सुलतानगंज : कांवरियों का महारैला पवित्र उत्तरवाहिनी गंगा तट से बाबाधाम की ओर कूच करने लगा है. यहां के गंगा तट से पर पहुंचते ही कांवरियों में आत्मसंतोष का भाव जगता है. गंगा अजगैवी नगरी में मनोरम छटा लिये उत्तरवाहिनी कहलाती है. बाबा भोलेनाथ को अजगैवीनगरी की गंगा काफी पसंद है.
इसलिए भक्तगण बाबा को गंगा जल अर्पित कर मनचाहे फल की प्राप्ति करते हैं. दिल्ली के कांवरिया मनोहर सिंह कहते हैं पवित्र उत्तरवाहिनी गंगा जल जब बाबा वैद्यनाथ को अर्पित कर देते हैं, तो आत्मा को संतोष मिलता है. आनंद का मार्ग अजगैवी नगरी के गंगा तट से शुरू होता है, जो बाबा वैद्यनाथ पर जलार्पण के बाद संपन्न होता है. इस बीच कई प्रकार की विघ्न, बाधाएं आती हैं, लेकिन दृढ़ संकल्प के साथ पथ पर बढ़ते रहने से बाबा मंदिर पहुंचने पर आत्मिक शांति की अनुभूति के साथ परम आनंद की प्राप्ति हो जाती है. सावन के
मासव्यापी विश्व प्रसिद्ध मेले में देश, विदेश से पहुंचे भक्त मां गंगा के चरण स्पर्श करते हुए बाबा वैद्यनाथ से दुर्लभ से दुर्लभ चीज की प्राप्ति कर लेते हैं. हरियाणा के मोहन बम कहते है कांवरिये मां गंगा के जल को अपने साथ तीन से चार दिन विधि-विधान पूर्वक रखते हुए बाबा वैद्यनाथ को समर्पित करते है. तीन से चार दिन में आध्यात्मिक ऊर्जा से भर जाते है.