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फिर से दलकने लगा है राजेंद्र पुल

अनदेखी. ओवरलोड वाहनों के गुजरते वक्त पुल में होने लगता है कंपन धड़ल्ले से गुजरते हैं ओवरलोड वाहन बेगूसराय/बीहट : एक बार फिर संकट में है लाइफ लाइन.जी हां बात हो रही है सिमरिया स्थित राजेंद्र पुल की जो एक बार फिर भारी वाहनों या ट्रेन के गुजरने वक्त दलकने लगता है.ऐसा नहीं है कि […]

अनदेखी. ओवरलोड वाहनों के गुजरते वक्त पुल में होने लगता है कंपन

धड़ल्ले से गुजरते हैं ओवरलोड वाहन
बेगूसराय/बीहट : एक बार फिर संकट में है लाइफ लाइन.जी हां बात हो रही है सिमरिया स्थित राजेंद्र पुल की जो एक बार फिर भारी वाहनों या ट्रेन के गुजरने वक्त दलकने लगता है.ऐसा नहीं है कि इस पुल की मरम्मत पर खर्च नहीं हुए हैं.खर्च तो होते हैं लेकिन उचित निगरानी नहीं हो पाती .अभी हाल के दिनों में पुल मरम्मत के नाम पर करोड़ों खर्च हुए लेकिन इससे जुड़े रेलवे, पुल निर्माण विभाग, एनएचएआइ तथा जिला प्रशासन के गैर जिम्मेदाराना तौर-तरीकों के कारण एक बार फिर राजेंद्र पुल दलकने लगा है.अगर हालात यही रहे तो बिहार के विकास कार्यों में अहम भूमिका निभाने वाला यह पुल भयानक हादसे का सबब बन सकता है.
वर्ष 2009 में ही पुल के क्षतिग्रस्त होने का लटका दिया था बोर्ड:राजेंद्र पुल के दलकने के कारण वर्ष 2009 में ही पुल के क्षतिग्रस्त होने का बोर्ड लटका दिया गया था.मगर लापरवाही के कारण पुल दलकता रहा.आखिरकार पांच जनवरी 2010 को पुल की जर्जरता के मद्देनजर खतरे को देखते हुए पुल पर भारी वाहनों के आवागमन पर रोक लगा दी गयी. 25 सितंबर 2013 को पुल के दोनों ओर हाइटगेज लगाकर आठ फुट से अधिक ऊंचे वाहनों के परिचालन पर पूर्णत: प्रतिबंध लगा दिया गया.
20 करोड़ की लागत से पुल का हुआ जीर्णोद्धार :कोलकाता की राबर्टसन कंपनी द्वारा लगभग 20 करोड़ की लागत से जीर्णोद्धार कार्य एक दिसंबर 2014 शुरू किया गया. मगर कार्य में शिथिलता और बाधा के चलते इसे पूरा करने में कंपनी को 11 महीने की बजाय 20 महीने का वक्त लग गया.कंपनी द्वारा पुल के सुदृढीकरण के लिए सड़क का स्ट्रींजर का रेट्रोफिटमेंट,सॉव कटर,डायमंड चेन के द्वारा रोड डेक कटिंग,रोड डेक की कंक्रिट,रोड डेक का वियरिंग कोर्स, एक्सपेंशन ज्वायंट को बदलने सहित अन्य आवश्यक कार्य किये गये. अंतत: 31 जुलाई को पुल के सड़क मार्ग एनएच-31 से सभी प्रकार के वाहनों का परिचालन संभव हो पाया.
इस दौरान कभी सड़क पुल को बंद कर दिया गया तो कभी ट्रेनों को धीमी रफ्तार से पार कराया जाता रहा. जिसका खामियाजा आम लोगों को भुगतना पड़ा.
