बिहपुर : प्रखंड के कहारपुर में कोसी का कटाव और तेज हो गया है. लोगों को अपना आशियाना कट जाने का भय सता रहा है. ग्रामीण सनातन सिंह, विनोद यादव, मानस सिंह, अमोल शर्मा, सुबोध यादव व पप्पू यादव ने अधिकारियों को त्रहिमाम संदेश भेज कर कहा है कि अब कटाव का दायरा कहारपुर हाइस्कूल […]
बिहपुर : प्रखंड के कहारपुर में कोसी का कटाव और तेज हो गया है. लोगों को अपना आशियाना कट जाने का भय सता रहा है. ग्रामीण सनातन सिंह, विनोद यादव, मानस सिंह, अमोल शर्मा, सुबोध यादव व पप्पू यादव ने अधिकारियों को त्रहिमाम संदेश भेज कर कहा है कि अब कटाव का दायरा कहारपुर हाइस्कूल के काफी करीब तक पहुंच गया है.
ग्रामीणों ने कहा है कि यदि कटाव को रोकने की दिशा में त्वरित पहल नहीं की गयी, तो पूरा गांव कोसी के गर्भ में समा जायेगा. ग्रामीण सह आम आदमी पार्टी के नेता दिव्यांशु कुमार ने बताया कि कटाव का जायजा लेने पिछले तीन दिनों में जल संसाधन विभाग के कई अधिकारी पहुंचे, लेकिन कटाव रोकने की पहल नहीं हो पायी है.
18 तक शुरू नहीं हुआ काम, तो 19 से से होगा अनशन : पूर्व विधायक
इधर बिहपुर के पूर्व विधायक ई शैलेंद्र ने िफर कहा है कि यदि 18 जुलाई तक लोकमानपुर, कहारपुर, मैरचा] सिंहकुंड व दुधैला में कटावरोधी कार्य शुरू नहीं किया गया, तो 19 से मैं कहारपुर में कटाव स्थल के पास अनशन पर बैठूंगा. इस संबंध में उन्होंने शनिवार को जल संसाधन विभाग, नवगछिया के कार्यपालक अभियंता को पत्र लिखकर जानकारी दे दी है. पत्र में उन्होंने कहा है कि नवंबर 2016 में मैंने सिंहकंुड के जिलेबिया मोड़ पर दो दिन तक धरना दिया था. उस वक्त विभाग के अधिकारियों ने जल्द कटावरोधी कार्य शुरू कराने की बात कही थी, लेकिन आज तक काम शुरू नहीं किया गया.
घोघा में सुंदर नदी का जलस्तर खतरे के निशान से ऊपर : घोघा में सुंदर नदी ऊफनाने लगी है. नदी का जलस्तर खतरे के निशान से 37 सेंटीमीटर ऊपर पहुंच गया है. खतरे का निशान 28.52 मीटर पर निर्धारित है और जलस्तर बढ़ कर 28.89 मीटर पर पहुंच गया है.
अधीक्षण अभियंता ने किया स्परों का निरीक्षण
जल संसाधन विभाग के अधीक्षण अभियंता ई निरंजन कुमार ने कार्यपालक अभियंता ई वीरेंद्र प्रसाद व सहायक अभियंता ई महेश प्रसाद के साथ शनिवार को इस्माइलपुर स्थित स्पर संख्या एक से लेकर गोपालपुर के बिंद टोली में स्पर संख्या नौ तक का निरीक्षण किया. कैंप कार्यालय में उन्होंने बताया कि सभी स्परों पर पिछले वर्ष की बाढ़ व कटाव को ध्यान में रखते हुए बालू भरी बोरियों व बालू का पर्याप्त स्टॉक जमा करने का निर्देश ठेकेदारों को दिया गया है, ताकि कटाव होने की स्थिति में ततकाल कार्य कराया जा सके.