भागलपुर: तिलकामांझी भागलपुर विश्वविद्यालय के पीजी महिला छात्रावास में अवैध तरीके से डेयरी का संचालन और बिना आदेश के कमरों में अतिक्रमण नयी बात नहीं है. छात्रावास के तत्कालीन वार्डेन व अधीक्षक के पत्र से खुलासा हुआ है कि यह धंधा वर्ष 2010 से भी पहले से चल रहा है.
इस बीच सात कुलपति बदल गये. कुलपति के आवास के ठीक पड़ोस में महिला छात्रावास है. हैरानी की बात है कि किसी भी कुलपति का अवैध रूप से चलाये जा रहे इस धंधे पर ध्यान नहीं गया. ध्यान गया भी, तो क्यों छोड़ा गया, यह जांच का विषय है. वैसे वर्तमान कुलपति ने डेयरी हटाने व कमरे खाली करने का निर्देश दो दिन पूर्व दे दिया है.
तत्कालीन डीएसडब्ल्यू ने पत्रंक 13961, दिनांक 17.4.2010 को पत्र भेज कर यह निर्देश दिया था कि छात्रावास परिसर में पाले जा रहे मवेशी दो दिनों के अंदर हटा लिया जाये. पत्र के आलोक में तत्कालीन वार्डेन ने छात्रावास अधीक्षक को निर्देश के अनुपालन संबंधी रिपोर्ट से अवगत कराने को कहा था, लेकिन निर्देश का अनुपालन नहीं किया जा सका. 10.5.2012 को छात्रावास अधीक्षक ने वार्डेन को पत्र प्रेषित कर छात्रावास अधीक्षक के क्वार्टर में कर्मचारी को रहने के लिए दिये जाने पर आपत्ति जतायी थी. अधीक्षक का कहना था कि जब न तो वार्डेन, न डीएसडब्ल्यू और न ही अधीक्षक ने कर्मचारी को आवास मुहैया कराने के आवेदन अग्रसारित किया, तो उन्हें आवास कैसे दिया जा सकता है.
अधीक्षक ने पत्र में यह भी उल्लेख किया था कि उक्त क्वार्टर छात्रावास संबंधी सामग्री व कागजात रखने व कार्यालय के रूप में इस्तेमाल करने के लिए उपलब्ध है. कर्मचारी को आवास मुहैया कराने से बेवजह भीड़ बढ़ने और छात्रावास परिसर में मवेशी रखने से असुरक्षा की स्थिति उत्पन्न होने की भी आशंका व्यक्त की गयी थी. बावजूद इसके छात्रावास परिसर में अतिक्रमण जारी रहा.
इस बीच कुलपति के रूप में डॉ सैयद एहतेशामउद्दीन, डॉ एनके वर्मा, डॉ केएन दुबे, डॉ विमल कुमार, प्रो अरुण कुमार, डॉ अंजनी कुमार सिन्हा व इसके बाद डॉ एनके वर्मा की विश्वविद्यालय में नियुक्ति हुई. इनमें कोई भी कुलपति ने उक्त घटना को गंभीरता से लिया होता, तो अतिक्रमण हट जाता. डेढ़ माह पूर्व ही कुलपति के पद पर प्रो रमाशंकर दुबे आये हैं. पुरुष छात्रावास, सभी पीजी विभाग, केंद्रीय पुस्तकालय, प्रशासनिक भवन का निरीक्षण करने के बाद 20 मार्च को उन्होंने प्रतिकुलपति प्रो एके राय, डीएसडब्ल्यू डॉ गुरुदेव पोद्दार व विकास पदाधिकारी डॉ इकबाल अहमद के साथ निरीक्षण किया. इस दौरान डेयरी और कमरे में अतिक्रमण की बात उजागर हुई थी. प्रतिकुलपति प्रो राय ने बताया कि क्वार्टर में रहनेवाले कर्मचारी अपने परिवार के साथ रहते हैं. इस कारण उन्हें छात्रावास खाली करने के लिए 15 दिन या एक महीना का वक्त दिया जायेगा. इसके बाद भी अगर वे खाली नहीं करेंगे, तो कार्रवाई की जायेगी.