राज्य स्वास्थ्य समिति के निर्देश पर सिविल सर्जन सह सदस्य सचिव जिला स्वास्थ समिति ने दर्ज करायी प्राथमिकी
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सात दवा आपूर्तिकर्ता फर्मों पर 13.6 लाख के गबन की प्राथमिकी
राज्य स्वास्थ्य समिति के निर्देश पर सिविल सर्जन सह सदस्य सचिव जिला स्वास्थ समिति ने दर्ज करायी प्राथमिकी फर्मों ने समय पर और निर्धारित मात्रा में नहीं की दवाओं की आपूर्ति बांका : जिले में सरकारी अस्पतालों के लिए दवा की आपूर्ति करने वाले सात अनुबंधित फर्मों के खिलाफ शनिवार को बांका थाना में प्राथमिकी […]
फर्मों ने समय पर और निर्धारित मात्रा में नहीं की दवाओं की आपूर्ति
बांका : जिले में सरकारी अस्पतालों के लिए दवा की आपूर्ति करने वाले सात अनुबंधित फर्मों के खिलाफ शनिवार को बांका थाना में प्राथमिकी दर्ज करायी गयी है. प्राथमिकी सिविल सर्जन सह सदस्य सचिव जिला स्वास्थ्य समिति बांका द्वारा दर्ज करायी गयी है. आरोपी फर्मों के खिलाफ 13 लाख 68 हजार 527 रुपये की राशि के गबन का आरोप है. सिविल सर्जन ने इस संबंध में शनिवार की देर शाम बांका के थाना प्रभारी को अपना पत्र भेजा, जिसमें आरोपियों के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज करने का निवेदन किया गया.
इन फर्मों पर गबन का आरोप : प्राथमिकी के लिए जिन फर्मों का नाम आरोपी के तौर पर शामिल किया गया है,
उनमें टॉर्क फार्मास्युटिकल्स प्राइवेट लिमिटेड पटना, एक्यूमस ड्रग्स एंड फार्मास्यूटिकल लिमिटेड पटना, विंग्स फार्मास्यूटिकल लिमिटेड पटना, एबॉट हेल्थ केयर प्राइवेट लिमिटेड पटना, मैकमिलन लाइफ साइंस प्राइवेट लिमिटेड पटना, टाइगर सर्जिकल डिस्पोजेबल
सात दवा आपूर्तिकर्ता…
प्राइवेट लिमिटेड पटना व अल्फा लेबोरेटरीज लिमिटेड पटना शामिल हैं. दर्ज रिपोर्ट के मुताबिक टॉर्क फार्मास्युटिकल्स पर 1 लाख 35 हजार 448 रुपए, एक्यूमस ड्रग एंड फार्मास्यूटिकल लिमिटेड पर 9,240 रुपये, विंग्स फार्मास्यूटिकल प्राइवेट लिमिटेड पर 3 लाख 32 हजार 310 रुपये, एबॉट हेल्थ केयर पर 44,571 रुपये, मैकमिलन लाइफ साइंस पर 8 लाख 01 हजार 503 रुपये, टाइगर सर्जिकल पर 19,980 रुपये तथा अल्फा लेबोरेटरी लिमिटेड पर 25,478 रुपये के गबन का आरोप है.
सरकारी अस्पतालों में दवाओं की आपूर्ति का था अनुबंध : दर्ज रिपोर्ट में कहा गया है कि इन फर्मों के साथ जिले के सरकारी अस्पतालों के लिए दवाओं की आपूर्ति का अनुबंध था. लेकिन उन्होंने समय पर और निर्धारित मात्रा में दवाओं की आपूर्ति नहीं की और इस तरह अनुबंध के साथ धोखा किया. इन फर्मों के साथ लंबित दवाओं की आपूर्ति करने के लिए कई बार पत्राचार किये गये, पर संबंधित फार्मों द्वारा दवा की आपूर्ति में अभिरुचि नहीं ली गयी तथा अब तक लंबित दवाओं की आपूर्ति भी पूरी नहीं की गयी और न ही इसके समतुल्य राशि ही वापस की गयी है,
जो उन्होंने पहले ही डिमांड ड्राफ्ट के रूप में लिया है. यह संबंधित फर्मों द्वारा सरकारी राशि के गबन तथा हड़पने की मंशा, एकरारनामा का उल्लंघन तथा जनमानस के साथ धोखा का मामला बनता है.
विभागीय अंकेक्षण में भी हुई पुष्टि
इस संबंध में कानूनी कार्रवाई का निर्देश सचिव सह कार्यपालक निदेशक राज्य स्वास्थ समिति बिहार द्वारा जिला स्वास्थ समिति बांका को प्राप्त हुआ था. आधिकारिक जानकारी के अनुसार वर्ष 2012 वर्ष 2013 के दौरान राज्य स्वास्थ्य समिति द्वारा अनुबंधित करीब दो दर्जन आपूर्तिकर्ता फर्मों में से इन 7 आपूर्तिकर्ताओं ने अनुबंध की शर्तों को दरकिनार करते हुए निर्धारित दवा की आपूर्ति नहीं की. कुछ आपूर्तिकर्ताओं ने थोड़ी बहुत दवा की आपूर्ति जरूर की लेकिन कुछ ने पूरी तरह राशि गबन कर लेने की कोशिश की. इस संबंध में कई बार समिति द्वारा पत्राचार भी किया गया.
विभागीय अंकेक्षण में भी इस बात की पुष्टि हुई थी. इस संबंध में जिला स्वास्थ समिति से स्पष्टीकरण मांगा गया था जिसका जवाब समिति ने दिया था. अंकेक्षण समिति की रिपोर्ट एवं जिला स्वास्थ्य समिति के जवाब के आधार पर इस बारे में आवश्यक कानूनी प्रक्रिया अपनाने की सलाह राज्य स्वास्थ्य समिति को दी गयी थी जहां से निर्देश प्राप्त होने पर जिला स्वास्थ समिति की ओर से सिविल सर्जन सह सदस्य सचिव जिला स्वास्थ समिति द्वारा शनिवार की शाम इस संबंध में प्राथमिकी दर्ज करने के लिए रिपोर्ट बांका थाना को दी गयी.
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