ऊर्जा विभाग ने सात दिन में मांगा जवाब
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बीइडीसीपीएल को कैसे दिया ठेका
ऊर्जा विभाग ने सात दिन में मांगा जवाब सरकार ने माना बीडीइसीपीएल को काम देना कंपनी एक्ट का उल्लंघन है भागलपुर : सरकार ने एसपीएमएल को नोटिस जारी कर बीइडीसीपीएल को ठेका देने पर आपत्ति जतायी है. साउथ बिहार पावर डिस्ट्रीब्यूशन कंपनी के एमडीए आर लक्षमनन ने बीइडीसीपीएल व इनकी मदर कंपनी एसपीएमएल के निदेशक […]
सरकार ने माना बीडीइसीपीएल को काम देना कंपनी एक्ट का उल्लंघन है
भागलपुर : सरकार ने एसपीएमएल को नोटिस जारी कर बीइडीसीपीएल को ठेका देने पर आपत्ति जतायी है. साउथ बिहार पावर डिस्ट्रीब्यूशन कंपनी के एमडीए आर लक्षमनन ने बीइडीसीपीएल व इनकी मदर कंपनी एसपीएमएल के निदेशक को जारी पत्र में पूछा है कि बीइडीसीपीएल को ठेका कैसे मिला? उन्होंने सात दिनों के अंदर जवाब मांगा है. जवाब नहीं मिलने की स्थिति पर एसपीएमएल व इनकी एजेंट के रूप में काम करने वाली कंपनी बीइडीसीपीएल पर कानूनी कार्रवाई करने की चेतावनी दी है. उन्होंने कहा कि बीडीइसीपीएल को काम देना कंपनी एक्ट का उल्लंघन है. सरकार को धोखे में रखकर एसपीएमएल ने बिजली की डिस्ट्रीब्यूशन का काम बीइडीसीपीएल को दिया है. एसपीएमएल ने सरकार को धोखे में रखकर ठेका लिया है. एसपीएमएल को बिजली की फ्रेंचाइजी मिली है,
तो डिस्ट्रीब्यूशन फ्रेंचाइजी एग्रीमेंट की नियम-शर्तों के अनुसार उन्हें ही काम करना है. सरकारी नियम भी यही कहता है कि जिसके नाम ठेका है, उनको ही काम करना है. सरकार ने एसपीएमएल को 21 मार्च 2013 को भागलपुर सेंट्रल सहित कहलगांव व अलीगंज विद्युत सब डिवीजन के इलाके में बिजली वितरण का काम सौंपा है. नोटिस में उल्लेख है कि पांच अप्रैल 2013 को सरकार को एसपीएमएल ने गारंटी दी थी, जिसमें बीइडीसीपीएल को काम देने का कोई जिक्र नहीं है. एसपीएमल के निदेशक को पहले ही बताया था कि वह कंपनी का नाम नहीं बदल सकती है. कंपनी ने भी बताया था कि एसपीएमएल का ही दूसरा नाम बीइडीसीपीएल है. सरकार ने कंपनी की बैंक गारंटी लगभग 8.46 करोड़ जब्त कर ली है. 19 जून को एसपीएमएल को नोटिस दिया है, जिसमें 30 दिनों की मोहलत है. नोटिस में कहा गया है कि नोटिस पीरियड के बाद एसपीएमएल और इनके एजेंट बीइडीसीपीएल की कोई आवश्यकता नहीं रहेगी.
पांच दिन के बाद एग्रीमेंट रद्द की हो सकती कार्रवाई : सरकार ने एसपीएमएल को जो एकरारनामा रद्द करने की प्रारंभिक नोटिस जारी किया है, उसे पूरा होने में पांच दिन शेष है. यानी, 19 जुलाई या इसके बाद एग्रीमेंट रद्द की कार्रवाई हो सकती है. हेडक्वार्टर सूत्र की मानें, तो इस दिशा में बैंक गारंटी जब्त कर पहला कदम उठाया गया. आखिरी कदम टर्मिनेशन होगा.
सरकार बकाया को लेकर भी हैं सख्त : सरकार बकाया राशि को लेकर भी सख्त हैं. पहले उनसे हर माह 12 करोड़ रुपये जमा करने का करार कराया गया और अब 15 दिनों में लगभग 250 करोड़ बकाया जमा करने को कही है. सरकार का मानना है कि उपभोक्तओं से वसूली की पूरी रकम जमा नहीं कर रही है, जिससे बकाया बढ़ कर लगभग 250 करोड़ पहुंच गया है. उन्हें हर माह 12 से 13 करोड़ रुपये की बिजली दी जा रही है.
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