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जलाये जायेंगे जमीन के 70 हजार पुराने दस्तावेज

जलाये जायेंगे जमीन के 70 हजार पुराने दस्तावेज – 1990 से 2010 तक के दस्तावेज होंगे नष्ट – 1000 रुपया अधिकतम शुल्क जमा कर ले सकते हैं दस्तावेज – जमीन मालिक को फिर लाखों खर्च करने के बाद भी नहीं मिलेगा मूल दस्तावेज – राज्य निबंधन कार्यालय से आदेश मिलने के बाद होगा दस्तावेज नष्ट […]

जलाये जायेंगे जमीन के 70 हजार पुराने दस्तावेज – 1990 से 2010 तक के दस्तावेज होंगे नष्ट – 1000 रुपया अधिकतम शुल्क जमा कर ले सकते हैं दस्तावेज – जमीन मालिक को फिर लाखों खर्च करने के बाद भी नहीं मिलेगा मूल दस्तावेज –

राज्य निबंधन कार्यालय से आदेश मिलने के बाद होगा दस्तावेज नष्ट 22 बांका 21, 22 : जिला निबंधन पदाधिकारी डॉ राज किशोर साह एवं जिला निबंधन कार्यालय की तसवीर नवनीत,

बांका : जिला निबंधन कार्यालय बांका को सुलभ एवं इकोफ्रेंडली बनाने की कवायद तेज जो गयी है. वर्ष 2006 से जिला निबंधन कार्यालय कंप्यूटराइजड किया गया था.

इससे लोगों को अपनी जमीन का दस्तावेज पूर्व की तुलना में जल्द मिलने लगा. लेकिन वर्तमान में इसे और इतना सुलभ बना दिया गया है कि आज के निबंधन का दस्तावेज आज ही जमीन मालिकों को मिलने लगा है. लेकिन पुराने दस्तावेज, जो कातिबों के हाथ से लिखे हुए होते थे वो वर्ष 1990 से 2005 तक का निबंधन कार्यालय के रेकार्ड रूम में पड़ा हुआ है.

जिसके विनष्टीकरण की प्रक्रिया विभाग द्वारा तेज कर दी गयी है. साथ ही वर्ष 2006 से जब निबंधन कार्यालय कंप्यूटराइज हुआ है. उस समय से वर्ष 2010 तक के कंप्यूटराइज निबंधन दस्तावेज जो लोग नहीं ले गये है.

उनका भी दस्तावेज विनष्टीकरण के लिए प्रक्रिया में लगाया जा चुका है. कब तक का होगा केवाला विनष्ट जमीन के निबंधन का दस्तावेज को विनष्ट करने का दिशा निर्देश राज्य द्वारा मिलने के बाद जिला निबंधन कार्यालय के द्वारा वर्ष 1990 से वर्ष 2010 तक के दस्तावेज को जो जमीन मालिक नहीं ले गये है.

उनका दस्तावेज राज्य निबंधन कार्यालय से आदेश मिलने के बाद विनष्ट कर दिया जायेगा. उसके बाद वैसे जमीन मालिक जो अब तक मूल दस्तावेज नहीं ले गये है उन्हें उसकी मूल प्रति कभी नहीं मिलेगी. विनष्टीकरण की क्या है प्रक्रिया जिला निबंधन कार्यालय को राज्य निबंधन कार्यालय से विनष्ट करने के आदेश मिलने के बाद जिला निबंधन कार्यालय के द्वारा जो भी केवाला का मूल दस्तावेज नहीं ले गया है

उनके दस्तावेजों की सूची बना कर राज्य निबंधन कार्यालय को भेजा गया है. साथ ही विनष्ट का नियम यह है कि निबंधन कार्यालय जमीन के दस्तावेजों को निबंधन के तिथि से दो वर्ष तक ही अपने कार्यालय में रखेंगे उसके बाद विभाग द्वारा शेष बचे दस्तावेजों की सूची बना कर राज्य निबंधन कार्यालय को भेजेंगे

और वहां से आदेश मिलने के बाद उक्त दस्तावेजों को विनष्ट कर दिया जायेगा. पुराने दस्तावेज लेने की क्या है प्रक्रिया वर्तमान में जिला निबंधन कार्यालय में वर्ष 1990 के बाद से 2010 तक के शेष लगभग 70 हजार दस्तावेज जिला निबंधन कार्यालय में है. इन्हें लेने का शुल्क विभाग के द्वारा 100 रुपया प्रतिमाह है,

लेकिन अधिकतम शुल्क राज्य निबंधन कार्यालय के द्वारा 1000 रुपया रखा गया है. पुराने दस्तावेज लेने के लिए निबंधन के समय जो शुल्क का रसीद खरीदार को मिलता है वो जिला निबंधन कार्यालय के लेखागार प्रभारी दीनानाथ सहाय से मिल कर 1000 रुपये का शुल्क जमा कर जमीन मालिक दस्तावेज प्राप्त कर सकते है.

कहते हैं अधिकारी जिला निबंधन पदाधिकारी डॉ राज किशोर साह ने बताया कि वर्ष 1990 से पुराने दस्तावेज पड़े हुए है. जिन्हें विनष्ट करने का प्रक्रिया सतत जारी है

जो भी जमीन मालिक अपना दस्तावेज नहीं ले गये है वो जल्द से जल्द अपना दस्तावेज ले जाये. राज्य निबंधन कार्यालय से किसी भी दिन दस्तावेज विनष्ट करने का आदेश प्राप्त हो सकता है. आदेश मिलने के साथ ही दस्तावेजों को विनष्ट किया जायेगा.

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