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छात्रों की पहली पसंद बना जीडी कॉलेज

छात्रों की पहली पसंद बना जीडी कॉलेजतसवीर-18- जीडी कॉलेज बेगूसराय आखिर जीडी कॉलेज में ही क्यों जुटती है पीजी में नामांकन के लिए भीड़, विश्वविद्यालय के कई विभाग रह जाते हैं खाली, यहां इंटरमीडिएट से लेकर होती है पीजी तक की पढ़ाईबेगूसराय (नगर). ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय, दरभंगा को गौरवान्वित करनेवाला महाविद्यालय जीडी कॉलेज रहा […]

छात्रों की पहली पसंद बना जीडी कॉलेजतसवीर-18- जीडी कॉलेज बेगूसराय आखिर जीडी कॉलेज में ही क्यों जुटती है पीजी में नामांकन के लिए भीड़, विश्वविद्यालय के कई विभाग रह जाते हैं खाली, यहां इंटरमीडिएट से लेकर होती है पीजी तक की पढ़ाईबेगूसराय (नगर). ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय, दरभंगा को गौरवान्वित करनेवाला महाविद्यालय जीडी कॉलेज रहा है. बेगूसराय जिले के पांच अंगीभूत और तीन संबंद्ध डिग्री कॉलेजों में से एक जीडी कॉलेज जहां पीजी की पढ़ाई 16 विषयों में होती है. 1945 में स्थापित गणेशदत्त महाविद्यालय अपने शैक्षणिक वातावरण और सुंदर परिसर के लिए पूर्व के दिनों में गौरवमयी इतिहास को बयां करता रहा है. जीडी कॉलेज में अंतर स्नातक से लेकर स्नातकोत्तर तक की पढ़ाई के लिए छात्र-छात्राओं को नामांकन के लिए पहली पसंद के रूप में जीडी कॉलेज रहा है. जहां एक ही जगह इंटर से पीजी तक छात्र अपनी पढ़ाई साल दर साल पूरा कर सकते हैं. लेकिन वर्तमान नामांकन के लिए उमड़ती भीड़ के पीछे यह तर्क प्रस्तुत करना आज के समय में पूर्णत: शत-प्रतिशत सही नहीं है. आज पीजी विज्ञान, वाणिज्य और कला के 16 विषयों में नामांकन के लिए निर्धारित लगभग दो हजार सीट है. वहीं सूत्र बताते हैं कि गत वर्ष पीजी में नामांकन के लिए लगभग चार हजार आवेदन यहां जमा हुए थे. ऐसी स्थिति में दिन- प्रतिदिन छात्रों की बढ़ती संख्या महाविद्यालय प्रशासन के लिए एक बड़ी चुनौती बनती जा रही है. वहीं दूसरी तरफ यह सवाल भी उठता है कि जीडी कॉलेज में ही पीजी के लिए नामांकन में क्यों भीड़ उमड़ती है. जबकि दरभंगा स्थित विश्वविद्यालय के कई पीजी विभाग छात्रों के नामांकन के लिए लालायित रह जाते हैं. जीडी कॉलेज के पीजी विभागों में प्राध्यापकों की संख्या काफी है. जबकि जीडी कॉलेज के गणित और अर्थशास्त्र विभाग में एक भी शिक्षक नहीं हैं. वहीं शेष 14 विषयों में महज एक या दो शिक्षक रह गये हैं. जिनके ऊपर इंटर से लेकर पीजी की जिम्मेवारी है. फिर भी बेतहाशा भीड़ कुछ न कुछ तो बोलती है. सूत्र बताते हैं कि एक तो इन दिनों विश्वविद्यालय का सत्र नियमित है. इसके कारण दूसरे जिलों से भी छात्र जीडी कॉलेज की ओर भागे चले आते हैं. इसके अलावे विगत वर्षों से पीजी का परीक्षा केंद्र, बेगूसराय के अंदर ही होकर रह गया है. जहां कदाचारमुक्त नहीं कदाचारयुक्त परीक्षाएं हो रही हैं. आंतरिक परीक्षाओं के लिए छात्र संगठनों के दवाब पर अतिरिक्त तिथियां भी घोषित होती रही हैं. शिक्षक कम होने के कारण कई विषयों में वर्ग की कोई संभावना नहीं रह गयी है. इन तमाम कारणों के कारण यहां न केवल बेगूसराय बल्कि समस्तीपुर, खड़गिया, सहरसा, मधेपुरा, पटना, जमुई, लखीसराय, बाढ़ सहित कई अन्य जिलों के छात्रों का यह पीजी सेंटर होकर रह गया है. यानी नाम लिखाओ और पास हो जाओ. सूत्र बताते हैं कि अगर बेगूसराय में परीक्षाओं पर नियंत्रण हो जाये, तो शायद यह भीड़ नियंत्रण में आ जाये. बहरलाल जीडी कॉलेज, बेगूसराय को नामांकन के लिए अब भी तथाकथित छात्र संगठनों के नखरे को झेलना बाकी है.

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