परेशानी. गंगा का बढ़ रहा जलस्तर, तटवर्ती गांव के लोगों में भय
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मंडराने लगा कटाव का खतरा
परेशानी. गंगा का बढ़ रहा जलस्तर, तटवर्ती गांव के लोगों में भय भागलपुर : नदियों के कैचमेंट एरिया में बारिश के चलते गंगा का जलस्तर लगातार बढ़ रहा है. रोजाना दो से चार सेंटीमीटर तक गंगा बढ़ रही है. मगर, गंगा किनारे बसे गांवों को बाढ़ से बचाव के लिए अभी तक कोई पुख्ता इंतजाम […]
भागलपुर : नदियों के कैचमेंट एरिया में बारिश के चलते गंगा का जलस्तर लगातार बढ़ रहा है. रोजाना दो से चार सेंटीमीटर तक गंगा बढ़ रही है. मगर, गंगा किनारे बसे गांवों को बाढ़ से बचाव के लिए अभी तक कोई पुख्ता इंतजाम नहीं हुए हैं. इससे गंगा के तटवर्ती गांवों पर खतरा मंडराने लगा है. किसानों के खेत में इस समय फसल लगी है. नदी का जलस्तर बढ़ने से लोगों के खेत में गंगा का पानी पहुंच सकता है. लगातार पानी बढ़ने से तटवर्ती गांवों के लोग दहशत में हैं. बाढ़ से बचाव के इंतजाम पहले से नहीं किये गये तो पानी बढ़ने पर उनकी फसल के साथ मकानों को भी नुकसान पहुंच सकता है.
जलस्तर में बढ़ोतरी से अगस्त से पहले निचले इलाकों में बाढ़ आ सकती है. गंगा किनारे बसे लोगों ने ऊंचे स्थानों की तलाश शुरू कर दी है. मौसम विभाग की रिपोर्ट के आलोक में जल संसाधन विभाग ने सूबे की सभी नदियों के कैचमेंट एरिया में बारिश होने की संभावना जतायी है. भागलपुर में गंगा का जलस्तर के खतरे का निशान 33.68 मीटर पर निर्धारित है. पिछले साल अधिकतम जलस्तर 34.71 मीटर पर था, जो खतरे के निशान से एक मीटर तीन सेंटीमीटर पार कर गया था. साल 2013 में उच्चतम जलस्तर 34.50 मीटर मापा गया था.
रोजाना दो से चार सेंटीमीटर बढ़ रही गंगा
जानें, पिछले चार दिनों का जलस्तर
20 जून : 26.09 मीटर
21 जून : 26.12 मीटर
22 जून : 26.15 मीटर
23 जून : 26.19 मीटर
24 जून : 26.24 मीटर
25 जून : 26.31 मीटर
26 जून : 26.36 मीटर
27 जून : 26.38 मीटर
28 जून : 26.45 मीटर
29 जून : 26.54 मीटर
30 जून: 26.58 मीटर
01 जुलाई : 26.60 मीटर
02 जुलाई : 26.66 मीटर
गंगा के तटबंध को पहुंच सकता नुकसान
गंगा ऊफनाई तो इसके तटबंध को नुकसान पहुंच सकता है. हालांकि इंजीनियरिंग कॉलेज को कटाव से बचाने के लिए बाढ़ संघर्षात्मक कार्य शुरू कराया है. यह कार्य 31 अक्तूबर तक चलेगा. इस बीच जहां-जहां आवश्यकता पड़ेगी, वहां बालू भरा बोरा डाल कटाव को रोका जायेगा. फ्लड कंट्रोल डिवीजन, भागलपुर ने खाली सीमेंट का बोरा मंगा लिया है. स्टॉक में छह लाख बोरा है. फ्लड फाइटिंग कार्य भी कराया जायेगा. कटाव रोकने के लिए जरूरत पर बांस-बल्ला भी मंगाया जायेगा. हाथी पांव तकनीक से भी कटाव रोका जायेगा.
गंगा का कटाव को रोकने के लिए विभाग तैयार है. बाढ़ संघर्षात्मक कार्य शुरू कराया गया है. इंजीनियरिंग कॉलेज को कटाव से बचाने के लिए लगभग 10 करोड़ खर्च कर बोल्डर से बाढ़ संघर्षात्मक कार्य को पूरा किया गया है. जलस्तर बढ़ने पर फ्लड फाइटिंग कार्य भी कराया जायेगा.
रमेश कुमार, कार्यपालक अभियंता
फ्लड कंट्रोल डिवीजन, भागलपुर
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