बाद में लंबी कानूनी प्रक्रिया के कारण इनके मालिक अपने वाहनों को मुक्त नहीं करा पाते हैं. जो सक्षम होते हैं वे नये वाहन खरीद लेते हैं. कालांतर में ये गाड़ियां थाने में खड़ी-खड़ी सड़ने लगती हैं. इससे बहुत बड़ी राष्ट्रीय क्षति हो रही है. इसे किसी भी कारण में यहां पर रखा गया हो, लेकिन नुकसान तो नुकसान ही है.
ऐसे में अब ऐसा कानून बनाये जाने की जरूरत है जिससे कि इस राष्ट्रीय क्षति को रोका जा सके. अगर किसी वाहन स्वामी द्वारा निर्धारित समय के अंदर नहीं छुड़ाया जाता है तो उसे नीलाम अथवा रिसाइकिल करने का अधिकार सरकार को मिल जाये. साथ ही कानूनी प्रक्रिया को भी सरल बनाये जाने की जरूरत है. यह जानकारी सांसद प्रवक्ता राकेश कुमार ओझा ने दी.