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पूरा जिला शीतलहर की चपेट में
बेगूसराय(नगर) : संपूर्ण जिला भीषण शीतलहर की चपेट में आ गया है. नतीजा है कि लोगों का घर से निकलना मुश्किल हो गया है. सुबह से शाम तक लोग अपने-अपने घरों में दुबके रहे. कनकनी बढ़ने से बाजारों में गरम कपड़ों की जम कर खरीदारी हो रही है. हालांकि, भीषण शीतलहर में बाजारों की सड़कों […]
बेगूसराय(नगर) : संपूर्ण जिला भीषण शीतलहर की चपेट में आ गया है. नतीजा है कि लोगों का घर से निकलना मुश्किल हो गया है. सुबह से शाम तक लोग अपने-अपने घरों में दुबके रहे. कनकनी बढ़ने से बाजारों में गरम कपड़ों की जम कर खरीदारी हो रही है. हालांकि, भीषण शीतलहर में बाजारों की सड़कों पर अन्य दिनों की भांति कम भीड़ देखी गयी.
सबसे अधिक परेशानी झोपड़पट्टी और खुले आसमान के नीचे रहनेवाले लोगों को हो रही है. उनके लिए मात्र अलाव ही एक सहारा है. लेकिन, अलाव की व्यवस्था भी जिला प्रशासन एवं निगम प्रशासन के द्वारा अभी तक नहीं की गयी है, जबकि सरकार के द्वारा पूर्व में ही भीषण शीतलहर को लेकर जिले के विभिन्न भागों में अलाव जलाने का फरमान जारी हो चुका है. इस कंपकपी में सबसे अधिक परेशानी स्कूली बच्चों को हो रही है. अब भी अहले सुबह बच्चे तैयार होकर अपने घरों से निकल कर बस से या साइकिल व अपने अभिभावकों के साथ स्कूल पहुंचते हैं. इस भीषण शीतलहर में इन बच्चों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है.
सरकार के द्वारा यह भी फरमान जारी किया गया है कि सभी सरकारी व निजी विद्यालयों को सुबह नौ बजे से संचालित किया जाये, लेकिन अब भी अधिकांश विद्यालय अपने पुराने समय पर ही संचालित हो रहे हैं. इससे छोटे-छोटे बच्चों को परेशानी हो रही है. इस कड़ाके की ठंड में स्कूलों के बंद होने की आवाज भी उठने लगी है. जिला प्रशासन एवं निगम प्रशासन से बड़ी संख्या में लोगों ने जगह-जगह अलाव जलाने की व्यवस्था एवं गरम कपड़े वितरित करने की मांग की है. हालांकि , जिले के विभिन्न क्षेत्रों में समाजसेवियों के द्वारा कंबल वितरण का कार्यक्रम जोर पकड़ने लगा
ऐसे बचें हार्ट रोगी
सुबह में सीधे कमरे से बाहर न निकलें
गरम कपड़े पहन कर बाहर जायें
कुहासे में नहीं टहलें
तले पदार्थो का सेवन नहीं करें
ताजा फल व हरी सब्जियां खायें
गरम दूध हल्दी डाल कर पीएं
कृत्रिम वॉल्व लगा चुके मरीज हरी पत्तेदार सब्जी न खायें
खाने के बाद कमरे में जरूर टहलें
बच्चों को ऐसे बचाएं
सुबह में बाहर नहीं निकलने दें
फ्रीज का सामान नहीं दें
स्वेटर व टोपी पहनायें
रात में बच्चों के पास गरम पानी रखें, ताकि प्यास लगने पर दे सकें
ठंडा खाना नहीं दें
सर्दी-खांसी होने पर डॉक्टर से मिलें, बढ़ने का इंतजार नहीं करें
नवजात बच्चों को धूप निकलने पर बाहर निकालें
आइसक्रीम से दूर रखें
बीपी मरीज ऐसे करें बचाव
भोजन में नमक कम डालें
बीपी की नियमित जांच कराएं
तंबाकू बीड़ी, सिगरेट, गुटखा का उपयोग कम करें
शरीर को सुस्त नहीं होने दें
अपने भोजन में ग्रीन डाइट का इस्तेमाल करें
घी-तेल का उपयोग कम करें
तनाव क्रोध, चिंता अवसाद को खुद से दूर रखें. योग का सहारा लें.
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