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रसोई गैस की नयी व्यवस्था से लोगों में ऊहापोह की स्थिति
बेगूसराय (नगर) : रसोई गैस के लिए एक जनवरी, 2015 से नयी व्यवस्था हो रही है. इसको लेकर उपभोक्ताओं में ऊहापोह की स्थिति बनी हुई है. इस व्यवस्था के तहत अब सरकार के द्वारा उपभोक्ताओं को मिलनेवाली सब्सिडी की राशि सीधे उनके खाते में चली जायेगी. सरकार की इस योजना से अब जरू रतमंद एवं […]
बेगूसराय (नगर) : रसोई गैस के लिए एक जनवरी, 2015 से नयी व्यवस्था हो रही है. इसको लेकर उपभोक्ताओं में ऊहापोह की स्थिति बनी हुई है. इस व्यवस्था के तहत अब सरकार के द्वारा उपभोक्ताओं को मिलनेवाली सब्सिडी की राशि सीधे उनके खाते में चली जायेगी.
सरकार की इस योजना से अब जरू रतमंद एवं समाज के सबसे निचले पायदान पर रहनेवाले लोगों को सरकार की सब्सिडी का लाभ मिल पायेगा. सब्सिडी के तहत रसोई गैस लेनेवाले साधन संपन्न लोगों के लिए गैस लेना आसान नहीं है. इससे लोगों में अफरा-तफरी मची हुई है. इस प्रक्रिया के तहत सरकार के द्वारा जारी फॉर्म को भरने के लिए इन दिनों अफरा-तफरी देखी जा रही है. पूरे दिन गैस एजेंसियों में उपभोक्ताओं का जमावड़ा लगा रहता है.
सरकार की यह योजना कहां तक सफल हो पाती है, यह तो आनेवाला समय ही बतायेगा. फिलहाल इस प्रक्रिया को लेकर आम लोगों में चर्चा का बाजार गरम है.
रसोई गैस के लिए जारी हैं दो तरह के फॉर्म : सरकार के द्वारा रसोई गैस में मिलनेवाली सब्सिडी के लिए दो तरह के फॉर्म को जारी किया गया है. पहला फॉर्म वैसे उपभोक्ताओं के लिए है, जिनके पास आधार कार्ड उपलब्ध है. ये उपभोक्ता उक्त फॉर्म को आधार कार्ड के साथ भर कर संबंधित एजेंसी में जमा करेंगे. इसके बाद उपभोक्ता बैंक में जाकर अपने आधार कार्ड का नंबर बैंक पासबुक में इंट्री करवायेंगे. इसके बाद सीधे सरकार के द्वारा मिलनेवाली सब्सिडी उनके खाते में चली जायेगी. हालांकि बैंक के द्वारा इसमें आना-कानी की जा रही है. इससे उपभोक्ताओं को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है.
बैंक में कभी लिंक फेल रहने, तो कभी बैंककर्मियों के द्वारा इसे गंभीरता से नहीं लेने को लेकर उपभोक्ताओं को कई बार चक्कर लगाना पड़ रहा है. कुछ बैंककर्मी तो उपभोक्ताओं को यहां तक कह कर लौटा देते हैं कि इस संबंध में उन्हें विभाग के द्वारा कोई निर्देश प्राप्त नहीं हुआ है. फॉर्म नंबर चार वैसे उपभोक्ताओं को भर कर जमा करना है, जिनके पास आधार कार्ड नहीं है. वे सीधे अपना फॉर्म भर कर रसोई गैस कार्ड की छायाप्रति एवं बैंक एकाउंट की छायाप्रति के साथ उक्त फॉर्म को संबंधित एजेंसी में जमा करेंगे. इस फॉर्म को भरने में लोगों को कम परेशानी होती है.
धीमा चल रहा है नयी योजना के तहत कार्य :पहली जनवरी से सरकार के द्वारा रसोई गैस के लिए जो प्लानिंग तैयार की गयी है, उसका कार्य बहुत ही धीमा चल रहा है. अभी तक 25 प्रतिशत कार्य भी नहीं पूरा हो पाया है, जबकि एक जनवरी में मात्र 10 दिन ही शेष रह गये हैं. इस परिस्थिति में सरकार की नयी योजना पर ग्रहण लगता हुआ दिख रहा है. पूरे जिले में आइओसीएल, एचपीसीएल एवं बीपीसीएल मिला कर कुल एक लाख, 79 हजार रसोई गैस के उपभोक्ता हैं. इनमें आइओसीएल का ही सबसे अधिक एक लाख, 11 हजार, 329 उपभोक्ता हैं. अभी तक मात्र 23 हजार उपभोक्ताओं को ही नयी व्यवस्था के तहत फॉर्म जमा हो पाये हैं. अब अनुमान लगाया जा सकता है कि समय सीमा के अंदर इस कार्य को पूरा करना एक बड़ी चुनौती है.
नयी व्यवस्था से कालाबाजारियों पर लगेगा : केंद्र सरकार के द्वारा रसोई गैस को लेकर जो नयी योजना शुरू की गयी है, उससे कालाबाजारी करनेवालों पर बहुत हद तक अंकुश लगेगा. पहले साधन संपन्न लोग खास कर इनकम टैक्सपेयी लोग इस योजना का लाभ उठाते थे. अब सरकार की इस योजना से ऐसे लोगों को सब्सिडी के तहत रसोई गैस मिलना मुश्किल हो जायेगा. दूसरी ओर जरू रतमंद एवं गरीब लोग जो इस योजना से वंचित थे, उनके लिए अब सब्सिडी के तहत रसोई गैस मिलने का रास्ता आसान हो जायेगा. वर्तमान में प्रक्रिया को लेकर लोगों को परेशानी होती है.
इसका मुख्य कारण जागरू कता का अभाव है. इसके लिए अगर आमलोगों को पूर्व से ही जागरू क कर दिया गया होता तो इतनी परेशानी नहीं होती. दूसरी ओर इस योजना में बैंक को भी अपनी भूमिका में बदलाव लाना होगा, ताकि जो भी उपभोक्ता अपने आधार कार्ड से अपने बैंक खाता को जोड़ना चाहता है वैसे लोगों को बैंक से बार-बार न लौटा कर उनके कार्य को सकारात्मक रू प देना चाहिए, ताकि सरकार की यह जनकल्याणकारी योजना सार्थक रू प ले सके.
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