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शिवकुमार का शव आने की बेसब्री से हो रही प्रतीक्षा

मासूम बच्चे पापा के लौटने का कर रहे इंतजार देर रात्रि तक शव पहुंचने की आशंका विपिन मिश्र/मृत्युंजय4बेगूसराय/नावकोठी : इंदौर-पटना ट्रेन हादसे में जिले के नावकोठी प्रखंड अंर्तगत पहसारा निवासी देवेंद्र यादव के 40 वर्षीय पुत्र शिवकुमार यादव की मौत होने के बद परिजन शव आने की प्रतीक्षा पिछले 24 घंटे से कर रहे हैं. […]

मासूम बच्चे पापा के लौटने का कर रहे इंतजार

देर रात्रि तक शव पहुंचने की आशंका
विपिन मिश्र/मृत्युंजय4बेगूसराय/नावकोठी : इंदौर-पटना ट्रेन हादसे में जिले के नावकोठी प्रखंड अंर्तगत पहसारा निवासी देवेंद्र यादव के 40 वर्षीय पुत्र शिवकुमार यादव की मौत होने के बद परिजन शव आने की प्रतीक्षा पिछले 24 घंटे से कर रहे हैं. पूरे इलाके में यह घटना चर्चा का विषय बनी हुई है. सुबह से लेकर रात तक पीड़ित परिवार के घर लोगों का पहुंचना जारी है. पीड़ित परिवार के घर पहुंच लोग परिजनों को सांत्वना दे रहे हैं. वहीं इस हादसे के बाद शिवकुमार का परिवार पूरी तरह से टूट चुका है.
चारों तरफ चीख- पुकार से पूरा वातावरण गमगीन बना हुआ है. ट्रेन हादसे में शिवकुमार की मौत की जानकारी जैसे ही परिजनों को मिली कि परिवार के लोग उसी समय से शव को देखने के लिए चीत्कार मारने लगे.लोगों ने परिवार के सदस्यों को सांत्वना दी कि जल्द ही शव घर पर आयेगा. पूरे इलाके के लोग शव को देखने के लिए बेचैन हैं. लोग रेल विभाग से संपर्क साध रहे हैं. विभाग के द्वारा जानकारी दी जा रही है कि मंगलवार की रात्रि 10 बजे तक शव पहुंचेगा.
परिवार की माली हालत को देख कर शिवकुमार कमाने के लिए गया था परदेश : दो बेटी एवं एक बेटा व पत्नी की परवरिश करने के उद्देश्य से शिवकुमार कमाने के लिए परदेश गया ताकि उसका अपना घर बन सके और बच्चों की पढ़ाई सही ढंग से हो सके. इसी के तहत व इंदौर में सुपारी कारखाो में काम करने के लिए पांच वर्ष पूर्व गया था. वहां काम करने के दौरान उसने कुछ पैसे इकट्ठे कर गांव में अपना घर बनाया. परिवार के लोग काफी खुश हुए. घर पूरा होने के बाद गृहप्रवेश की तिथि घर के लोगों ने तय कर दी.
26 नवंबर को गृहप्रवेश की तिथि थी, जिसकी सूचना शिवकुमार को दी गयी. शिवकुमार गृहप्रवेश की खुशी में इंदौर से अपने घर के लिए चला, लेकिन उसे क्या पता था कि वह अब अपने घर कभी नहीं पहुंच पायेगा और उसके बीबी-बच्चों के अरमान चंद मिनटों में ही चूर हो जायेंगे. इंदौर में ट्रेन में सवार होने के बाद उसने घर पर फोन किया कि गाड़ी पकड़ ली है. घर आ रहे हैं. परिवार के लोग काफी प्रसन्न थे. इधर घर में गृहप्रवेश की तैयारी भी अंतिम चरण में थी.
इसी क्रम में शिवकुमार के घर के लोगों को इंदौर-पटना ट्रेन हादसे की जानकारी मिली. परिवार के लोग बेचैन हो उठे.परिजनों ने शिवकुमार के मोबाइल पर संपर्क साधा,
तो इस बार शिवकुमार नहीं वरन किसी और की आवाज सुनायी दी. शिवकुमार की आवाज नहीं सुन कर परिवार के लोग घबरा गये. मोबाइल से बात करने वाले एक व्यक्ति ने बताया कि शिवकुमार की ट्रेन हादसे में मौत हो चुकी है. जैसे ही यह मनहूस खबर परिवार के लोगों को मिला कि परिवार के सदस्य चीत्कार मारने लगे.
अब कौन पढ़ायेगा मुझे : ट्रेन हादसे में जान गंवा चुके शिवकुमार यादव की पत्नी बुलबुल देवी,12 वर्षीया पुत्री प्रीति कुमारी,10 वर्षीया पुत्री प्रियांशु कुमारी, आठ वर्षीय पुत्र अभिषेक कुमार पर विपत्ति का पहाड़ टूट पड़ा है. शिवकुमार की बड़ी बेटी घर पर लोगों की भीड़ को देख कर रो पड़ती है. उसके मुंह से एक ही आवाज निकल रही है कि अब मुझे कौन पढ़ायेगा. इस बात को सुन कर उपस्थित लोग भी भावुक हो उठते हैं. शिवकुमार के एक मात्र पुत्र अभिषेक अभी भी लोगों की ओर निहार रहा है. वह अपने पापा के लौटने का इंतजार कर रहा है. उसे समझ में नहीं आ रहा है कि मेरे घर में इतनी भीड़ क्यों है.
वृद्ध पिता का रो-रो कर है बुरा हाल : कहा जाता है कि वृद्ध पिता के कंधे पर जवान बेटे की अरथी हो, तो उससे अधिक विपत्ति का पहाड़ और कोई नहीं होता है. जैसे ही जवान बेटे के ट्रेन हादसे में मौत होने की सूचना मिली, वैसे ही पिता की हालत बिगड़ गयी.घर आने वाले लोगों को देख कर वे फफक पड़ते हैं और उनके मुंह से निकल रहा है कि भगवान मुझे ही क्यों नहीं ले गये. पूरे इलाके में इस घटना को लेकर शोक का वातवरण बना हुआ है.
मोबाइल दुकानदारों ने बंद रखीं अपनी दुकानें

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