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भूमि का हुआ चयन, भेजा प्रस्ताव

योजना. थाने के सृजन से ही नक्सली वारदातों पर अंकुश संभव नक्सल प्रभावित करमटांड़ गांव से दो किलोमीटर दूर चतराहन के बगल ताराकुरा मोड़ पर थाना के सृजन से ही नक्सली वारदातों व आपराधिक घटनाओं पर नियंत्रण संभव है. कटोरिया : बेलहर थाना क्षेत्र के अति उग्रवाद प्रभावित क्षेत्र के रूप में चिह्नित है. चूंकि […]

योजना. थाने के सृजन से ही नक्सली वारदातों पर अंकुश संभव

नक्सल प्रभावित करमटांड़ गांव से दो किलोमीटर दूर चतराहन के बगल ताराकुरा मोड़ पर थाना के सृजन से ही नक्सली वारदातों व आपराधिक घटनाओं पर नियंत्रण संभव है.
कटोरिया : बेलहर थाना क्षेत्र के अति उग्रवाद प्रभावित क्षेत्र के रूप में चिह्नित है. चूंकि यह इलाका अपराध की दृष्टि से अति संवेदनशील है. जमुई क्षेत्र से अपराधियों का आवागमन भी इस होकर होता है. पुलिस प्रशासन का मानना है कि करमटांड़ गांव में बीएमपी-कमांडों कैंप की स्थापना से सिर्फ करमटांड़ गांव की ही सुरक्षा होती है. लेकिन ताराकुरा में सहायक थाना का सृजन हो जाने से करमटांड़, फूलहरा, बाराडीह, महुआटांड़, खागा, मुंहफोड़वा, ताराकुरा, बेला बगरो, लीलावरण, तेलंगवा, फटोरिया, पेशराहा, चनमाखांड़, चतराहन, गेरूआडीह, बजरा आदि गांवों में अपराधिक व नक्सली गतिविधियों पर अंकुश लगाया जा सकता है.
चतराहन के आगे ताराकुरा मोड़ पर थाना सृजन हेतु चांदन अंचलाधिकारी द्वारा दो एकड़ जमीन भी चिंहित कर नजरी नक्शा बना कर रिपोर्ट दी जा चुकी है. ज्ञात हो कि ताराकुरा मोड़ से बोड़वा बाजार (झाझा थाना क्षेत्र) की दूरी 4 किलोमीटर, बेलहर थाना 16 किलोमीटर एवं सूइया थाना की दूरी 17 किलोमीटर है.
करमटांड़ कैंप की वसूली जायेगी टैक्स
भले ही नक्सल प्रभावित करमटांड़ गांव में एसटीएफ कैंप के हटाये जाने के बाद ग्रामीणों के पलायन व विरोध को देखते हुए पुन: बीएमपी-कमांडों का कैंप स्थापित कर दिया गया है. लेकिन इस कैंप पर होने वाले खर्च की वसूली करमटांड़ सहित अगल-बगल के गांवों से की जायेगी. खर्च की पूर्ति हेतु पुलिस पदाधिकारियों से सर्वे कर रिपोर्ट मांगी गयी है.
होती रही हैं नक्सली घटना
बेलहर थाना, सूइया थाना व झाझा थाना की सीमा पर स्थित करमटांड़ व आसपास के सुदूरवर्ती इलाकों में नक्सली बड़ी वारदात को अंजाम देने में आसानी से सफल हो जाते हैं. गत 6 मार्च 2004 ई को नक्सलियों ने करमटांड़ गांव में हमला कर चार लाइसेंसी बंदूकें लूट ली थी. गत 31 अगस्त 2014 को ताराकुरा गांव में नक्सलियों ने हमला कर गौरीशंकर सिंह को अगवा कर उसकी हत्या कर दी थी. गत 4 जून 2015 को करमटांड़ गांव में नक्सलियों ने रंगदारी की मांग को लेकर छह युवा व्यवसायियों को अगवा कर लिया था. गत 23 अगस्त 2016 को चतराहन गांव में मंझली देवी की गर्दन काट कर निर्मम हत्या कर दी गयी.
कहते हैं एसडीपीओ
इस संबंध में बेलहर पुलिस अनुमंडल के एसडीपीओ पीयूषकांत ने कहा कि ताराकुरा में सहायक थाना के सृजन हेतु आइजी अभियान को प्रस्ताव तैयार कर भेजा गया है. वहां थाना के सृजन से बांका व जमुई दोनों जिला में नक्सली व आपराधिक वारदातों पर नियंत्रण पाने में मदद मिलेगी.

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