कई संगठनों द्वारा किया गया आंदोलन:राजेंद्र पुल के लकवाग्रस्त होने के बाद लोगों की परेशानियों को देखते हुए जनहित में विद्यार्थी परिषद, मानव कल्याणकारी समिति सहित अन्य संगठनों का आंदोलन काफी प्रभावी साबित हुआ.पूर्व सांसद शत्रुघ्न प्रसाद सिंह का हाईकोर्ट में अलग से लोकहित याचिका का सकारात्मक प्रयास सफल रहा. वहीं सांसद डॉ भोला प्रसाद सिंह द्वारा पुल के निर्माण में हो रही देरी की वजह से जिले के औद्योगिक विकास ठप होने का मामला संसद में उठाकर रेल सह सड़क पुल के निर्माण कार्य में तेजी का मार्ग प्रशस्त किया.
आखिरकार हाईकोर्ट के सख्त निर्देश के बाद राजेंद्र पुल पर सड़क परिचालन शुरू करने की तैयारी में पुल विभाग ने अपनी पूरी तैयारी झोंक दी.आधी-अधूरी तैयारी के पुल को खोल दिया गया फलत: बस,ट्रक सहित अन्य भारी वाहन एक बार फिर पुल को दलकाते हुए पूरी गति से गुजरने लगे.
अधिकारी ने पुल के भविष्य पर जताई थी चिंता :जीणार्ेद्धार कार्य से जुड़े पुल के अधिकारी ने चिंता व्यक्त करते हुए कहा था कि पुल के सडक मार्ग से ऐसे ही पूरी रफ्तार से भारी वाहन गुजरते रहे तो पुल का भगवान ही मालिक है.प्रशासन को पुल पर वाहनों की गति धीमी और ओवरटेकिंग को रोकने के लिये सख्त कदम उठाना होगा.उनकी चिंता आज सच साबित हो रही है.अभी छह मिहना ही गुजरे हैं और पुल दलकने लगा है.पुल के लगातार दलकने के कारण कुछ दिनों बाद ही सड़क पर एक्सपेंशन ज्वायंट की जगह ढलाई में दरार आ गयी थी. जिसे बाद में पुन: मरम्मत किया गया था.
सिमरिया में नये रेल पुल का शिलान्यास…:उत्तर और दक्षिण बिहार को जोड़ने वाले राजेंद्र पुल के पास अतिरिक्त दोहरी लाइन पुल 1.90 किमी एवं कुल नयी लाइन 14.00किलोमीटर का शिलान्यास प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा 12 मार्च 2016 को किया गया है.जिसकी अनुमानित लागत 1491 करोड़ की है. बेगूसराय के सांसद डॉ भोला सिंह ने कहा कि सिमरिया में राजेंद्र पुल के समानांतर नये रेल पुल का शिलान्यास करने से बिहार की समृद्धि का मार्ग प्रशस्त हुआ है.
अवैध वाहनों को किया जा रहा है जब्त
चकिया ओपी तथा जिला परिवहन विभाग के द्वारा एक सप्ताह से चलाये जा रहे संयुक्त अभियान के तहत अनाधिकारिक रूप से राजेंद्र पुल होकर गुजर रहे 16 टन से अधिक क्षमता वाले ओवरलोड भारी वाहनों की धर-पकड़ की जा रही है. जिला परिवहन विभाग द्वारा जब्त किये गये करीब एक सौ ऐसे वाहनों से बतौर जुर्माना के रूप में लगभग बीस लाख की राशि की वसूली के बाद वाहनों को मुक्त किया गया.
डीटीओ राजीव कुमार श्रीवास्तव ने कहा कि राजेंद्र पुल से होकर गुजरने वाले वाहनों का अधिकतम भार माल सहित 16 टन अधिक नहीं होना चाहिए.वहीं चकिया ओपी प्रभारी राजरतन ने कहा अनाधिकारिक रूप से पुल से होकर गुजरने वाले ऐसे वाहनों की धर-पकड़ के लिए लगातार अभियान चलाया जायेगा और जुर्माना के अलावा कानूनी कारर्वाई भी की जायेगी.

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