बेगूसराय : आम लोगों पर एफआईआर दर्ज होते ही पुलिस बिना वारंट निर्गत होने पर भी पकड़ कर सलाखों के पीछे धकेल देती है. पर जब खाकी वर्दी किसी आपराधिक मामले में आरोपित बनाये जाते हैं तो उनकी गिरफ्तारी वारंट को थाने में ही धूल फांकने को छोड़ देती है. ऐसा ही एक मामला बेगूसराय जिले के बखरी थाना से जुड़ा है. एक दिव्यांग व्यक्ति के गैर इरादतन हत्या के आरोपित दो दारोगाओं की गिरफ्तारी के लिए न्यायालय से आदेश निर्गत होने के बाद भी पुलिस हरकत में नहीं आयी.
पुलिस की लापरवाही को देखते हुए कोर्ट ने कड़ा रुख अख्तियार कर आरोपित दारोगा की संपत्ति कुर्क का आदेश जारी कर दिया है. इससे पुलिस महकमा में खलबली मच गयी है.
क्या है पूरा घटनाक्रम : यह मामला 26 जून 2014 का है. बखरी थाना के परिहारा निवासी मंती देवी के दिव्यांग पुत्र प्रकाश कुमार को परिहारा सहायक थाने के दारोगा विक्रम सिंह एवं दीपक साह ने घर से जबरन उठा कर सहायक थाना ले गये. जहां उसकी बेरहमी से पिटाई की. इलाज के दौरान 28 जुलाई 2014 को प्रकाश की मौत हो गयी. पीड़ित मां ने बखरी थाने में कांड संख्या 246/14 के तहत प्राथमिकी दर्ज कराते हुए दोनों दारोगाओं को आरोपित किया था. तभी से दोनों दारोगा फरार चल रहे हैं.
अग्रिम जमानत की अर्जी हुई थी नामंजूर: आरोपित दारोगा ने न्यायालय में हाजिर होने के बजाय जिला एवं सत्र न्यायाधीश के कोर्ट में अग्रिम जमानत की अर्जी दी. कोर्ट ने मामले को गंभीर मानकर पर्याप्त सबूत को देखते हुए आरोपित दारोगाओं की जमानत याचिका खारिज कर दी. कांड के एक अन्य आरोपित दारोगा दीपक साह ने मार्च 2017 को हाईकोर्ट में अग्रिम जमानत की अर्जी दायर की थी. जहां हाईकोर्ट ने भी जमानत याचिका को खारिज कर दिया था. साथ ही निचली कोर्ट में छह सप्ताह के अंदर सरेंडर करने का आदेश जारी किया था. हाईकोर्ट के आदेश के बाद भी आरोपित कोर्ट के समक्ष हाजिर नहीं हो रहे हैं. इस केस को देख रहे व्यवहार न्यायालय बेगूसराय के अपर मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी रवींद्र कुमार ने दोनों आरोपितों के विरुद्ध कुर्की जब्ती करने का आदेश जारी कर दिया. सूत्रों की मानें तो आरोपित दारोगा बलिया थाने में पदस्थापित हैं.
बखरी थाना कांड 246/14 के आरोपित हैं दारोगा विक्रम व संजय
एक दिव्यांग व्यक्ति के गैर इरादतन हत्या का मामला
कोर्ट के आदेश के बाद भी नहीं हुए हाजिर
केस के अनुसंधानकर्ताओं ने तथ्य भूल का अंतिम प्रतिवेदन कोर्ट में समर्पित कर दिया था. पुलिस की अंतिम रिपोर्ट को चुनौती देते हुए पीड़ित मां मंती देवी ने प्रोटेस्ट पत्र की मदद से तीन गवाहों की गवाही कोर्ट के समक्ष करायी. उसके बाद कोर्ट ने दोनों आरोपित दारोगाओं के विरुद्ध धारा 304 भादवि में संज्ञान लेते हुए आरोपित को न्यायालय में हाजिर होने के लिए सम्मन जारी किया.
क्या कहते हैं अधिकारी
ऐसा मामला हमारे संज्ञान में अभी तक नहीं आया है. जो भी आरोपित होंगे, उनके विरुद्ध कार्रवाई होगी. कानून सभी के लिए बराबर है.
मिथिलेश कुमार, प्रभारी एसपी, बेगूसराय