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हो सकती है पांच अफसरों पर कार्रवाई

अंबे पोखर मामला. पांच माह में सौंपी गयी जांच रिपोर्ट, कई की कार्यशैली घेरे में 26 जनवरी को कुमार अनुज की मौजूदगी में हंगामा के बाद पथराव व फायरिंग हुई थी भागलपुर : अंबे पोखर पर 26 जनवरी को हुए पथराव व फायरिंग के मामले की जांच पूरी हो चुकी है. जांच कर रहे अपर […]

अंबे पोखर मामला. पांच माह में सौंपी गयी जांच रिपोर्ट, कई की कार्यशैली घेरे में

26 जनवरी को कुमार अनुज की मौजूदगी में हंगामा के बाद पथराव व फायरिंग हुई थी
भागलपुर : अंबे पोखर पर 26 जनवरी को हुए पथराव व फायरिंग के मामले की जांच पूरी हो चुकी है. जांच कर रहे अपर समाहर्ता (राजस्व) हरिशंकर प्रसाद ने जिलाधिकारी आदेश तितरमारे को रिपोर्ट सौंप दी है. सूत्रों की मानें इस रिपोर्ट में तत्कालीन सदर अनुमंडल पदाधिकारी कुमार अनुज की कार्यशैली पर सवाल खड़ा किया गया है. पूरी रिपोर्ट में कुमार अनुज को घेरा गया है.
इस मामले में पांच अधिकारियों पर कार्रवाई हो सकती है.
हालांकि, रिपोर्ट के मुद्दे पर सभी जिम्मेदार चुप्पी साधे हैं. धार्मिक विवाद के कारण हुई घटना के पांच माह बीत जाने के बाद की रिपोर्ट पर औपचारिक खुलासे का इंतजार है. घटना के समय एक तबका तत्कालीन सदर अनुमंडल पदाधिकारी कुमार अनुज के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग कर रहा था. उस समय आयुक्त अजय कुमार चौधरी व डीएम आदेश तितरमारे ने एडीएम (राजस्व) हरिशंकर प्रसाद की रिपोर्ट मिलने तक इंतजार करने का आश्वासन दिया था. सांप्रदायिक मामला देखते हुए प्रशासन घटना के जिम्मेदार को सार्वजनिक नहीं कर रहा है. जिला प्रशासन अंबे पोखर की जांच रिपोर्ट आयुक्त अजय कुमार चौधरी के पास भेजेगा. आयुक्त रिपोर्ट के आधार पर अपने मंतव्य से सरकार को अवगत करायेंगे.
जमीन विवाद के मामले में सवालों के घेरे में पुलिस व प्रशासन
यह हुआ था मामला : अंबे पोखर में हंगामा के बाद इसे काबू करने के लिए वरीय पुलिस अधीक्षक व डीएम ने तत्कालीन सदर एसडीओ कुमार अनुज को मौके पर भेजा. प्रशासन की टीम व लोगों के बीच झड़प शुरू हो गयी. लोगों के विरोध पर लाठीचार्ज व फायरिंग तक हुई. बाद में किसी तरह घटना पर नियंत्रण किया जा सका. वहां पर धार्मिक सौहार्द बनाने के लिए डीएम व एसएसपी ने कैंप किया और सहयोग में समाज के बुद्धिजीवी खड़े हुए. डीएम ने अंबे पोखर के सौंदर्यीकरण का वादा किया था.
अंबे पोखर मामले में अंचल कार्यालय नहीं था गंभीर
26 जनवरी की घटना से पहले अंबे पोखर पर जमीन विवाद की जानकारी प्रशासन को थी. स्थानीय लोगों ने जगदीशपुर अंचल में शिकायत की थी. इसमें एक पक्ष द्वारा निर्माण होने की जानकारी दी गयी. अंचल की तरफ से शुरू में शिकायत को गंभीरता से नहीं लिया गया, इस कारण 24 जनवरी को हबीबपुर थाना में मामला पहुंचा. इसके बाद भी गंभीरता नहीं बरती गयी थी.
पांच अफसर, जिन पर कार्रवाई होने की आशंका व वजह
खड़े हुए सवाल: अंबे पोखर में लोगों ने मूर्ति को ले जाने का विरोध किया और वहां पर हंगामा शुरू हो गया. पुलिस व लोगों में पथराव हुआ. घटना को नियंत्रित करने के लिए पुलिस मैनुअल का उल्लंघन किया गया. हंगामा होने पर लाठी चार्ज, जल छिड़काव जैसे उपाय किये जाते हैं. जब हंगामा बड़े पैमाने पर हो जाता है, तो अपने वरीय अधिकारी से अनुमति लेकर फायरिंग कर सकते हैं. इस घटना में मौके पर तत्कालीन एसडीओ कुमार अनुज व डीएसपी सिटी शहरयार अख्तर ने फायरिंग कर मामला शांत करने में जुट गये.
खड़े हुए सवाल: हबीबपुर मौजा के पोखर में तीन एकड़ 96 डिसमिल व अंबे मौजा के पोखर की पांच एकड़ 18 डिसमिल जमीन सरकारी रिकार्ड में है. इस जमीन पर अतिक्रमण है. जमीन पर धर्म स्थल निर्माण की कोशिश हुई, तो मामला अंचल प्रशासन को देखना है, मगर अंचल ने कोई ध्यान नहीं दिया. हबीबपुर थाना भी अतिक्रमण के मसले पर अंचल के साथ मिल कर प्रमुखता से निबटारा करने पर ध्यान नहीं दिया.
डीएम के निर्देश पर अंबे पोखर की जांच रिपोर्ट दे दी है. रिपोर्ट के बारे में घटना को लेकर विभिन्न पहलुओं का उल्लेख किया गया.
हरिशंकर प्रसाद, एडीएम (राजस्व), भागलपुर

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