कार्रवाई. सोना गबन मामले को लेकर पुलिस महानिरीक्षक ने की कार्रवाई
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दो थानाध्यक्ष दूसरी बार निलंबित
कार्रवाई. सोना गबन मामले को लेकर पुलिस महानिरीक्षक ने की कार्रवाई बेगूसराय : जिले के चर्चित सोना गबन मामले में भागलपुर प्रक्षेत्र के पुलिस महानिरीक्षक सुनील मान सिंह खोपड़े ने बेगूसराय जिले के सिंघौल सहायक थानाध्यक्ष ललित कुमार एवं फुलबड़िया थानाध्यक्ष रंजीत रंजन को निलंबित कर दिया गया है. बेगूसराय पुलिस अधीक्षक आदित्य कुमार ने […]
बेगूसराय : जिले के चर्चित सोना गबन मामले में भागलपुर प्रक्षेत्र के पुलिस महानिरीक्षक सुनील मान सिंह खोपड़े ने बेगूसराय जिले के सिंघौल सहायक थानाध्यक्ष ललित कुमार एवं फुलबड़िया थानाध्यक्ष रंजीत रंजन को निलंबित कर दिया गया है. बेगूसराय पुलिस अधीक्षक आदित्य कुमार ने बताया कि भागलपुर प्रक्षेत्र के आइजी का पत्र प्राप्त हो चुका है. निलंबन के साथ ही त्वरित जांच कर प्रतिवेदन सौंपने का आदेश दिया गया है.
क्या है पूरा मामला :नगर थाना क्षेत्र के हीरालाल चौक स्थित अमित गोल्ड ज्वेलरी के संचालक अमित ने साल 2016 के दिसंबर माह में अपने स्टाफ को व्यापारी से करीब दो किलो सोना लाने को कहा था. अमित के स्टाफ ने सोना लाने के साथ ही किसी कारणवश सिंघौल सहायक थाना स्थित एक दोस्त के घर मिलने पहुंच गया. इसी क्रम में तत्कालीन फुलबडि़या थानाध्यक्ष रंजीत रंजन एवं सिंघौल सहायक थानाध्यक्ष ललित कुमार ने नाटकीय ढंग से सोना व्यवसायी अमित के स्टाफ को गिरफ्तार कर लिया. सिंघौल सहायक थाना का क्षेत्र होने के बावजूद फुलबड़िया थानाध्यक्ष ने दोनों के अपने क्षेत्र ले गये.
जब इस बात की जानकारी सोना व्यवसायी अमित को मिला तो अपने सोना की वापसी एवं स्टाफ को किस कारणवश गिरफ्तार करने की बात पूछी. जिस पर थानाध्यक्ष ने जवाब देना उचित नहीं समझा. जिसके बाद ही सोना व्यवसायी के स्टाफ को छोड़ दिया. लेकिन व्यवसायी का सोना वापस नहीं किया गया. साथ ही सिंघौल एवं फुलबडि़या थाना के द्वारा एफआइआर एवं सोना जब्ती सूची भी तैयार नहीं की गयी. जब व्यवसायी ने अपना सोना वापसी की बात दोबारा कही तो थानाध्यक्ष ने झूठे केस में फंसाने की धमकी दी .मामला को उलझता देख
व्यवसायी ने तत्कालीन पुलिस अधीक्षक रंजीत कुमार मिश्रा को आवेदन भी दिया गया,बावजूद एसपी स्तर से भी कोई कार्रवाई नहीं की गयी.
मुख्यमंत्री की सभा में भी हुई थी सोना गबन की चर्चा :अमित गोल्ड संचालक के द्वारा जिला स्तर से कोई कार्रवाई नहीं होता देख उसने सीएम से गुहार लगाने की सोची. इसी क्रम में बेगूसराय के आइटीआइ मैदान में इसी साल 13 जनवरी को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के सात निश्चय के तहत कार्यक्रम होना था.
सोना व्यवसायी ने मुख्यमंत्री के कार्यक्रम के दौरान अपने सोना की वापसी के लिए काली पट्टी दिखाया था. जिस पर खुद मुख्यमंत्री ने उसे आवेदन के साथ अपने पास बुलाया.जब मुख्यमंत्री ने आवेदन को पढ़ा तो वहीं सभा से ही डीजीपी पीके ठाकुर को जांच करने का आदेश दिया. डीजीपी ने उक्त जांच की जिम्मेवारी तत्कालीन एसपी रंजीत कुमार मिश्रा को दी.उन्होंने मामले को तूल पकड़ता देख सिंघौल एवं फुलबड़िया थानाध्यक्ष को निलंबित कर दिया.
छह दिन बाद ही निलंबन हुआ वापस :तत्कालीन एसपी रंजीत कुमार मिश्रा के द्वारा तत्काल सिंघौल थानाध्यक्ष ललित कुमार एवं फुलबड़िया थानाध्यक्ष रंजीत रंजन को तो सस्पेंड तो कर दिया गया.लेकिन पुन: छह दिन के अंदर ही दोनों को निलंबन से मुक्त कर दिया है. निलंबन मुक्त करने के साथ ही वापस दोनों थानाध्यक्ष को उसी जगह पोस्टिंग की गयी. जिसके बाद ही सोना व्यवसायी ने आइजी,डीआइजी से मिल कर कार्रवाई करने की मांग की. भागलपुर प्रक्षेत्र के आइजी के जांच के आधार पर वापस 23 अगस्त को फिर से सिंघौल सहायक थानाध्यक्ष ललित कुमार एवं फुलबड़िया थानाध्यक्ष रंजीत रंजन को सस्पेंड कर दिया गया.
साथ ही बेगूसराय एसपी को त्वरित जांच कर रिपोर्ट सौंपने को कहा गया.एक ही मामले को लेकर दोबारा थानाध्यक्ष को निलंबित करना पूरे जिला में चर्चा का विषय बना हुआ है. सूत्रों की मानें तो दोनों थानाध्यक्ष अपने क्षेत्र में दबदबा को लेकर जाने जाते हैं. समय रहते जांच की जाये तो इस मामले में अन्य थानाध्यक्ष की संलिप्ता भी सामने आ सकती है.
क्या कहते हैं अधिकारी
जांच में कोई व्यवधान पैदा न हो इसके लिए दोनों थानाध्यक्ष को आइजी के द्वारा सस्पेंड कर दिया गया है.साथ ही त्वरित जांच रिपोर्ट को सौंपने के लिए कहा गया है.
आदित्य कुमार,पुलिस अधीक्षक,बेगूसराय
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