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घर पर ही हुआ प्रसव, इलाज के अभाव में नवजात की मौत

लापरवाही. चार घंटे तक तड़पती रही महिला, नहीं आया एंबुलेंस जगदीशपुर/गोराडीह : कुव्यवस्था के लिए अक्सर चर्चा में रहने वाले जगदीशपुर पीएचसी में लापरवाही का एक और मामला सामने आया है. गोराडीह प्रखंड के मीरनचक गांव में बीबी शबनम चार घंटे तक प्रसव पीड़ा से तड़पती रही, लेकिन बार-बार फोन करने पर भी अस्पताल से […]

लापरवाही. चार घंटे तक तड़पती रही महिला, नहीं आया एंबुलेंस

जगदीशपुर/गोराडीह : कुव्यवस्था के लिए अक्सर चर्चा में रहने वाले जगदीशपुर पीएचसी में लापरवाही का एक और मामला सामने आया है. गोराडीह प्रखंड के मीरनचक गांव में बीबी शबनम चार घंटे तक प्रसव पीड़ा से तड़पती रही, लेकिन बार-बार फोन करने पर भी अस्पताल से एंबुलेंस नहीं मिला. अंतत: महिला का घर पर ही प्रसव हो गया और उसके नवजात बच्चे की इलाज के अभाव में मौत हो गयी. पीएचसी की लापरवाही और कुव्यवस्था से ग्रामीणों में रोष है.
प्रसूता के परिजनों व ग्रामीणों का आरोप है कि यदि पीएचसी से समय पर एंबुलेंस पहुंच जाता तो नवजात की जान बच सकती थी. ग्रामीणों का कहना था कि यह पहला मामला नहीं है जब एंबुलेंस बुलाने पर नहीं पहुंचा. इससे पहले भी कई बार ऐसा हो चुका है.
जगदीशपुर प्रखंड के सलेमपुर गांव के मो सुलेमान की पत्नी बीबी शबनम कुछ दिनों से मीरनचक स्थित अपने मायके में रह रही थी. उसकी भाभी बीबी अफरीदी जगदीशपुर पीएचसी मे आशा कार्यकर्ता है. इसलिए वह मायके में रह रही थी कि प्रसव के दौरान किसी तरह की परेशानी नहीं होगी.
प्रसूता की भाभी बीबी अफरीदी ने बताया कि सोमवार की सुबह जब शबनम को प्रसव पीड़ा शुरू हुआ तो घरवालों ने एंबुलेंस के लिए 102 नंबर पर डायल किया. डायल करने के बाद कहा गया कि इसकी सूचना जगदीशपुर पीएचसी को दी जायेगी और वहां से फोन आयेगा. इसके दस मिनट बाद जगदीशपुर पीएचसी से किसी महिला कर्मी का फोन आया कि अभी एंबुलेंस किसी कारण से नहीं जा पायेगा इसलिए प्राइवेट वाहन कर पीएचसी चले आयें. इस पर परिजनों ने बताया कि गांव में वाहन का साधन नहीं है और एंबुलेंस नहीं आया तो परेशानी हो जायेगी. उधर से कहा गया कि एंबुलेंस मायागंज गया है.
सुबह सात बजे से ही एंबुलेंस के लिए फोन किया जा रहा था, लेकिन चार घंटे के बाद भी नहीं पहुंचा और अंत मे घर पर ही शबनम का प्रसव हो गया. परिजन प्रसूता को घर पर ही छोड़ कर एक बाइक से नवजात को बचाने के लिए मायागंज ले जाने लगे, जहां पहुंचने से पहले ही उसकी मौत हो गयी. शबनम का यह पहला बच्चा था.
कहते हैं पीएचसी प्रभारी
जगदीशपुर पीएचसी के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डाॅ अरुण कुमार सिन्हा ने बताया कि जिस समय एंबुलेंस के लिए फोन आया, एंबुलेंस किसी मरीज को लेकर मायागंज ले जा रहा था. अगर उससे पहले एंबुलेंस के लिए फोन आया था, तो इसकी जानकारी मुझे नहीं है. इस संबंध मे सिविल सर्जन से भी संपर्क करने का प्रयास किया गया, लेकिन फोन रिसीव नहीं हुआ.

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