बेगूसराय : दिन-प्रतिदिन सिमरिया गंगा धाम की पहचान बढ़ रही है. आनेवाले समय में आध्यात्मिक व कुंभ स्थली के रूप में राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय स्तर पर इसकी छटा बिखरेगी. उक्त बातें शहर के वीणा वैंक्वेंट के सभागार में पत्रकारों से बात करते हुए विधान पार्षद सह कुंभ सेवा समिति के महासचिव रजनीश कुमार ने कहीं.
कहा कि मिथिला,मगध और अंग के संगम सिमरिया में महाकुंभ का आयोजन 6 अक्तूबर से 17 नवंबर तक होगा. मां गंगा की उत्तर वाहिनी धारा का पावन स्पर्श करती सिमरिया की धरा पर आयोजित हो रहा तुलार्क कुंभ संपूर्ण बिहार के लिए गौरव का विषय है. खासकर बेगूसराय क्षेत्र के लिए यह आध्यात्मिक महामेला पर्यटन के विकास की असीम संभावनाओं का द्वार खोलने वाला साबित होगा. उन्होंने कहा कि इस पावन अवसर पर सिमरिया में प्रवास के लिए देश भर के महान साधु-संतों काशी,
अयोध्या, प्रयाग, द्वारिका, चित्रकूट, उज्जैन तथा प्रमुख अखाड़े के संतों के पधारने की उम्मीद है. सिमरिया का पौराणिक महत्व और अरसे से कल्पवास की परंपरा का वृहत स्वरूप 2011 में अर्धकुंभ में दिखा था. इसको आगे बढ़ाते हुए ही 2017 में छह अक्तूबर शुक्रवार कार्तिक कृष्ण पक्ष प्रतिपदा से 16 नवंबर दिन गुरुवार अग्रहायण कृष्णपक्ष त्रयोदशी तक महाकुंभ का आयोजन होना सुनिश्चित है. कुंभ सेवा समिति के अध्यक्ष डॉ नलिनी रंजन सिंह ने कहा कि 10 सितंबर को सामाजिक स्तर पर जनसहभागिता विषयक परिचर्चा का आयोजन शहर के दिनकर भवन में होगा. मौके पर कुंभ सेवा समिति के कोषाध्यक्ष डॉ शशिभूषण प्रसाद सिंह, उपाध्यक्ष डॉ रामप्रवेश प्रसाद, प्रो अशोक कुमार सिंह, प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय बेगूसराय की संचालिक कंचन बहन, संजय कुमार सिंह, विकास कुमार, बलराम सिंह, विश्वरमण उर्फ राजू कुमार सिंह, उमेश मिश्र,कुमार भवेश समेत अन्य उपस्थित थे.