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मां को देख फफक पड़ा मासूम कन्हैया

दुस्साहस. अपनों ने ही अपहरण को दिया अंजाम पैसा नहीं देना बना घटना का मुख्य कारण बेगूसराय(नगर) : सच ही कहा गया है कि आज के बदलते परिवेश में पैसा के सामने सारे रिश्ते-नाते सभी ध्वस्त होते जा रहे हैं. चेरियाबरियारपुर थाना क्षेत्र के बिक्रमपुर गांव से पिछले दिनों मनीष कुमार सिंह के चार वर्षीय […]

दुस्साहस. अपनों ने ही अपहरण को दिया अंजाम

पैसा नहीं देना बना घटना का मुख्य कारण
बेगूसराय(नगर) : सच ही कहा गया है कि आज के बदलते परिवेश में पैसा के सामने सारे रिश्ते-नाते सभी ध्वस्त होते जा रहे हैं. चेरियाबरियारपुर थाना क्षेत्र के बिक्रमपुर गांव से पिछले दिनों मनीष कुमार सिंह के चार वर्षीय पुत्र कन्हैया का अपहरण भी पैसे नहीं देने के कारण ही हुई. इस घटना में अपनों ने ही सभी रिश्ते-नाते को तार-तार करते हुए इस मासूम का अपहरण कर 30 लाख रुपये फिरौती की मांग कर दी और नहीं देने पर अंजाम भुगतने की धमकी मोबाइल पर दे डाली.
अगर इस घटना में पुलिस सतर्कता नहीं बरती होती और पीडि़त परिवार का पुलिस को सहयोग नहीं मिला होता तो शायद कन्हैया के अपहरण मामले में कुछ अनहोनी की घटना आज सुनायी पड़ती .मासूम कन्हैया को अपह्वत करने की घटना में अपराधियों ने बड़ी ही सोची-समझी साजिश के तहत रणनीति तैयार की. बताया जाता है कि अन्य दिनों की तरह कन्हैया घर से कुछ दूरी पर बांध पर शुक्रवार की शाम में खेल रहा था. अपराधी बाइक से वहां पहुंचे और मासूम कन्हैया के हाथ में चॉकलेट थमा दिया. इसके बाद अपराधी मासूम कन्हैया को लेकर वहां से फरार हो गये.
जब तक इस घटना की खबर अासपास के लोगों और परिजनों को मिली तब तक अपराधियों का गिरोह मासूम कन्हैया को सुरक्षित जगह पर पहुंचा दिया. इस घटना के बाद परिजनों से पुलिस ने काफी देर तक पूछताछ की. अपह्वत मासूम कन्हैया के पिता मनीष कुमार सिंह ने अपने बेटे की बरामदगी के बाद जो भी कुछ सार्वजनिक किया. उससे यह स्पष्ट हो गया कि अपनों ने ही इस घटना को अंजाम दिया.कन्हैया के पिता ने बताया कि जो भी लोग इस घटना में शामिल थे
और उनके बेटे के अपहरण की योजना बनायी थी. उसका मुख्य कारण था कि उसके घर पर कुछ दिन पूर्व उसके संबंधी ने आकर 10 हजार रुपये की मांग की थी. रुपये नहीं देने पर उसके संबंधी ने यह भी कहा था कि जमीन खरीदने के लिए रुपया होता है और हम मांग रहे हैं तो बहाना बनाते हैं. उसी दिन से इन लोगों ने इसका सबक सिखाने का मन बना लिया था. अपराधियों ने यह मान में ठान लिया था कि अगर फिरौती की रकम नहीं दी जायेगी तो इस बच्चे को हमेशा के लिए गायब कर दिया जायेगा लेकिन यह सफल नहीं हो पाये और पुलिस ने अपनी सूझ-बूझ के साथ बच्चे की सकुशल बरामदगी कर इस पूरे घटना का खुलासा कर दिया.
ट्रंक में बंद कर रखा था मासूम कन्हैया को : कन्हैया का अपहरण कर उसे बख्तियारपुर में जाकर रख दिया गया था. बताया जाता है कि कन्हैया के अपहरण के बाद जब पुलिस इस घटना के खुलासे को लेकर टीम गठित कर अभियान शुरू किया तो इसकी भनक अपहरणकर्ताओं को लग गयी थी. इसी के तहत बच्चे को ट्रंक में बंद कर दिया था. इस दौरान मासूम बच्चे को टेबलेट भी खिला दिया था ताकि बच्चे नींद में रहे और बाहर आवाज न निकाले. पुलिस को देख कर पहले तो मासूम कन्हैया डर गया लेकिन जब पिता को देखा तो उसे लगा कि वह अब सुरक्षित जगह पर पहुंच गया है.
मां को देखते ही फफक पड़ा मासूम कन्हैया :अपहरणकर्ताओं के चंगुल से मुक्त होकर जब कन्हैया पुलिस के पास पहुंचा और बाद में जब उसकी नजर मां पर पड़ी तब वह फफकने लगा. जिसे देख कर इस अभियान में लगे पुलिस कर्मी भी भावुक हो उठे. मां अपने बेटे को गले से लगा लिया.परिवार के सदस्यों ने मासूम कन्हैया को अपहरणकर्ताओं के चंगुल से सकुशल बरामदगी के लिए पुलिस प्रशासन के प्रति आभार प्रकट किया.
कन्हैया के पिता मनीष कुमार सिंह ने कहा कि अगर पुलिस की टीम तत्परता नहीं दिखाई होती तो मेरा बेटा आज मेरे करीब नहीं होता. इधर इस घटना को लेकर पूरे चेरियाबरियारपुर थाना क्षेत्र में पिछले तीन दिनों से चर्चा का बाजार गर्म था.बच्चे के बरामद होने की खबर से पूरे क्षेत्र में उत्सुकता बनी रही और बच्चे को देखने के लिए लोगों की भीड़ उमड़ पड़ी.

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