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एफआईआर घोटाले में डीआईजी ने एसपी को दिये जांच के आदेश खोदावंदपुर : एफआईआर घोटाले में खोदावंदपुर थानाध्यक्ष रीता कुमारी कि मुश्किलें बढ़ गयी है. डीआईजी मुंगेर जितेंद्र मिश्रा ने मामले की जांच कर कार्रवाई का आदेश दिया है.साथ ही त्वरित कार्रवाई का प्रतिवेदन डीआईजी कार्यालय को भेजने का आदेश दिया है. बताते चलें कि […]

एफआईआर घोटाले में डीआईजी ने एसपी को दिये जांच के आदेश

खोदावंदपुर : एफआईआर घोटाले में खोदावंदपुर थानाध्यक्ष रीता कुमारी कि मुश्किलें बढ़ गयी है. डीआईजी मुंगेर जितेंद्र मिश्रा ने मामले की जांच कर कार्रवाई का आदेश दिया है.साथ ही त्वरित कार्रवाई का प्रतिवेदन डीआईजी कार्यालय को भेजने का आदेश दिया है. बताते चलें कि एफआईआर घोटाला सहित कर्तव्य में लापरवाही एवं थानाध्यक्ष के द्वारा रिश्वतखोरी एवं मनमानी के बाबत एक परिवाद पत्र पूर्व प्रमुख खोदावंदपुर मिथिलेश कुमार मिश्र ने विगत दिनों डीआईजी से मिलकर समर्पित किया था. उक्त परिवाद के आलोक में डीआईजी ने मामले की जांच कर उचित निदान करने का निर्देश एसपी बेगूसराय को दिया था. उचित कार्रवाई नहीं होता देख पूर्व प्रमुख श्री मिश्र ने पुन: डीआईजी कार्यालय में दस्तक दिया था.जिसके आलोक में डीआईजी मुंगेर ने पुन: यह ताजा आदेश निर्गत किया है.
दो अलग -अलग घटनाओं का एक ही एफआईआर नंबर :मामला यह है कि थाना क्षेत्र से एक युवती अपने प्रेमी के साथ घर से फरार हो गयी. घटना के बाबत युवती के पिता ने स्थानीय थाने में युवती के प्रेमी उसके माता पिता एवं अन्य परिजनों के विरुद्ध अपने बेटी के अपहरण कर लेने का प्राथमिकी दर्ज करवायी थी. थानाध्यक्ष ने उक्त आवेदन पर थाना कांड संख्या- 26/18 दिनांक- 19 फरवरी 18 को सुसंगत धाराओं के तहत प्राथमिकी दर्ज करते हुए एएसआई अरविंद कुमार पासवान को अनुसंधानक नियुक्त कर आवेदन समर्पित कर दिया. लेकिन इस कांड को थाना प्राथमिकी पंजी में निबंधित नहीं करते हुए छौड़ाही ओपी क्षेत्र की एक बाइक चोरी की घटना की प्राथमिकी कांड संख्या- 26/18 देकर ही थाना प्राथमिकी रजिस्टर में दर्ज कर दी.
इतना ही नहीं अपहरण के इस केस करने के एवज में जैसा कि परिवादी ने आरोप लगाया है कि थानाध्यक्ष ने लड़की के पिता से तीस हजार रुपये नजराना ले लिया तथा आरोपित लड़का के माता-पिता को गिरफ्तार कर लिया. जिसे जेल नहीं भेजकर लगातार तीन दिनों तक थाना हाजत में रखने के बाद मोटी रकम लेकर छोड़ दिया. इस मामले को लेकर पूर्व गन्ना राज्य मंत्री अशोक कुमार एवं पूर्व प्रमुख मिथिलेश कुमार मिश्रा ने पीसी कर इस मामले को उजागर किया था. इस मामले को लेकर डीएसपी से आईजी तक शिकायत की गयी, लेकिन खाकी पर लगे इस दाग को धोने का किसी वरीय पदाधिकारी ने जहमत नहीं उठायी है.

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