बेगूसराय (नगर) : बिहार सरकार के द्वारा उपभोक्ताओं के अधिकार को संरक्षित करने के प्रयास में उपभोक्ताओं को कम- से- कम समय में उनके द्वारा दी गयी शिकायतों का निबटारा हो सके. इसके लिए सभी मुख्यालयों में उपभोक्ता फोरम स्थापित किया गया. इसी के तहत बेगूसराय में भी न्यायालय उपभोक्ता संरक्षण की स्थापना की गयी. […]
बेगूसराय (नगर) : बिहार सरकार के द्वारा उपभोक्ताओं के अधिकार को संरक्षित करने के प्रयास में उपभोक्ताओं को कम- से- कम समय में उनके द्वारा दी गयी शिकायतों का निबटारा हो सके. इसके लिए सभी मुख्यालयों में उपभोक्ता फोरम स्थापित किया गया. इसी के तहत बेगूसराय में भी न्यायालय उपभोक्ता संरक्षण की स्थापना की गयी.
परंतु विभागीय उदासीनता के कारण सरकार का सह प्रयास जमीन पर उतरता नहीं दिख रहा है. कई बार इस संबंध में संबंधित विभाग का ध्यान भी आकृष्ट कराया गया लेकिन इस दिशा में सकारात्मक पहल नहीं हो पायी है. इससे लोगों में निराशा का भाव बना हुआ है.
नहीं हो पा रहा है शिकायतों का निबटारा :उपभोक्ता संरक्षण संसाधनों के अभाव में उपभोक्ताओं की शिकायतों का निबटारा कम- से- कम समय में नहीं कर पा रही है. इससे उपभोक्ताओं में निराशा का भाव है. हतोत्साह हो जाने की स्थिति में उपभोक्ता अपने अधिकार का हनन होने की स्थिति में भी न्यायालय की ओर रुख नहीं कर पाते हैं.
यह स्थिति उपभोक्ताओं को अपने अधिकार के प्रति जागरूक बनाने में अवरोध का काम करती है.
फोरम में इस वर्ष में आये मात्र 63 मामले :जिला उपभोक्ता फोरम में एक जनवरी 2015 से अब तक मात्र 63 मामला ही उपभोक्तओं की ओर से दर्ज हो पाया है.
सबसे आश्चर्य की बात है कि अब तक अधिसंख्य मामले का निबटारा पूरा नहीं हो पाया है. तृतीय संवर्ग कर्मचारी स्टेनों का नहीं रहना भी इसका एक प्रमुख कारण है. महीने में लगातार सुनवाई नहीं हो पा रही है. भवन की भी हालत खराब है. छत के जर्जर होने के कारण बरसात के मौसम में छत से पानी टपकने के कारण फाइलों को सुरक्षित रखने में बड़ी परेशानियों का सामना करना पड़ता है.
कई बार खाद्य सामग्री खरीदने पर त्रुटियां नजर आयीं. बिजली विभाग के द्वारा सेवा में त्रुटियां हुईं, तो इच्छा हुई कि उपभोक्ता फोरम में शिकायत दर्ज करूं परंतु लंबे समय तक चक्कर लगाने की चर्चा सुन कर शिकायत दर्ज नहीं करायी.
धीरेंद्र पोद्दार,उपभोक्ता
बिजली विभाग की कई बार मनमानी मैंने बरदाश्त कर लिया परंतु फोरम का चक्कर लगाने की बात सुन कर अपने अधिकार से समझौता कर लिया.
राजेंद्र प्रसाद, उपभोक्ता
बच्चों के पठन-पाठन की सामग्री की कीमत आसमान छू रही है. सामग्री पर जो कीमत प्रिंट रहता है. उतना ही भुगतान करना पड़ता है. इस संबंध में अब तक कोई पहल नहीं हो पायी है.
मुकेश कुमार, उपभोक्ता
लगातार बीएसएनएल की ब्रॉड बैंड सेवा से परेशान रहता हूं लेकिन अपनी शिकायत करते परेशान हो गया हूं.
राजेश कुमार, उपभोक्ता