अनुसंधानकर्ता से प्रतिवेदन की मांगबेगूसराय (कोर्ट). अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश सप्तम राजकुमार के न्यायालय में जमानत आवेदन संख्या-1973/14 पर बहस करते हुए आरोपित के अधिवक्ता ने न्यायालय के समक्ष इस बात को उठायी कि घटना घटने से पहले ही प्राथमिकी दर्ज है, जो फोरमल प्राथमिकी को देखने से ही स्पष्ट होता है. न्यायालय ने इस मामले में मटिहानी थाने के अनुसंधानकर्ता से प्रतिवेदन की मांग की है. ज्ञात हो कि मटिहानी थाने के सिहमा निवासी सूचक चंद्रभानू सिंह ने लिखित आवेदन मटिहानी थाने में दिया कि 17 नवंबर, 2014 की रात्रि में सब लोग खा-पीकर सो गये. जब सुबह उठे तो मोबाइल खोजा, परंतु नहीं मिला. और घर के अन्य सामान की चोरी भी हो गयी. इस मामले में थानाध्यक्ष मटिहानी द्वारा प्राथमिकी पर घटना की तिथि 17 नवंबर, 2014 अंकित है. थाने में सूचना प्राप्त करने की तिथि व समय 17 नवंबर, 2014 साढ़े नौ बजे अंकित की है. जबकि घटना 17 नवंबर, 2014 की रात्रि की है. थानाध्यक्ष द्वारा घटना की अंकित तिथि व समय विरोधाभास और आश्चर्यजनक है.
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घटना से पहले प्राथमिकी दर्ज
अनुसंधानकर्ता से प्रतिवेदन की मांगबेगूसराय (कोर्ट). अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश सप्तम राजकुमार के न्यायालय में जमानत आवेदन संख्या-1973/14 पर बहस करते हुए आरोपित के अधिवक्ता ने न्यायालय के समक्ष इस बात को उठायी कि घटना घटने से पहले ही प्राथमिकी दर्ज है, जो फोरमल प्राथमिकी को देखने से ही स्पष्ट होता है. न्यायालय ने […]
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