…अपनों ने ही लूटा, गैरों में कहां दम था, बेगूसराय में एनडीए का हो गया पत्ता साफभाजपा के अंतर्विरोध के चलते ही मिली पराजय, चुनाव परिणाम आने के बाद नजरबंद हुए भाजपा के वर्कर विपिन कुमार मिश्रबेगूसराय (नगर). अपनों ने लूटा, गैरों में कहां दम था, मेरी किश्ती भी वहां डूबी जहां पानी कम था. बेगूसराय में एनडीए प्रत्याशी की पराजय कुछ इसी तरह से हुई है. टिकट बंटवारे में अंतर्विरोध से लेकर चुनाव कैंपन में भाजपा के बड़े नेताओं की चुप्पी जिले की सभी सातों सीटों पर सुपड़ा साफ होने में काफी मददगार साबित हुई है. इस बार के चुनाव में भाजपा काफी कुछ चीजों को नजरअंदाज किया और पार्टी के वैसे कुछ वरीय व सक्रिय लोगों को दरकिनार कर वैसे नये नेताओं पर भरोसा जताया. इसके चलते जिले में एनडीए के प्रत्याशी कहीं से भी खाता नहीं खोल पाये. हालांकि बेगूसराय की सभी सातों सीटों को एनडीए और भाजपा ने प्रतिष्ठा की सीट माना था. बेगूसराय में एनडीए का जोनल कार्यालय भी था. चुनावी डुगडुगी बजने के बाद से बेगूसराय के जोनल कार्यालय में भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह से लेकर राष्ट्रीय और प्रदेश के शायद ही कोई नेता बच गये होंगे, जो बेगूसराय में नहीं पहुंचे होंगे. बेगूसराय के साथ-साथ अन्य 14 जिलों में भी भाजपा और एनडीए की जीत के लिए नेताओं की मंत्रणा हुई. रात-दिन नेताओं और जिले के कार्यकर्ताओं के द्वारा प्लानिंग बनाया जाने लगा. लेकिन इस बात को नजरअंदाज किया गया कि जिले में भी भाजपा और एनडीए के कुछ सक्रिय नेता हैं, जिनकी चुप्पी और अनुपस्थिति पार्टी को आनेवाले समय में अहितकर साबित होगा. तमाम राष्ट्रीय और प्रदेश नेताओं के आगमन के बाद बेगूसराय में पीएम मोदी भी अपना कार्यक्रम दिया. मोदी के कार्यक्रम में जबरदस्त भीड़ भी जुटी. लोगों को लगा कि अब भाजपा और एनडीए का नैया पार लगनेवाला है लेकिन मतदाताओं ने मोदी के इस भीड़ को वोट में नहीं तब्दील किया. नतीजा हुआ कि चुनाव परिणाम के बाद भाजपा और एनडीए को जिले में जबरदस्त पराजय का सामना करना पड़ा है. वैसे नेताओं की बोलती बंद हो गयी है, जो पार्टी के प्रदेश और राष्ट्रीय नेतृत्व के समक्ष जिले की सातों सीट को एनडीए की झोली में देने का जोरदार दावा कर रहे थे. चुनाव परिणाम आने के बाद भाजपा के तमाम नेता व कार्यकर्ता चुप्पी साधे हुए हैं. वहीं प्रत्याशियों को भी अब यह महसूस होने लगा है कि अपनों के विरोध के चलते ही उनकी नैया डूब गयी है. इधर पार्टी के वैसे नेताओं में अंदर ही अंदर खुशी देखी जा रही है. पार्टी के वैसे नेताओं को लग रहा है कि वो अपनी मुहिम में कामयाब हो गये हैं. आखिर भाजपा और एनडीए को इस पर गहन मंथन करना होगा ताकि आनेवाले लोकसभा व विधानसभा के चुनाव में पार्टी को पुन: यह दिन न देखना पड़े. भाजपा कार्यालय में छायी मायूसी रविवार को होनेवाले मतगणना को लेकर सभी प्रमुख कार्यालयों में अहले सुबह से कार्यकर्ता जुटने लगे थे. सुबह आठ बजे जैसे ही मतगणना कार्य शुरू हुआ और रुझान मिलना शुरू हुआ, तो पहले एनडीए व भाजपा की कुछ देर तक मिली बढ़त के बाद एनडीए के कार्यकर्ताओं