गढ़हारा : राष्ट्रकवि रामधारी सिंह दिनकर की 44वीं पुण्यतिथि के मौके पर सिमरिया में दिनकर आवास पर मंगलवार की शाम काव्य गोष्ठी का आयोजन किया गया. काव्य पाठ का संचालन संजीव फिरोज व लक्ष्मणदेव कुमार ने संयुक्त रूप से किया. जबकि धन्यवाद ज्ञापन ग्रामोद्योग के पूर्वी जोन अध्यक्ष संगीता कुमारी ने किया. कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे राष्ट्रकवि रामधारी सिंह दिनकर के सुपुत्र केदारनाथ सिंह ने मैं सड़कों पर नजर गड़ाकर चलने वाला, घुलनेवाला, मिलनेवाला, गुननेवाला कविता का पाठ किया. जनकवि अशांत भोला ने जिंदगी की थाह लेते तुम, धूप थोड़ी छांह लेते तुम, किनारा मिल गया होता,
जिगर से चाह लेते तुम का पाठ कर लोगों को मंत्रमुग्ध कर दिया. जनकवि दीनानाथ सुमित्र ने हे महा सिंधू हे श्रेष्ठ शिखर, हे काव्य पुरुष अंबर दिनकर को सुनाया. इस दौरान कवि इंजीनियर कन्हाई पंडित ने गांधी, सुभाष, भगत सिंह आयेंगे, स्वदेशी झंडा देश में लहरायेगा को सुनाकर वर्तमान सत्ता व्यवस्था को चुनौती दी.बरौनी प्रखंड विकास पदाधिकारी डॉक्टर ओम राजपूत ने सड़क पर, सभी निकले हुए लोग का पाठ कर देश की दुर्दशा का बखूबी चित्रण किया.
वहीं युवा कवि सह दिनकर पुस्तकालय उपाध्यक्ष प्रवीण प्रियदर्शी ने जिंदगी इक जंग है,सुनाकर जीवन की सच्चाई से रूबरू कराने का प्रयास किया. कवि गजेंद्र झा, निशाकर, विनोद बिहारी, अमरदीप सुमन, प्रियव्रत कुमार, अमरजीत कुमार, दिव्य दीपक, ऋ षिकेश, गगन श्रीवास्तव, बाल कवि गोविंद गोपाल समेत कई अन्य कवियों ने काव्य पाठ किया. वहीं काव्य गोष्ठी के पूर्व गांव के विभिन्न शैक्षणकि संस्थानों के 50 से अधिक बच्चों ने दिनकर की रचनाओं का पाठ किया.काव्य पाठ का संचालन संजीव फिरोज एवं लक्ष्मणदेव कुमार ने किया. स्थानीय बच्चों ने दिनकर की रचनाओं का सस्वर पाठ किया.आगत कवियों का स्वागत शिक्षक बद्री प्रसाद राय ने किया. मौके पर राजेश कुमार, दिनकर पुस्तकालय के अध्यक्ष विश्वंभर सिंह,सचिव मुचकुंद कुमार मोनू, पैक्स अध्यक्ष शत्रुध्न राय, रामनाथ सिंह, विशुनदेव राय एवं प्रदीप कुमार सहित कई गणमान्य मौजूद थे.