पटना\बेगूसराय : पुलिस ने कंकड़बाग थाने के साईं हॉस्पिटल के समीप उमा मेडिको के दुकानदार अखिलेश्वर प्रसाद की दुकान के सामने फायरिंग व कृष्णा मेडिको के दुकानदार नीतीश कुमार से चार लाख रंगदारी मांगे जानेवाले दोनों ही मामलों का परदाफाश कर दिया. दुकानदार व रिश्ते में भांजा नीतीश कुमार ने अपने मामा अखिलेशवर प्रसाद की […]
पटना\बेगूसराय : पुलिस ने कंकड़बाग थाने के साईं हॉस्पिटल के समीप उमा मेडिको के दुकानदार अखिलेश्वर प्रसाद की दुकान के सामने फायरिंग व कृष्णा मेडिको के दुकानदार नीतीश कुमार से चार लाख रंगदारी मांगे जानेवाले दोनों ही मामलों का परदाफाश कर दिया. दुकानदार व रिश्ते में भांजा नीतीश कुमार ने अपने मामा अखिलेशवर प्रसाद की हत्या की साजिश रची थी और इसके लिए वह अपराधियों के नाम पर चार लाख रंगदारी मांगे जाने की झूठी प्राथमिकी कंकड़बाग थाने में दर्ज करा दी थी. वहीं अपराधी से हत्या के लिए नीतीश ने 50 हजार की डील की थी.
लेकिन, एसएसपी मनु महाराज के निर्देश पर सदर डीएसपी पीके मंडल के नेतृत्व में कंकड़बाग थानाध्यक्ष विजय कुमार मिश्रा, सब इंस्पेक्टर राजेश कुमार व सब इंस्पेक्टर संतोष कुमार की टीम ने उसकी साजिश को फेल कर दिया. पुलिस ने नीतीश कुमार समेत चार लोगों को गिरफ्तार पकड़ लिया. अन्य गिरफ्तार किये गये लोगों में सत्यम कुमार उर्फ राहुल, मुन्ना कुमार व चंदन कुमार शामिल हैं. ये तीनों बेगूसराय के हैं. वहीं सत्यम के पिता राजेंद्र प्रसाद सहरसा में पुलिस विभाग में जमादार के पद पर है. यह पटना में रह कर कॉलेज ऑफ काॅमर्स में एमबीए की पढ़ाई कर रहा था. उमा मेडिको में गोलीबारी मुन्ना ने की थी.
अधिक बिक्री होने से था खफा: कंकड़बाग के सांई हॉस्पिटल के समीप चंद्रलोक अपार्टमेंट के नीचे उमा मेडिको व कृष्णा मेडिको दुकानें हैं. उमा मेडिको के मालिक अखिलेश्वर प्रसाद है, जबकि कृष्णा मेडिको नीतीश कुमार की है. दरअसल नीतीश अपने मामा की दुकान में काफी दिनों तक काम किया. बाद में उसने अपनी दुकान खोल ली, लेकिन नीतीश इस बात पर खफा था कि उसके मामा की दुकान में अधिक बिक्री होती है.
उसे किसी काम से विदेश भी जाना था, इसलिए पैसे की जरूरत थी. इसी बीच उसकी दोस्ती चंदन नाम के युवक से हुई. चंदन का एक रिश्तेदार सांई हॉस्पिटल में एडमिट था और वह उस दुकान में दवा लेने आता था, जिसके कारण दोनों की दोस्ती हो गयी.
इसके बाद चंदन से मामा को सबक सिखाने की बात बतायी, तो वह 50 हजार लेकर हत्या तक करने को तैयार हो गया. इसके बाद साजिश के तहत वे लोग सत्यम के पास पहुंचे. वहां उन लोगों की मुलाकात मुन्ना से भी हुई, जो उसका रूम पार्टनर था. इसके बाद उन लोगों ने एक कहानी गढ़ी और सत्यम के मोबाइल फोन से मैसेज कर नीतीश से रंगदारी की मांग की गयी.
इसके बाद उसने अपना मोबाइल फोन व सिम तोड़ कर फेंक दिया. लेकिन, पुलिस टीम उस तक पहुंच गयी. हालांकि वह पुलिस को देख कर फरार हो गया, लेकिन पुलिस ने मुन्ना व चंदन को पकड़ लिया और सारी पोल खुल गयी. इसके बाद सत्यम को भी पकड़ा गया और फिर नीतीश को गिरफ्तार कर लिया गया.
बोले अधिकारी
भांजे ने ही सारी साजिश रची थी. यहां तक कि अपने मामा की हत्या कराने के लिए फायरिंग तक करा दी. इतना ही नहीं केस को सही साबित करने के लिए उसने कंकड़बाग थाने में रंगदारी का झूठा केस कराया. ताकि, लोग इसे महज रंगदारी के तहत फायरिंग की घटना मानें.
– मनु महाराज, एसएसपी