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कहने को निर्मल ग्राम, लेकिन 75 % घरों में नहीं है शौचालय

हाल निर्मल ग्राम घोषित कैथ पंचायत का, जहां आज भी लोग खुले में शौच जाने को हैं विवश बेगूसराय : मैं निर्मल ग्राम कैथ हूं. मुझे निर्मल ग्राम का सौभाग्य प्राप्त है. स्वच्छ व निर्मल ग्राम के उपलक्ष्य में वर्ष 2010-11 में राष्ट्रपति भी सम्मानित कर चुके हैं, लेकिन मैं इस सम्मान से खुश नहीं, […]

हाल निर्मल ग्राम घोषित कैथ पंचायत का, जहां आज भी लोग खुले में शौच जाने को हैं विवश

बेगूसराय : मैं निर्मल ग्राम कैथ हूं. मुझे निर्मल ग्राम का सौभाग्य प्राप्त है. स्वच्छ व निर्मल ग्राम के उपलक्ष्य में वर्ष 2010-11 में राष्ट्रपति भी सम्मानित कर चुके हैं, लेकिन मैं इस सम्मान से खुश नहीं, बल्कि अपने को शर्मिंदा महसूस कर रहा हूं. क्योंकि, मैं निर्मल ग्राम की पात्रता पूरी नहीं कर पा रहा हूं. दर्द यह है कि 75 प्रतिशत लोग आज भी खुले में शौच करने को विवश हैं.

केंद्र सरकार द्वारा देश को स्वच्छ बनाने के लिए अरबों रुपये खर्च किये जा रहे हैं, लेकिन वास्तविकता इसके विपरीत है. सरकार ने इस ग्राम को निर्मल ग्राम का दर्जा दे रखा है, लेकिन वास्तव में यह निर्मल गांव कहलाने के लायक नहीं है. दरअसल यह गांव निर्मल ग्राम का मानक भी पूरा नहीं कर पा रहा है. जिला प्रशासन के अधिकारियों ने सरकार की नजरों में अपनी साख बनाने के फेर में पूरी प्लानिंग के तहत इस कार्रवाई को अंजाम दिया है.

सूर्योदय व सूर्यास्त का करना पड़ता है इंतजार : गांव में सभी घरों में न तो शौचालय है न ही मैला ढोने की कुप्रथा समाप्त हुई है. शुद्ध पेयजल की बात करना ही बेमानी होगी. आलम यह है कि घरों में शौचालय नहीं रहने से लोगों को सूर्योदय और सूर्यास्त का इंतजार करना पड़ रहा है.

कुछ घरों में शौचालय बना वह भी घटिया : निर्मल ग्राम बनने से पहले पीएचईडी द्वारा बीपीएल परिवारों के कुछ घरों में शौचालय बनाये गये थे, जो छह माह के अंदर ध्वस्त हो गये. कुछ में तो सीट तो बैठायी गयी, लेकिन फर्श एवं दीवार नहीं बनी, जिससे शौचालय उपयोग करने लायक नहीं था.

निर्मल ग्राम के लिए आवश्यक पात्रता

सभी परिवारों के पास शौचालय की सुविधा, खुले में शौच रहित पंचायत

सभी विद्यालयों में छात्र-छात्राओं के लिए अलग-अलग शौचालय व मूत्रालय

आंगनबाड़ी केंद्र बाल उपयोग शौचालय, ग्राम में पर्यावरणीय स्वच्छता

शौचालय का उपयोग व नियमित एवं स्वच्छता का नियमित रखरखाव

गांव में सौ प्रतिशत शौचालय व सबके लिए स्वच्छ पेयजल उपलब्ध होना जरूरी

निर्मल ग्राम के विरोध में ग्रामीण आंदोलन के मूड में हैं. निर्मलता की मुहर लग जाने से लोगों को स्वच्छ भारत मिशन योजना से वंचित होना पड़ रहा है.

वाल्मीकि सिंह, मुखिया, कैथ

किस परिस्थिति में निर्मल ग्राम का दर्जा दिया गया है, यह जांच व विचारणीय पहलू है. इंदिरा आवास के तहत नये मकान के साथ-साथ शौचालय बनाने पर राशि का भुगतान किया जा सकता है.

रविशंकर कुमार, बीडीओ, बेगूसराय

निर्मल ग्राम कैथ पंचायत बेगूसराय सदर प्रखंड में पड़ती है. बरैठ, चेरिया, बनवारा, दमदमा, सांगोकोठी गांवों को मिला कर कैथ पंचायत बनी है. इस पंचायत की आबादी लगभग 18 हजार है, जबकि वोटरों की संख्या 6009 है. इस पंचायत में बीपीएल परिवारों की संख्या दो हजार से अधिक है. विद्यालयों की संख्या छह है. अस्पताल के नाम पर मात्र एक स्वास्थ्य उपकेंद्र है, जो खंडहर बनते जा रहा है.

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