कानपुर रेल हादसा. 48 घंटे बाद शव लेकर पहुंचा रेल विभाग, मचा कोहराम
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शव को देख रो पड़ा पहसारा गांव
कानपुर रेल हादसा. 48 घंटे बाद शव लेकर पहुंचा रेल विभाग, मचा कोहराम बूूढ़ी गंडक के पास किया गया दाह-संस्कार बेगूसराय/नावकोठी : इंदौर-पटना ट्रेन हादसे में मृत जिले के नावकोठी प्रखंड के पहसारा निवासी शिव कुमार यादव का शव मंगलवार सुबह 10 बज कर 40 मिनट पर घर लाया गया. शव रेलवे विभाग द्वारा वैन […]
बूूढ़ी गंडक के पास किया गया दाह-संस्कार
बेगूसराय/नावकोठी : इंदौर-पटना ट्रेन हादसे में मृत जिले के नावकोठी प्रखंड के पहसारा निवासी शिव कुमार यादव का शव मंगलवार सुबह 10 बज कर 40 मिनट पर घर लाया गया. शव रेलवे विभाग द्वारा वैन से पहुंचाया गया. घर पर शव पहुंचते ही परिवार में कोहराम मच गया. परिजनों की चीख पुकार सुन आसपास के लोग भी अपने आंसू रोक नहीं पाये. पूरा इलाके गमगीन हो गया.
शव की बेसब्री से हो रही थी प्रतीक्षा :हादसे के शिकार हुए शिव कुमार की मौत की खबर मिलने के बाद से परिवार के सदस्य उनकी एक झलक पाने को टकटकी लगाये बैठे थे. लोगों की आंखें शव के आने की इंतजार में पथरा गयी थी. परिजन पल-पल की खबर मोबाइल पर ले रहे थे. तमाम प्रक्रिया पूरी होने के बाद रेल विभाग पिकअप में शव को लेकर नावकोठी के लिए चला. सोमवार के रात्रि दस बजे तक शव पहुंचने की चर्चा थी, लेकिन रास्ते में जाम की समस्या से देरी हुई और शव मंगलवार सुबह पहुंच पाया.
पिकअप वैन जैसे घर पर आ कर रुकी परिजन दहाड़ मार कर रोने लगे. आसपास के लोगों की भीड़ उमड़ पड़ी. भीड़ को नियंत्रित करने के लिए भारी मशक्कत करनी पड़ी. मृतक की पत्नी बुलबुल देवी, पुत्री प्रीति, प्रियांशु एवं पुत्र अभिषेक कुमार को जैसे ही शव के पास लाया गया कि पत्नी बेहोश होकर शव पर गिर पड़ी. वहीं शिवकुमार की पुत्री और पुत्र को अभी भी समझ में नहीं आ रहा था कि उनके पापा उन्हें सदा के लिए छोड़ कर चले गये. इस मार्मिक दृश्य को देख कर हजारों लोगों की भीड़ अपने आंसू रोक नहीं पाये. चारों तरफ गमगीन माहौल, गांव में पूरी सन्नाटा और पीड़ित परिवार की चीत्कार से घंटों अफरा-तफरी का माहौल बना रहा.
गांव पहुंचे कई पदाधिकारी :शिव कुमार का शव पहुंचने के समय प्रशासनिक व पुलिस पदाधिकारी मौजूद थे. बखरी डीएसपी वीरेंद्र कुमार, बीडीओ अशोक कुमार, सीओ रोहित कुमार, प्रखंड प्रमुख मनीषा देवी, थानाध्यक्ष ब्रजेश कुमार प्रिंस, मुखिया रोहित कुमार, सरपंच मृत्युंजय सिंह, मुकेश कुमार समेत बड़ी संख्या में जनप्रतिनिधि उपस्थित थे. इस मौके पर पीड़ित परिवार के द्वारा लिखित आवेदन देकर परिवार की परवरिश और सरकारी नौकरी देने की मांग की गयी. बीडीओ ने बच्चों की पढ़ाई कस्तूरबा विद्यालय में कराने का आश्वासन दिया. मौके पर स्थानीय मुखिया नीतू कुमारी के द्वारा दाह संस्कार के लिए 3000 रुपये दिये.
आठ वर्षीय पुत्र अभिषेक ने दी मुखाग्नि :बड़ी संख्या में लोगों की उपस्थिति में शव दाह-संस्कार के लिए पास के ही बूढ़ी गंडक के पास लाया गया, जहां आठ वर्षीय पुत्र अभिषेक ने अपने पिता को मुखाग्नि दी. इस दृश्य को देख उपस्थित लोग भावुक हो गये. मासूम पुत्र भी चिता में अग्नि देते के समय फफक कर रो पड़ा. ज्ञात हो कि शिव कुमार ही अपने परिवार का भरण-पोषण करने वाले एक मात्र सदस्य थे. उनके मौत होने से परिवार के ऊपर विपत्ति का पहाड़ टूट पड़ा है. लोगों को यह चिंता सता रही है कि अब शिव कुमार की पत्नी व तीन बच्चों का परवरिश कौन करेगा.
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