में उत्साह देखा गया. जैसे ही तीसरे राउंड की गिनती का रुझान आना शुरू हुआ और भाजपा व एनडीए के प्रत्याशी पवेलियन की ओर लौटने लगे, वैसे ही भाजपा कार्यालयों में मायूसी छाने लगी. सिंघौल स्थित भाजपा के जोनल कार्यालय और बाघा स्थित जिला कार्यालय में वीरानगी शुरू हो गयी. कार्यालय से भाजपा के नेता व कार्यकर्ता खिसकने लगे. दिन के दो बजे तक चारों तरफ भाजपा और एनडीए के कार्यकर्ता कहीं भी नजर नहीं आये. जीत के बाद जम कर हुई आतिशबाजीमतगणना के बाद जैसे ही महागंठबंधन के प्रत्याशी के पक्ष में बढ़त का रुझान मिलना शुरू हो गया, वैसे ही बाहर में गंठबंधन के कार्यकर्ताओं ने तीन दिन पूर्व ही दीपावली मनानी शुरू कर दी. कार्यकर्ताओं ने बाहर में जम कर होली व दीपावली एक साथ मनायी. हालांकि कड़ी सुरक्षा के कारण पनहांस चौक पर ही समर्थकों को रोक दिया गया था. कई बार उत्साहित कार्यकर्ताओं व तैनात सुरक्षाकर्मी के बीच अंदर जाने को लेकर आंशिक रूप से तू-तू-मैं-मैं भी हुई. लेकिन कड़ी सुरक्षा के कारण किसी को अंदर जाने की इजाजत नहीं थी. इसके चलते समर्थक बाहर ही जम कर खुशी का इजहार किया. चुनाव परिणाम में काफी बढ़त मिलने के बाद मटिहानी के गंठबंधन के जदयू प्रत्याशी अपने कार्यकर्ताओं के साथ मतगणना केंद्र तक पहुंचे. जहां उन्होंने अपनी जीत के लिए मटिहानी की जनता को बधाई दी. इसके बाद चेरियाबरियारपुर विधानसभा क्षेत्र के गंठबंधन की प्रत्याशी मंजु वर्मा एवं बछवाड़ा विधानसभा क्षेत्र के कांग्रेस प्रत्याशी रामदेव राय भी पहुंचे. जहां उन्होंने भी अपनी जीत के लिए मतदाताओं के प्रति आभार प्रकट किया. मीडिया सेंटर से लोग प्राप्त कर रहे थे रुझानमतगणना केंद्र के बाहर बने मीडिया सेंटर में पूरे दिन गहमागहमी बनी रही. कौन जीता, कौन हारा इस पर पूरे दिन मंथन चलता रहा. दूरदर्शन पर प्रकाशित हो रही खबरों व मतगणना केंद्र से मिल रहे रुझानों के बाद लोग जानकारी प्राप्त कर रहे थे. वहीं मीडियाकर्मी भी अपने-अपने कार्यालयों में रुझान को प्रसारित करने में पूरे दिन मुश्तैद रहे. सुरक्षा के कड़े बंदोबस्तविधानसभा चुनाव को लेकर सुरक्षा के कड़े बंदोबस्त किये गये थे. चप्पे-चप्पे पर पारा मिलिटरी फोर्स एवं अन्य पुलिस बल को लगाया गया था ताकि किसी प्रकार की अनहोनी की घटना न हो. पुलिस अधीक्षक मनोज कुमार, एएसपी कुमार मयंक, सदर डीएसपी राजेश कुमार स्वयं मतगणना स्थल पर जमे हुए थे. इधर पनहांस चौक पर ही नाका बनाया गया था. जहां किसी को अंदर आने की इजाजत नहीं थी. सिर्फ पासवाले लोगों को ही अंदर जाने की इजाजत थी. मतगणना संपन्न होने के बाद पुलिस प्रशासन ने भी राहत की सांस ली.
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…अपनों ने ही लूटा, गैरों में कहां दम था, बेगूसराय में एनडीए का हो गया पत्ता साफभाजपा के अंतर्विरोध के चलते ही मिली पराजय, चुनाव परिणाम आने के बाद नजरबंद हुए भाजपा के वर्कर विपिन कुमार मिश्रबेगूसराय (नगर). अपनों ने लूटा, गैरों में कहां दम था, मेरी किश्ती भी वहां डूबी जहां पानी कम था. […]
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