बेगूसराय/बलिया. राज्य सरकार व पुलिस के आलाधिकारी भले ही पुलिस को आम जनता के साथ बेहतर संबंध स्थापित करने का लगातार टिप्स देने का दावा करते हों, लेकिन सच्चाई कुछ अलग ही है. निचले स्तर के पुलिस कर्मियों को अपने व्यवहार में बदलाव लाने में काफी वक्त लगेगा. नतीजा है कि पुलिस कर्मी कभी-कभी अपनी वरदी का रोब ऐसे लोगों पर भी दिखा देते हैं जो समाज में किसी न किसी क्षेत्र में प्रतिष्ठित माने जाते हैं.
रविवार को जिले की पुलिस ने कुछ इसी तरह की घटना को अंजाम देकर आम जनता व पुलिस के साथ बेहतर संबंध के दावे को तार-तार कर दिया. बेगूसराय की चकिया पुलिस की कैंसर पीडि़त के साथ बदसलूकी करने का मामला तब प्रकाश में आया जब कैंसर से पीडि़त बलिया के सदानंदपुर निवासी कमल प्रसाद सिंह के पुत्र सौरभ कुमार ने इसकी लिखित सूचना बेगूसराय के एसपी मनोज कुमार को देकर न्याय की गुहार लगायी.
सौरभ उर्फ छोटू ने बताया कि मैं अपने डेरा बेगूसराय रेलवे माल गोदाम के सामने से इलाज के लिए स्कॉर्पियो से परिवार के साथ पटना जा रहे थे. इसी दौरान राजेंद्र पुल पर चकिया पुलिस के द्वारा स्कॉर्पियो पर डंडा चलाया गयाा जिससे गाड़ी क्षतिग्रस्त हो गयी. साथ ही पुलिस ने चालक को मारपीट कर घायल कर दिया. पुलिस ने गाड़ी में बैठे लोगों के साथ भी गाली-गलौज की. पीडि़त ने एसपी से दोषियों पर कार्रवाई करने की मांग की.