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विप्लवी जैसा पुस्तकालय देश में और गांवों में हो

बेगूसराय : राष्ट्रकवि रामधारी सिंह दिनकर व साहित्यकार रामशरण शर्मा की इस धरती पर पहुंच कर अपने को गर्व महसूस होता है. बेगूसराय हमेशा से साहित्य व संस्कृति के प्रति गहरा लगाव रखते रहा है. उक्त विचार रविवार को जिले ही नहीं राष्ट्रीय स्तर पर चर्चित विप्लवी पुस्तकालय गोदरगावां में साहित्यकारों ने कहीं. साहित्यकार जब […]

बेगूसराय : राष्ट्रकवि रामधारी सिंह दिनकर व साहित्यकार रामशरण शर्मा की इस धरती पर पहुंच कर अपने को गर्व महसूस होता है. बेगूसराय हमेशा से साहित्य व संस्कृति के प्रति गहरा लगाव रखते रहा है. उक्त विचार रविवार को जिले ही नहीं राष्ट्रीय स्तर पर चर्चित विप्लवी पुस्तकालय गोदरगावां में साहित्यकारों ने कहीं. साहित्यकार जब गोदरगावां पहुंचे और ग्रामीण परिवेश में पुस्तकालय की भव्यता व लोगों में पुस्तक व साहित्य के प्रति लगाव देख कर अचंभित हो उठे. साहित्यकारों ने कहा कि हमलोगों को देश के विभिन्न हिस्सों में जाने का अवसर मिलता है. सभी जगहों पर पुस्तकालय की स्थिति समाप्त होती जा रही है.

लेकिन यहां आने के बाद एक बार फिर उत्साह जागृत होता है कि पुस्तकालय के प्रति अभी भी लोगों की गहरी अभिरुचि है. साहित्यकारों ने कहा कि विप्लवी पुस्तकालय जैसी भव्यता देश के साढ़े पांच हजार गांवों में होने की जरूरत है. तभी हम शिक्षा के प्रति अलख जगाने में कामयाब हो पायेंगे. इसके पूर्व साहित्यकारों के आगमन के दौरान स्थानीय लोगों ने गर्मजोशी से अपने अतिथियों का स्वागत पुष्प वर्षा कर किया. आजाद चौक से लेकर पुस्तकालय प्रांगण तक साहित्यकारों व स्थानीय लोगों के द्वारा शिक्षा बचाओ के तहत मार्च निकाल कर लोगों को जागरूक किया गया. मौके पर साहित्यकारों व अतिथियों ने पुस्तकालय के प्रांगण में स्थापित भगत सिंह, कबीर समेत अन्य विभूतियों पर पुष्प अर्पित करते हुए पुस्तकालय में लगी हुई किताबों का अवलोकन किया. इस मौके पर पुस्तकालय को प्रो अनिल सदगोपाल ने 80 किताबें भेंट की.

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