अंजामगढ़हारा : घर में नवरात्र का पाठ चल रहा था. पूजा अवकाश को लेकर बच्चेे खेलने में मशगूल थे कि इसी बीच गोलियों की आवाज ने सबों को सन्न कर दिया. किसी को मालूम नहीं था कि दिनदहाड़े हथियार से लैस अपराधी बरौनी थाने के ठकुरीचक निवासी मनोज सिंह को मौत के घाट उतार देगा. चंद मिनट में ही पूजा की खुशी मातम में तब्दील हो गयी.
इस घटना को लेकर क्षेत्र में चर्चाओं का बाजार गरम है. अपराधियों की गोली लगने के बाद दम तोड़ चुके मनोज के इकलौते 10 वर्षीय पुत्र जमीन पर गिरे हुए अपने पापा को रोते हुए कहता है पापा उठो न, मुझे कौन पढ़ायेेगा. इस दृश्य को देख वहां उपस्थित लोगों की आंखें नम हो गयीं.
मृतक की पुत्री केंद्रीय विद्यालय की छात्रा सोनल एवं उसकी बहन भी अपने पापा के शव पर चीत्कार मार रही थी. इधर मृतक की पत्नी और परिवार के अन्य सदस्यों का भी रो-रो कर बुरा हाल बना हुआ था. घटनास्थल पर मौजूद लोगों में इस बात को लेकर आक्रोश बना हुआ था कि दिनदहाड़े बेखौफ हथियार से लैस अपराधी घटना को अंजाम देकर पुन: हवा में हथियार लहराते हुए भाग निकला लेकिन पुलिस को भनक तक नहीं लगी.
घटना के काफी देर के बाद पुलिस के पहुंचने को लेकर भी लोगों का आक्रोश चरम पर बना हुआ था. इस घटना को लेकर पूरे गांव में मातमी सन्नाटा पसरा हुआ है. प्रत्यक्षदर्शियों का कहना है कि हथियार से लैस अपराधियों ने सोची-समझी प्लानिंग के तहत इस घटना को अंजाम दिया है. घटना के पूर्व दो बाइक पर सवार छह अपराधी सामान्य भंडार डिपो के मुख्य द्वार तक गया, वहां से पुन: लौट कर मनोज सिंह के घर तक पहुंचा जहां सदानंद सिंह से मनोज सिंह बात कर रहा था.
इसके बाद अपराधियों ने ताबड़तोड़ तीन फायरिंग कर उसे मौत की नींद सुला दिया. इधर ग्रामीणों ने मनोज सिंह को घर से बुला कर बात करनेवाले व्यक्ति सदानंद सिंह को पकड़ कर पुलिस के हवाले कर दिया है. सदानंद सिंह के साथ पूछताछ के दौरान ही महत्वपूर्ण सुराग इस हत्याकांड को लेकर मिलने की संभावना जतायी जा रही है.
घटनास्थल से ग्रामीणों ने तीन खोखा व एक कारतूस बरामद किया है. लगातार हो रही घटना से इस बार जिले में दशहरे के त्योहार का उत्साह कम कर दिया है.