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लोहियानगर ओवरब्रिज तैयार
बदलेगी बेगूसराय की तकदीर व तसवीर प्रतिदिन होने वाले जाम की समस्या से मिलेगी मुक्ति बेगूसराय(नगर) : 10 वर्षों के लंबे संघर्ष के बाद बेगूसराय शहर के लोहियानगर में बन रहा ओवरब्रिज तैयार हो चुका है. अब सिर्फ उद्घाटन का लोगों को बेसब्री से इंतजार है. इस ओवरब्रिज के चालू हो जाने से न सिर्फ […]
बदलेगी बेगूसराय की तकदीर व तसवीर
प्रतिदिन होने वाले जाम की समस्या से मिलेगी मुक्ति
बेगूसराय(नगर) : 10 वर्षों के लंबे संघर्ष के बाद बेगूसराय शहर के लोहियानगर में बन रहा ओवरब्रिज तैयार हो चुका है. अब सिर्फ उद्घाटन का लोगों को बेसब्री से इंतजार है. इस ओवरब्रिज के चालू हो जाने से न सिर्फ बेगूसराय के विकास को गति मिलेगी वरन जिले की तसवीर व तकदीर दोनों बदल जायेगी. इस ओवरब्रिज का लोग वर्षों से सपना देख रहे थे. जिनका सपना अब महज कुछ दिनों में ही पूरा होने वाला है.
वर्ष 2004 से ही शुरू हो गयी थी पहल :लोहियानगर में ओवरब्रिज का निर्माण हो इसकी गाथा काफी लंबी है. केसी जैना तत्कालीन जीएम(हाजीपुर जोन) के बेगूसराय स्टेशन के निरीक्षण के दौरान सामाजिक कार्यकर्ता विष्णुदेव सिंह के नेतृत्व में इसके लिए हस्ताक्षर अभियान चलाया गया. श्री सिंह के द्वारा उस समय इसे स्मार पत्र के रूप में तत्कालीन जीएम को बेगूसराय दौरा के क्रम में दिया गया था. इस अभियान में बेगूसराय दैनिक यात्री संघ सहित शहर के हजारों बुद्धिजीवियों ने अपनी आवाज बुलंद की थी.
15 जून 2006 को ओवरब्रिज के लिए दिया गया था धरना :लोहियानगर में ओवरब्रिज के निर्माण को लेकर 15 जून 2006 को रेलवे गुमटी पर धरना दिया गया. धरना के क्रम में ही मेमो के द्वारा सोनपुर से खबर आया कि रेलवे बोर्ड की स्वीकृति के लिए भेज दिया गया है. जिसके बाद धरना समाप्त हुआ.
2007-08 में 13.80 करोड़ की लागत से मिली स्वीकृति :वर्ष 2007-08 में रेलवे बोर्ड के द्वारा बेगूसराय-तिलरथ के मध्य समपार संख्या 47 बी पर ओवरब्रिज के लिए 13.80 करोड़ की लागत स्वीकृत किया गया है. केंद्र सरकार के बाद बिहार सरकार के द्वारा राशि आवंटित में विलंब के बाद उक्त स्वीकृत राशि कम पड़ने लगी. जिसके बाद पुन: इसके लिए इस राशि में बढ़ोतरी करते हुए लगभग 60 करोड़ की राशि आवंटित की गयी.
अक्तूबर, 2012 में शुरू हुआ लोहियानगर ओवरब्रिज का कार्य
: लोहियानगर ओवरब्रिज का कार्य अक्तूबर 2012 से शुरू हुआ. इसके निर्माण कार्य शुरू होते ही लोगों में आस जगी कि अब ओवरब्रिज का निर्माण होगा और लोगों को परेशानियों से मुक्ति मिलेगी. लगभग चार वर्षों के लगातार कार्य के बाद ओवरब्रिज का कार्य पूरा हो पाया है. अब लोग इसका बेसब्री से उद्घाटन का इंतजार कर रहे हैं. इस ओवरब्रिज के बन जाने के बाद अब शहर की सुंदरता काफी बढ़ गयी है.
बेगूसराय(नगर) : लोहियानगर ओवरब्रिज के बनने में विधायक और सांसद के रूप में डॉ भोला सिंह ने विधानसभा से लेकर लोकसभा तक आवाज बुलंद की. इस पुल के संबंध में लंबे संघर्ष की जानकारी देते हुए सांसद डॉ भोला सिंह ने कहा कि भारत सरकार ने गुमटी नंबर 47 पर ओवरब्रिज बनाने के लिए अपने स्तर से निधि आवंटित की. इसके पूर्व विधानसभा में गैर सरकारी संकल्प के द्वारा इस पुल के निर्माण के लिए प्रस्ताव बिहार सरकार ने वर्ष 2006 में भेजा. इसके बाद भारत सरकार ने निधि आवंटित की.
इसी के समतुल्य बिहार सरकार को निधि आवंटित करना था. सांसद डॉ सिंह ने कहा कि नीतीश कुमार इसके पहले भारत के रेल मंत्री भी बने. जब बिहार के सीएम हुए तो 2007 में हमने विधानसभा के ध्यानाकर्षण दिया जिस पर सूचना पथ निर्माण मंत्री नंदकिशोर यादव को जवाब देना था. लेकिन सीएम नीतीश ने हस्तक्षेप करते हुए कहा कि भोला बाबू यह लोहियानगर गुमटी हमसे कैसे बच गया. उन्होंने आश्वासन दिया कि राशि केंद्र की तरह देगी. इसके बाद बिहार सरकार ने निधि आवंटित किया और सरकार को भेज दिया. इसके बाद टेंडर हुआ. रांची के डोकानिया कंपनी को कार्य मिला.
लेकिन वह ब्लैक लिस्टेड था. इसके आधार पर कार्य का एग्रीमेंट नहीं हुआ. इसके बाद इरकॉन कंपनी को इसका कार्य मिला और आज पूरा होकर तैयार हो चुका है. सांसद ने कहा कि लोहियानगर ओवरब्रिज इसका आकार, आकृति विधानसभा से लेकर केंद्र तक कदम से कदम निगाह डालते हुए उपस्थित हुआ है.
बहू की डोेली घर आने से पूर्व सास की उठी अरथी
ठीक ही कहा गया है होनी को कोई नहीं टाल सकता है. कभी-कभी किसी परिवार की खुशियां चंद मिनटों में ही मातम में तब्दील हो जाती है. कुछ इसी तरह की घटना खोदाबंदपुर थाना क्षेत्र में हुई. जहां बहू की डोली घर आने से पूर्व ही सास की अरथी सज गयी. पूरे इलाके में यह घटना चर्चा का विषय बना हुआ है.
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