नहीं है.
राजीव रंजन, कार्यपालक अभियंता (ग्रामीण)
मामले की जांच कर रिपोर्ट मुख्यालय को भेजी जायेगी. कार्य बहिष्कार करने की सूचना नहीं है.
सुरेश प्रसाद सिंह, सुपरिटेंडेंट इंजीनियर
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