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सालाना एक अरब की चपत

बेगूसराय(नगर) : शराब से राज्य को सलाना करोड़ों रुपये के राजस्व की प्राप्ति होने के बावजूद नीतीश सरकार के द्वारा आगामी एक अप्रैल 2016 से शराबबंदी की घोषणा कर दी गयी है. जिसकी सर्वत्र चर्चा हो रही है. खासकर महिलाओं में इस बंदी की सुर में सुर मिलाते हुए जश्न का माहौल है. घर-बार संवरने […]

बेगूसराय(नगर) : शराब से राज्य को सलाना करोड़ों रुपये के राजस्व की प्राप्ति होने के बावजूद नीतीश सरकार के द्वारा आगामी एक अप्रैल 2016 से शराबबंदी की घोषणा कर दी गयी है. जिसकी सर्वत्र चर्चा हो रही है. खासकर महिलाओं में इस बंदी की सुर में सुर मिलाते हुए जश्न का माहौल है.

घर-बार संवरने और गृहस्थी की गाड़ी सरपट दौड़ानेवाली इस फैसले के बाद आधी आबादी तहे दिल से नीतीश सरकार के प्रति आभार प्रकट कर रही है. गांव की महिलाओं से लेकर शहर की युवतियां भी नीतीश सरकार के इस निर्णय को सामाजिक बदलाव के लिए ठोस पहल बता रही हैं.खास कर बेगूसराय जिले के कई प्रखंडों के सुदूरवर्ती गांवों में देहाती परिवेश की औरतों के बीच खुशी का माहौल है.

शराब नहीं सामाजिक बुराई पर पाबंदी

शराब बंदी से बिहार समेत बेगूसराय की आधी आबादी खास कर महिलाओं की जिंदगी में जबरदस्त बदलाव आने वाला है. महिलाएं, युवतियां समाज में सड़कों पर ,कॉलेजों, कार्यालयों में बेहिचक आवाजाही कर सकती है. जो एक डर लगातार बना हुआ था कि इस पंचायत के उस शराब खाने के आगे से गुजरना मुश्किल था वो अब इस बंदी के बाद आसान दिख रहा है.

शराब से बढ़ रहा था वारदातों का ग्राफ : विगत वर्षों में राजस्व की प्राप्ति हेतु बिहार सरकार के द्वारा हर पंचायत में शराब दुकान खोले जाने से कई तरह की घटनाएं समाज में बढ़ रही थी. जिसके कारण खून-खराबे, लूट-पाट की घटना बढ़ गयी थी. खास कर मां-बहनों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा था.

शराब पीकर गाड़ी चलाने से कई मौतें : शराब पीकर गाड़ी चलाने से अधिकांश घटनाएं बेगूसराय जिले से होती रही है. जिसके कारण एक वर्ष में लगभग 30 लोगों की मौत सिर्फ नशे के हालत में हुई है. शराबबंदी से सड़क दुर्घटनाओं में कमी आयेगी और बड़ी संख्या में लोगों का परिवार उजड़ने से बच जायेगा.

शराब पीकर घर आने पर लगायी थी रोक : इस तरह से बरौनी प्रखंड के फुलबड़िया थाना क्षेत्र के रामपुर टोला में महिलाओं के द्वारा अवैध शराब की बिक्री पर हंगामा किया गया. आकाश गंगा रंग चौपाल एसोसिएशन बरौनी के द्वारा शराबबंदी को लेकर लगातार जागरूकता कार्यक्रम चलाया गया. शराब का कारोबार बंद हो इसको लेकर एसोसिएशन के द्वारा रूपनगर, चकिया, कसहा, बड़ियाही, अमरपुर, गढ़हारा में नुक्कड़ नाटक का आयोजन किया गया.

बखरी प्रखंड के राटन पंचायत के मुखिया सरोजनी भारती के नेतृत्व में शराब भट्ठी को ध्वस्त किया गया. मुखिया के नेतृत्व में महिलाओं के द्वारा शराब पीकर गांव घर में प्रवेश करने वालों पर पाबंदी भी लगायी गयी और गांव से खदेड़ा भी गया.

महिलाओं ने चलाया था आंदोलन:

जिले में शराब के बढ़ते कारोबार पर अंकुश लगाने के लिए विभिन्न महिला संगठनों व अन्य सक्रिय संस्थाओं के द्वारा लगातार इसके विरोध में आंदोलन चलाकर न सिर्फ आवाज बुलंद किया गया वरन शराब कारोबारियों के ठिकानों को भी हमला बोल कर ध्वस्त करने का काम बेगूसराय की महिलाओं ने किया है. जिसकी सूबे में चर्चा होते रही है.

बखरी पूर्वी के परिहारा में अवैध शराब भट्ठियों पर महिलाओं ने हमला बोला, मोहनपुर पंचायत में महिलाओं ने शराब दुकानों को धवस्त किया. मंसूरचक के फाटक चौक पर सैकड़ों महिलाओं ने जोरदार प्रदर्शन िकया था.

गरीब सर्वाधिक प्रभावित : आमतौर पर पंचायत में शराब दुकान खुलने से निम्न वर्गीय परिवार ज्यादा प्रभावित हो रहे हैं. दिन भर मजदूरी करने के बाद मजदूर अपनी थकान मिटाने शराब दुकान पर पहुंच जाते थे और इस लत के चलते शराब ग्रहण करने वाले लोग पैसे के अलावे जेबर,समान को भी बंधक रख कर शराब का सेवन करने से नहीं चूकते थे.

अवैध शराब बड़ी चुनौती : सरकार के द्वारा शराब के कारोबार को एक अप्रैल से बंद कर देने की घोषणा के बाद अवैध रू प से शराब के कारोबार पर अंकुश लगाना उत्पाद विभाग के िलए बड़ी चुनौती होगा.

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