सांसद डॉ भोला सिंह ने संसद के शून्यकाल में मामले को उठाया बेगूसराय(नगर). बरौनी में पेट्रोकेकिमल की मांग आज से नहीं वरन पिछले कई वर्षो से जोर-शोर से की जा रही है, लेकिन इस दिशा में कोई सकारात्मक पहल नहीं होने से बेेगूसराय के लोगों को आज तक निराशा ही हाथ लगी है. शुक्रवार को लोकसभा में बेगूसराय के सांसद डॉ भोला सिंह ने इस मामले को उठाते हुए कहा कि बरौनी पेट्रोकेमिकल तेलशोधक कारखाना बरौनी के 60 वर्षो के कार्यकाल में भी बिहार और देश के लिए आकाश कुसुम ही रहा है. देश में जहां-जहां तेल शोधक कारखाने प्रतिस्थापित हुए हैं पेट्रोकेमिकल का भी जन्म तत्काल उसकी कोख से ही हुआ, लेकिन बरौनी के साथ यह नहीं हुआ. 1984-85 ई में बरौनी तेलशोधक कारखाने से पेट्रोकेमिकल के कितने कारखाने लगंेगे, इसकी जांच मेसर्स इंजीनियर इंडिया ने की थी. उसने 8 एरोमेटिक कारखाने खोलने की अनुशंसा की थी पर तत्कालीन केंद्र सरकार ने उसका कार्यान्वयन नहीं किया. खाद कारखाने भी बरौनी तेल शोधक कारखाने के नेप्था से खुले और उसे भी बंद कर दिया गया. पिछले दिनों उर्वरक एवं रसायन मंत्री ने सदन में सकारात्मक घोषणा की थी पर अभी तक अमल नहीं हुआ. सांसद ने मांग की कि राष्ट्र के किसानों की जो ऊहापोह और वेदना की स्थिति है, उसको दृष्टिगत रखते हुए पेट्राकेमिकल कारखाना खोलने के लिए तत्परतापूर्वक कदम उठाया जाये.
संसद में उठा बरौनी पेट्रोकेमिकल का मामला
सांसद डॉ भोला सिंह ने संसद के शून्यकाल में मामले को उठाया बेगूसराय(नगर). बरौनी में पेट्रोकेकिमल की मांग आज से नहीं वरन पिछले कई वर्षो से जोर-शोर से की जा रही है, लेकिन इस दिशा में कोई सकारात्मक पहल नहीं होने से बेेगूसराय के लोगों को आज तक निराशा ही हाथ लगी है. शुक्रवार को […]
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