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शराबबंदी के बाद सालभर में 705 गये जेल

बांका : सूबे में शराबबंदी लागू होने से बुधवार को पूरे एक साल हो गया. पांच अप्रैल 2016 को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कैबिनेट की एक बैठक में पूर्ण शराबबंदी को घोषणा की थी व इस घोषणा को पूरे राज्य में प्रभावी तरीके से लागू कर दिया गया था. लेकिन झारखंड राज्य में शराबबंदी नहीं […]

बांका : सूबे में शराबबंदी लागू होने से बुधवार को पूरे एक साल हो गया. पांच अप्रैल 2016 को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कैबिनेट की एक बैठक में पूर्ण शराबबंदी को घोषणा की थी व इस घोषणा को पूरे राज्य में प्रभावी तरीके से लागू कर दिया गया था. लेकिन झारखंड राज्य में शराबबंदी नहीं होने के कारण बांका में पूर्ण शराबबंदी लागू करना पुलिस व उत्पाद विभाग के लिए एक चुनौती बना हुआ था. जिस चुनौती को बांका पुलिस एव उत्पाद विभाग ने स्वीकार करते हुए जिले भर में शराबबंदी पर लगाम कसते हुए कई कामयाबी हासिल की है. जिसमें पुलिस विभाग की कार्रवाई सराहनीय रही है.

लेकिन कम संसाधनों के बीच भी उत्पाद विभाग की कार्रवाई बेहतरीन रहीं है. मालूम हो कि जिले के बेलहर, कटोरिया, चांदन, बौंसी, धोरैया आदि प्रखंडों की सीमा झारखंड राज्य से सटा हुआ है. बावजूद जिले में पूर्ण शराबबंदी का माहौल बना हुआ है. शराब कारोबारियों व पीयक्कड़ों को जिला छोड़ने या फिर शराब छोड़ने को विवश होना पड़ रहा है.

मद्य निषेध अधिनियम के तहत की कार्रवाई
विभाग से मिली जानकारी के अनुसार शराबबंदी के बाद अब तक उत्पाद विभाग ने जिले भर में 2350 जगहों पर छापामारी की है. जिसमें विभाग ने करीब 400 मामले में प्राथमिकी दर्ज की है व करीब 380 लोगों को जेल भेजा है. विभाग ने इन एक साल के दौरान कई बड़ी कार्रवाई करते हुए अवैध देशी व विदेशी शराब के करीब 8 हजार लीटर से अधिक शराब जब्त की है. वहीं पुलिस विभाग ने भी 650 मामले में प्राथमिकी दर्ज की है व 325 लोगों को गिरफ्तार करते हुए करीब 7 हजार लीटर शराब को जब्त किया है.
उत्पाद विभाग की कार्रवाई रही सराहनीय
जिला उत्पाद विभाग को जिला में अपना एक कार्यालय तक भी नहीं है. पुलिस विभाग के स्पीडी ट्रायल कार्यालय में विभाग का कार्यालय चल रहा है. विभाग के पास ग्राउंड लेबल तक मात्र तीन अधिकारी है. जिसमें दो दरोगा व एक इंस्पेक्टर पद पर कार्यरत हैं. पूर्व में मात्र आधा दर्जन कंस्टेबल थे. लेकिन हाल के दिनों में 11 अन्य कांस्टेबल प्रतिनियुक्त हुए हैं. एक मात्र सरकारी सवारी गाड़ी का चालक प्रतिनियुक्त नहीं है. चार अन्य भाड़े की गाड़ी से विभाग अपना काम चला रही है. बावजूद विभाग ने जिले में शराबबंदी कानून को मुकाम तक पहुंचाया है.
कहते हैं अधिकारी
शराबबंदी कानून को एक साल पूरा हो गया है. जिले में विभाग ने मद्य निषेध अधिनियम कानून को पूर्ण सख्ती से लागू किया है. शराबबंदी के बाद जिले का माहौल बदला है. अपराध का ग्राफ भी गिरा है. जिलेवासी अमन-चैन की जिंदगी जी रहे है. आगे उन्होंने कहा है कि शराबबंदी में विभाग के द्वारा जिले के तीन पंजवारा, भलजोर व दर्दमारा चेक पोस्ट पर बड़ी कार्रवाई की गयी है. जहां से एक कार, एक क्वालिस व तीन बेलोरो व एक बाइक को शराब के साथ जब्त किया गया है.
अशरफ जमाल, जिला उत्पाद अधीक्षक, बांका

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