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खून के धंधेबाजों पर मुकदमा दर्ज

जेएलएनएमसीएच. अस्पताल अधीक्षक ने बरारी थाना में दिया आवेदन भागलपुर : शहर में लाल खून के काला कारोबार का खुलासा होते ही मायागंज हॉस्पिटल से लेकर बरारी पुलिस तक सोमवार को हरकत में आ गयी. मायागंज हॉस्पिटल के अधीक्षक ने दो नामजद खून माफियाओं के खिलाफ बरारी थाने में मुकदमा दर्ज करा दिया. बरारी पुलिस […]

जेएलएनएमसीएच. अस्पताल अधीक्षक ने बरारी थाना में दिया आवेदन

भागलपुर : शहर में लाल खून के काला कारोबार का खुलासा होते ही मायागंज हॉस्पिटल से लेकर बरारी पुलिस तक सोमवार को हरकत में आ गयी. मायागंज हॉस्पिटल के अधीक्षक ने दो नामजद खून माफियाओं के खिलाफ बरारी थाने में मुकदमा दर्ज करा दिया. बरारी पुलिस ने खून कारोबारी की तलाश में कई स्थानों पर दबिश दी. बरारी पुलिस को दिये आवेदन में अधीक्षक डॉ आरसी मंडल ने कहा कि प्रसूति विभाग के बेड नंबर 50 पर भरती मरीज सोनी देवी के पति बीरबल दास निवासी सबौर थाना गोपालपुर ने बताया कि विवेक
पासवान एवं रवि शंकर भारती निवासी बड़ी खंजरपुर द्वारा चार हजार रुपये लेकर एक यूनिट खून दिया गया. विवेक व रवि का मोबाइल नंबर क्रमश: 7870651379 व 8271063301 है. अस्पताल कर्मचारी (नर्स अभिलाषा कुमुद) को संदेह हुआ तो ब्लड बैंक भेज कर जानकारी ली गयी. पता चला कि खून के पैकेट को ब्लड बैंक द्वारा निर्गत ही नहीं किया गया है. साथ ही ब्लड के पैकेट पर लगा लेबल भी जाली निकला.
जाली खून के पैकेट के लेबल पर क्रम संख्या 2639 दर्ज था जबकि आज की तारीख में ब्लड बैंक में क्रम संख्या 6351 चल रहा है. इस रक्त को बगैर जांच किये नहीं दिया जा सकता है. इसके अलावा ब्लड बैंक के परची का ओ पॉजिटिव के लिए नीला रंग चल रहा है जबकि फर्जी पैकेट पर लगा परची गुलाबी रंग का था. इसके अलावा सीरियल नंबर से लेकर एक्सपायरी डेट तक में घपला था.
आवेदन में शहर में खून का कारोबार करने वाले गैंग का पता लगा कर उनके भी खिलाफ कार्रवाई करने का अनुरोध किया गया है. इस बाबत बरारी थानाध्यक्ष प्रमोद कुमार ने बताया कि अधीक्षक की तहरीर के आधार पर रवि शंकर व विवेक पासवान के खिलाफ 419, 420 आइपीसी व ड्रग कॉस्मेटिक एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज कर लिया गया है. मंगलवार को पकड़े गये खून कारोबारी रवि को न्यायिक प्रक्रिया के तहत जेल भेज दिया जायेगा.
विवेक की तलाश में बरारी पुलिस ने की छापेमारी
विवेक की गिरफ्तारी को लेकर बरारी पुलिस ने जाल बिछाना शुरू कर दिया है. लेकिन तमाम प्रयासों के बावजूद अभी भी खून कारोबारी विवेक पासवान पुलिस के हत्थे नहीं चढ़ सका है. सोमवार को बरारी इंस्पेक्टर प्रमोद कुमार ने अपने दल-बल के साथ बड़ी खंजरपुर के कई स्थानों पर दबिश दी लेकिन पुलिस को कोई सफलता नहीं मिली. पुलिस को आशंका है कि वह भागलपुर के बाहर निकल गया है. अब पुलिस की खोज सर्विलांस पर जा टिकी है. अब एसओडी-पीओडी ही लिखेंगे कि ‘खून की जरूरत है’: बाहर से खून लाकर मायागंज हॉस्पिटल में भरती मरीजों को चढ़ाये जाने के मामले के खुलासे के बाद हॉस्पिटल प्रशासन भी हरकत में है. अपने ताजे निर्णय के तहत अधीक्षक डॉ आरसी मंडल ने सोमवार को यह फरमान सुना दिया कि अब मरीज को खून चाहिए की डिमांड इंटर्न या फिर अन्य डॉक्टर नहीं करेंगे. सिर्फ रिपोर्ट पर एसओडी-पीओडी ही खून की डिमांड कर सकेंगे. इस बाबत ब्लड बैंक की प्रभारी डॉ रेखा झा ने विभाग में कार्यरत कर्मचारियों को फरमान सुना दिया है कि एसओडी-पीओडी द्वारा लिखित रिपोर्ट के आधार पर ही खून देंगे.
बड़ी खंजरपुर के एक दर्जन युवक खून के काले धंधे में हैं लिप्त
सूत्रों की माने तो लाल खून के इस काले धंधे में एक दो नहीं बल्कि बड़ी खंजरपुर के एक दर्जन से अधिक युवक सक्रिय हैं. इनका मायागंज हॉस्पिटल के गेट से लेकर हॉस्पिटल के इमरजेंसी व अन्य विभागों में सीधे दखल है. गिरफ्तार रवि के तीन भाई नौकरी करते हैं. रवि की सोहबत बड़ी खंजरपुर निवासी बिट्टू के संपर्क में आकर बिगड़ी. बिट्टू का बड़ा भाई भी खून के गंदे धंधे में शामिल था.
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