बीहट में दो दिवसीय लोक उत्सव का समापन
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नाट्यकला के विकास की जरूरत
बीहट में दो दिवसीय लोक उत्सव का समापन कलाकारों ने दर्शकों को किया मंत्रमुग्ध बीहट : समय की रफ्तार में लोक संस्कृति व परंपराएं विलुप्त होने की कगार पर पहुंच गयी है. उक्त बातें जदयू जिला अध्यक्ष भूमिपाल राय ने मगध कला विकास मंच द्वारा उच्च माध्यमिक विद्यालय केशावे के डेजी सिंह स्मृति सांस्कृतिक सभागार […]
कलाकारों ने दर्शकों को किया मंत्रमुग्ध
बीहट : समय की रफ्तार में लोक संस्कृति व परंपराएं विलुप्त होने की कगार पर पहुंच गयी है. उक्त बातें जदयू जिला अध्यक्ष भूमिपाल राय ने मगध कला विकास मंच द्वारा उच्च माध्यमिक विद्यालय केशावे के डेजी सिंह स्मृति सांस्कृतिक सभागार में आयोजित दो दिवसीय लोक-उत्सव के दूसरे दिन के कार्यक्रम का दीप जला कर उद्घाटन करने के बाद कही. उन्होंने कहा कि नाटक अपने अंदर समाज की समस्याओं, मनोदशाओं और संवेदनाओं सहित जीवन के अन्य महत्वपूर्ण विंदुओं को समेट कर समाज के सामने परोसने का महत्वपूर्ण व सशक्त माध्यम है.
वहीं समाजसेवी दिलीप सिन्हा ने कहा विलुप्त होती जा रही लोक कला के सबसे महत्वपूर्ण विधा नाट्यकला के विकास और संवर्धन की जरूरत है.इसके पूर्व आयोजकों द्वारा अतिथियों का स्वागत चादर व प्रतीक चिह्न देकर किया गया.मौके पर मगध कला विकास मंच की नीतू कुमारी, संयोजक अलख निरंजन, सहित अन्य मौजूद थे.कार्यक्रम का संचालन विद्यालय प्रधान चंद्रशेखर सहनी ने किया. लोक-उत्सव के समापन के अवसर पर दो नाटक मिथिलांचल चला मंच बीहट द्वारा गबरघिचोर और मगध कला विकास मंच द्वारा डोमकछ नाटक की प्रस्तुति की गयी. नाटक में नायक सिकंदर कुमार, नायिका माधुरी कुमारी और पति,पत्नी के बीच वो की भूमिका में बलिराम कुमार ने अपने जीवंत अभिनय से दर्शकों का दिल जीत लिया.वहीं सूत्रधार दिलीप कुमार तथा पूनम कुमारी नाटक की प्रस्तुति के दौरान दर्शकों की तालियां बटोरी. संगीत निर्देशक ममता के निर्देशन में गायक चेतन, सूरज व वादक गंगा सागर मालाकार सहित अन्य नाटक के कलाकारों ने नाटक के सफल मंचन में महत्वपूर्ण योगदान दिया.
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